न्यूयॉर्क जाने के लिए नेतन्याहू ने क्यों चुना 600KM लंबा रास्ता? यूरोप का एयर स्पेस नहीं किया इस्तेमाल

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को न्यूयॉर्क जाने के लिए 600 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ा. अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के गिरफ्तारी वारंट के चलते उन्होंने यूरोप के कई देशों के हवाई क्षेत्र से परहेज किया. यह कदम नेतन्याहू पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव और कूटनीतिक संकट को दर्शाता है.

Advertisement
इजरायली पीएम नेतन्याहू ने पहली बार 600KM लंबा रास्ता तय कर अमेरिका पहुंचे हैं. (Photo: Reuters/File) इजरायली पीएम नेतन्याहू ने पहली बार 600KM लंबा रास्ता तय कर अमेरिका पहुंचे हैं. (Photo: Reuters/File)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST

न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में हिस्सा लेने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपनी विमान में गुरुवार को असामान्य रूप से लंबा रास्ता तय करके पहुंचे. इस दौरान विमान ने केवल इटली और ग्रीस के हवाई क्षेत्र का उपयोग किया और अन्य यूरोपीय देशों के ऊपर से उड़ान भरने से परहेज किया. इस वजह से यात्रा सैकड़ों किलोमीटर लंबी हो गई.

Advertisement

इस असामान्य रूट के पीछे अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के गिरफ्तारी वारंट को एक प्रमुख कारण माना जा रहा है. ICC ने नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट पर गाजा युद्ध के दौरान कथित युद्ध अपराधों के आरोप लगाए हैं. इजरायल ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है, लेकिन यूरोप के कई देश, जो ICC के सदस्य हैं, पहले ही कह चुके हैं कि अगर नेतन्याहू उनके क्षेत्र में पहुंचे तो वे अंतरराष्ट्रीय वारंट के आधार पर उन्हें गिरफ्तार करेंगे.

यह भी पढ़ें: इजराइल-तुर्की में सीधी भिड़ंत! एर्दोगन ने नेतन्याहू को घेरा, हमास पर दिया बड़ा बयान

पीएम नेतन्याहू 600 किलोमीटर की लंबी यात्रा तय कर न्यूयॉर्क पहुंचे हैं. फ्लाइट ट्रैकर पर दर्ज आंकड़ों से पता चला कि विमान ने स्पेन और फ्रांस के हवाई क्षेत्र से भी परहेज किया. जबकि, इजरायल ने फ्रांस से उड़ान भरने की अनुमति मांगी थी और फ्रांस ने मंजूरी भी दे दी थी. इसके बावजूद विमान ने फ्रांसीसी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं किया.

Advertisement

पत्रकारों को यात्रा से बाहर रखा गया

प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि सुरक्षा कारणों से इस बार नेतन्याहू के साथ कोई पत्रकार अमेरिकी दौरे पर नहीं जाएगा. इससे पहले जुलाई में अमेरिका की यात्रा के दौरान उन्होंने सीधा रास्ता अपनाया था, लेकिन इस बार की स्थिति अलग रही.

यह भी पढ़ें: इजरायल के खिलाफ एकजुट हुआ यूरोप! 24 घंटे में चार देशों के बड़े फैसले से भड़के नेतन्याहू

पहले भी बढ़े थे सफर के घंटे

यह पहली बार नहीं है जब नेतन्याहू को लंबा रास्ता चुनना पड़ा हो. फरवरी में अमेरिका की यात्रा के दौरान भी विमान ने लंबा मार्ग अपनाया था. वहीं, मई में उन्होंने तुर्की के ऊपर से उड़ान भरने से बचने के लिए अजरबैजान की यात्रा तक रद्द कर दी थी. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन, जो हमास की खुले तौर पर तारीफ कर चुके हैं और नेतन्याहू के कट्टर आलोचक हैं. उन्होंने नेतन्याहू को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से सख्त इंकार कर दिया था.

हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने न केवल नेतन्याहू और गैलेंट के खिलाफ वारंट जारी किया है, बल्कि हमास के कई नेताओं पर भी वारंट जारी किया था. हालांकि हमास के वे नेता अब इजरायली कार्रवाई में मारे जा चुके हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement