अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के बीच चल रही खींचतान पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है. ट्रंप के 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' के पास होने के बाद मस्क ने अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान करते हुए अमेरिकी राजनीति में नई हलचल मचा दी है. मस्क ने ‘अमेरिका पार्टी’ की घोषणा करते हुए साफ किया कि उनकी पार्टी की सबसे बड़ी प्राथमिकता जेफरी एप्सटीन से जुड़े रहस्यमयी दस्तावेजों को सार्वजनिक करना है.
मस्क ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक के बाद एक पोस्ट करते हुए कहा, “अगर ट्रंप जेफरी एप्सटीन की फाइलें सार्वजनिक नहीं करते, तो जनता उन पर भरोसा कैसे करे?”
यह बयान तब आया है जब हाल ही में अमेरिकी अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एप्सटीन की 'क्लाइंट लिस्ट' नाम की कोई लिस्ट मौजूद ही नहीं है. इस बयान के बाद अमेरिकी राजनीति में विरोध और संदेह की लहर दौड़ गई है.
एलन मस्क बोले- 100 फीसदी प्राथमिकता
एक्स पर एक यूजर ने जब मस्क से पूछा कि क्या एप्सटीन फाइलों को उजागर करना अमेरिका पार्टी की प्राथमिकताओं में शामिल होगा? मस्क ने जवाब दिया, “100.” इस एक शब्द से साफ है कि एलन मस्क इस मुद्दे को अपनी पार्टी के एजेंडे में सबसे ऊपर रख रहे हैं.
ट्रंप की चुप्पी से समर्थकों में नाराज़गी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो पहले एप्सटीन फाइलों को सार्वजनिक करने का वादा कर चुके हैं, अब इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. जब एक व्हाइट हाउस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप से इस विषय में सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ कहा, “अब भी एप्सटीन की बात कर रहे हो? ये व्यक्ति तो वर्षों से चर्चा में है.”
इसके बाद ट्रंप ने सीधे सवालों को टालते हुए पत्रकार को फटकार लगाई और कहा कि जब देश टेक्सास में भीषण बाढ़ जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है, तब इस विषय पर बात करना बेकार है.
अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी पर भी विवाद
ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी का बचाव किया, जो हाल ही में एक इंटरव्यू में कह चुकी थीं कि क्लाइंट लिस्ट उनके डेस्क पर है. लेकिन मंगलवार को उन्होंने बयान बदलते हुए कहा कि उनका मतलब पूरी एप्सटीन केस फाइल से था, न कि किसी विशेष लिस्ट से.
क्यों बना एप्सटीन केस फिर से चर्चा का विषय?
बता दें कि जेफरी एप्सटीन एक कुख्यात अमेरिकी फाइनेंसर था, जिस पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोप थे. 2019 में जेल में रहस्यमयी हालात में उसकी मौत हो गई थी, लेकिन उसकी 'क्लाइंट लिस्ट' और उन ताकतवर लोगों के नाम जो उसकी गतिविधियों में शामिल थे, आज भी एक रहस्य बने हुए हैं.
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