पाकिस्तान के चुनाव नतीजों में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (N) के नेता नवाज शरीफ आम चुनाव जीत गए हैं. वे NA 130 (लाहौर) सीट से लगातार पिछड़ रहे थे. नवाज एक सीट पर अभी भी पीछे चल रहे हैं. नवाज की बेटी मरियम नवाज और भाई शहबाज शरीफ भी चुनाव जीत गए हैं. वहीं, आतंकी हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद NA-122 (लाहौर) सीट से चुनाव हार गया है.
आतंकी हाफिज सईद का बेटा तल्हा हाफिज नतीजों में तीसरे नंबर पर आया है. PTI समर्थित उम्मीदवार लतीफ खोसा ने NA 122 सीट पर जीत हासिल की है और प्रतिद्वंदी ख्वाजा साद रफीक को 1,17,109 वोटों से हराया है.
आतंकी हाफिज सईद की पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) चुनाव मैदान में उतरी थी. उसने देशभर में प्रत्येक राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. हालांकि, नतीजे उसके पक्ष में नहीं आए हैं.
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हाफिज के रिश्तेदार भी चुनाव मैदान में उतरे थे!
हाफिज ने अपने बेटे तल्हा सईद को भी उम्मीदवार बनाया था. इस संगठन द्वारा पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से नामांकित कुछ उम्मीदवार ऐसे थे, जो या तो हाफिज सईद के रिश्तेदार थे या अतीत में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा या मिल्ली मुस्लिम लीग से जुड़े रहे हैं. हाफिज से जुड़ा संगठन पाकिस्तान की जनता को बरगलाने के लिए सियासी एजेंडा लेकर भी आया था. उसकी पार्टी चुनाव में इस्लामिक स्टेट का सपना दिखा रही थी. हालांकि, उसकी बातों और दावों पर लोगों ने भरोसा नहीं दिखाया.
बता दें कि हाफिज मोहम्मद सईद मुंबई में 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है. इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे. अमेरिका ने भी उसके संगठन को आतंकी घोषित कर रखा है. यूएस ने उस पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है. फिलहाल, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (JuD) के कुछ अन्य नेताओं के साथ 2019 से जेल में है. उसे आतंकी फंडिंग मामलों में दोषी ठहराया गया है. सईद के नेतृत्व वाला JuD लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का फ्रंटल संगठन है, ये 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है.
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'इस्लामिक स्टेट का सपना दिखा रही हाफिज की पार्टी'
हाफिज सईद द्वारा स्थापित पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) पार्टी का कहना है कि यह एक राजनीतिक पार्टी है. पीएमएमएल का चुनाव चिह्न 'कुर्सी' है. PMML की तरफ से चुनावी सभाओं में कहा जा रहा था कि वो देश को एक इस्लामी कल्याणकारी राज्य बनाना चाहते हैं.
'पाकिस्तान को इस्लामिक वेलफेयर स्टेट बनाने का दावा'
एक वीडियो संदेश में PMML के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु ने कहा था, उनकी पार्टी अधिकांश राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हम भ्रष्टाचार के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सेवा करने और पाकिस्तान को एक इस्लामिक कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं.
10 सीटों पर इमरान समर्थक जीते
पाकिस्तान में अब तक 24 सीटों के नतीजे आ गए हैं. इमरान समर्थक निर्दलियों को 10 सीटों पर जीत मिली है. दूसरे नंबर पर पीएमएल आई है. नवाज शरीफ की पार्टी को 8 और बिलावट की पार्टी ने 5 सीटों पर जीत हासिल की है.
पाकिस्तान चुनाव परिणाम में धांधली की आशंका जताई जा रही थी. पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि गिनती के बाद भी नतीजे घोषित नहीं किए जा रहे हैं. क्योंकि इमरान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार को भारी जीत मिल रही है.
पाकिस्तान में कुल 342 सीटें हैं. हालांकि, चुनाव 265 सीटों पर हो रहा है और बहुमत के लिए 133 सीटों की जरूरत होगी. पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पीटीआई उम्मीदवारों का दबदबा है. सिंध प्रांत में PPP का प्रभाव है. जबकि बलूचिस्तान में मिले जुले नतीजे आ रहे हैं.
2018 के चुनाव में इमरान खान की पीटीआई ने 149 सीटें जीती थीं. नवाज शरीफ की पार्टी PML (N) ने 82 सीटें हासिल की थीं. बिलावट भुट्टो की PPP को 54 सीटें मिली थीं. 47 सीटों पर अन्य दलों ने कब्जा किया था.
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पाकिस्तान में फिलहाल गृह युद्ध के आसार हैं. नवाज शरीफ के एक बार फिर देश छोड़कर जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. इमरान समर्थक सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं और चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी में है. पीटीआई समर्थकों ने मतगणना केंद्र पर बैलेट पेपर जला दिया है. पीटीआई का कहना है कि हमारे नेताओं को हराया जा रहा है.
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