ईरान पर इजरायली हमले के बाद इस्लामिक गणराज्य के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने पहली बार टीवी इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान के परमाणु प्रोग्राम को समाप्त करने की कोई भी बात महज एक भ्रम है. पेजेश्कियान ने कहा कि ईरान के परमाणु प्रोग्राम पर कोई भी बातचीत दोनों पक्षों के लिए बराबरी के आधार पर होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा है कि ईरान किसी भी धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगा.
ईरानी राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी बुधवार को कतर के ब्रॉडकास्टर अलजजीरा टीवी नेटवर्क के साथ इंटरव्यू में कही. ईरान के परमाणु प्रोग्राम को लेकर ही इजरायल ने 13 जून को उस पर हमला कर दिया था. दोनों देशों के बीच 12 दिनों तक युद्ध चला. युद्ध रुकने से दो दिन पहले अमेरिका भी युद्ध में शामिल हो गया और उसने यूरेनियम संवर्धन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ईरान के तीन ठिकानों पर बमबारी की थी.
अमेरिका और इजरायल ने दावा किया कि उनके हमलों का मकसद ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना था. ईरानी अधिकारियों ने इस आरोप का पुरजोर खंडन करते हुए कहा है कि इस्लामी गणराज्य ने कभी भी परमाणु हथियार बनाने की कोशिश नहीं की और न ही कभी करेगा. ईरान का कहना है कि उसके इस्लामिक मूल्य ऐसे हथियार रखने की इजाजत नहीं देते.
अलजजीरा से बात करते हुए पेजेश्कियान ने कहा, 'ट्रंप का कहना है कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए और हम इसे स्वीकार करते हैं क्योंकि हम खुद परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहते. यह हमारी राजनीतिक, धार्मिक, मानवीय और रणनीतिक स्थिति है कि हम परमाणु हथियार नहीं चाहते.'
उन्होंने कहा कि ईरान अंतरराष्ट्रीय कानून के दायरे में रहकर अपने परमाणु प्रोग्राम और यूरेनियम संवर्धन को जारी रखना चाहता है.
उन्होंने ट्रंप के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि ईरान का परमाणु प्रोग्राम फोर्डो, इस्फहान और नतांज के तीन परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हवाई हमलों के कारण समाप्त हो गया है.
उन्होंने कहा, 'ट्रंप का यह दावा कि हमारा परमाणु प्रोग्राम समाप्त हो गया है, केवल एक भ्रम है.' उन्होंने आगे कहा कि ईरान की परमाणु क्षमताएं उसके वैज्ञानिकों के दिमाग में हैं, न कि उसके संयंत्रों में.
इजरायल ने ईरान पर तब हमला किया जब वो अपने परमाणु प्रोग्राम को लेकर अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा था. इस बीच, अमेरिका ने ईरान के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की इच्छा जताई है, साथ ही धमकी दी है कि अगर ईरान अपना परमाणु प्रोग्राम जारी रखता है तो वो फिर से हवाई हमले करेगा.
ट्रंप की इस धमकी पर पेजेश्कियान ने कहा, 'ईरान कूटनीति में विश्वास करता है, इसलिए भविष्य की कोई भी वार्ता ऐसी होना चाहिए जिसमें दोनों पक्ष फायदे में रहें. और एक बात, हम धमकियों और दूसरों के आदेशों को स्वीकार नहीं करेंगे.'
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