इजरायल पर कई बड़े हमलों की साजिश का मास्टरमाइंड रहा है Ismail Haniyeh, जिसके 3 बेटों को IDF ने एयरस्ट्राइक में उड़ा दिया

इजरायल ने गाजा पर एयरस्ट्राइक की, जिसमें हमास के टॉप लीडर इस्माइल हानिया के तीन बेटे मारे गए. IDF ने तीनों की मौत की पुष्टि करते हुए दावा किया कि हानिया के तीनों बेटे मोहम्मद, आमिर और हाजेम गाजा में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे.

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Ismail Haniyeh (File Photo) Ismail Haniyeh (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

इजरायल और हमास के बीच जारी जंग 6 महीने बाद भी जारी है. अमेरिका के साथ-साथ यूरोप के तमाम देशों की गुजारिश के बाद भी इजरायल गाजा पट्टी पर हमले कम करने के लिए तैयार नहीं है. इस बीच अब इजरायल ने एयरस्ट्राइक कर हमास नेता इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) के तीन बेटों को मार गिराया है. IDF ने तीनों की मौत की पुष्टि करते हुए दावा किया कि हानिया के तीनों बेटे मोहम्मद, आमिर और हाजेम गाजा में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे. 

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इजरायल के अटैक में तीन बच्चों की मौत के बाद इस्माइल हानिया ने अल जजीरा को इंटरव्यू दिया. इसमें उसने कहा कि जेरूसलम और अल-अक्सा मस्जिद को आजाद कराने की जंग में उसके 4 में से 3 बेटे 'शहीद' हो गए. उसने आगे कहा कि दुश्मन को लगता है कि हमास लीडर्स के परिवारों को निशाना बनाकर हमें झुका देंगे. हम अपनी मांगों से पीछे हट जाएंगे. अगर किसी को लगता है कि मेरे बेटों को निशाना बनाकर वे हमास को उसका रुख बदलने पर मजबूर कर देंगे तो ये भ्रम है.

7 अक्टूबर के हमले से पहले दी थी चेतावनी

इस्माइल हानिया इजरायल पर कई बड़े हमलों का मास्टमाइंड रहा है. 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए जिस हमले से पूरा देश थर्रा गया था, इसके पीछे भी इस्माइल हानिया का हाथ होने की बात सामने आई थी. दरअसल, 7 अक्टूबर के हमले से पहले हानिया ने कहा था,'हमारे लोगों पर हो रहे अत्याचारों और पश्चिमी समर्थन को लेकर हमने अब सब खत्म करने का फैसला कर लिया है, ताकि दुश्मन समझ जाए कि बिना जिम्मेदार ठहराए वो मौज-मस्ती से नहीं रह सकता.'

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गाजा पट्टी से भागकर पहुंच गया था कतर

इस्माइल हानिया का जन्म 29 जनवरी 1962 को गाजा पट्टी के शरणार्थी शिविर में हुआ. हानिया पढ़ाई के दौरान ही हमास से जुड़ गया था. साल 2006 में हानिया फिलिस्तीन का प्रधानमंत्री बना. कई साल पहले वो गाजा पट्टी से भागकर कतर में आ गया था. वह 1980 से वह अलगाववादी आंदोलन का एक प्रमुख सदस्य रहा है. हानिया को 2017 में हमास के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख चुना गया था. अमेरिकी विदेश विभाग ने हानिया को 2018 में आतंकवादी घोषित कर दिया था. 

ओस्लो समझौते के तहत 1993 में लौटा गाजा

1988 में जब हमास का गठन हुआ तो हानिया इसके युवा संस्थापक सदस्यों में से एक था. 1988 में इजरायली अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. हानिया को 6 महीने की कैद की सजा सुनाई गई. उसे 1989 में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. 1992 में इज़राइल ने उसे करीब 400 दूसरे कैदियों के साथ दक्षिण लेबनान भेज दिया. ओस्लो समझौते के बाद हानिया 1993 में गाजा लौट आया. वापसी पर उसे इस्लामिक विश्वविद्यालय का डीन नियुक्त किया गया.

सात अक्टूबर से जारी है जंग

सात अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल पर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमला कर दिया था. इसके तुरंत बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था. इस जंग में गाजा पट्टी पूरी तरह से तबाह हो गई है.इजरायल और हमास जंग में मरने वालों फिलिस्तीनी नागरिकों की संख्या 33 हजार से ज्यादा हो गई है. अब तक गाजा के 23 लाख में से आधे नागरिकों ने अपना घर छोड़ दिया है.

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मरने वालों का आंकड़ा 33 हजार पार

हमास के हमले का इजरायल ने इस तरह से बदला लिया है कि गाजा में एक-दो हजार नहीं बल्कि 33000 फिलिस्तीनियों की जान ले ली गई है. मरने वालों में 70 फीसदी महिलाएं और बच्चे शामिल हैं- इसमें कमोबेश 14,350 बच्चे हैं. यूनाइटेड नेशन ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, मृतकों में 170 से ज्यादा संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी और सात वर्ल्ड सेंट्रल किचन के कर्मचारी शामिल हैं. पत्रकारों के लिए काम करने वाली संस्था की मानें तो छह महीने में 90 से ज्यादा पत्रकारों ने भी अपनी जान गंवा दी.

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