डोनाल्ड ट्रंप कल नाटो शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल, सदस्य देशों से रक्षा खर्च बढ़ाने पर देंगे जोर

नाटो लीडर्स इस सप्ताह एक ऐतिहासिक समझौते को मंजूरी देने के लिए तैयार हैं, जिसके तहत सदस्य देशों को अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5% रक्षा पर खर्च करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. लेकिन इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पहले से ही आंतरिक टकराव का सामना करना पड़ रहा है.

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 डोनाल्ड ट्रंप 24 जून, 2025 को हेग में नाटो शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल. (AP Photo) डोनाल्ड ट्रंप 24 जून, 2025 को हेग में नाटो शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल. (AP Photo)

aajtak.in

  • वाशिंगटन,
  • 23 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST

व्हाइट हाउस ने सोमवार को पुष्टि की कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 जून को नीदरलैंड के हेग में आयोजित नाटो (North Atlantic Treaty Organization) की उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति के नाटो सदस्यों पर रक्षा खर्च में वृद्धि करने के लिए दबाव डालने की उम्मीद है. व्हाइट हाउस ने शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रंप द्वारा की जाने वाली किसी भी द्विपक्षीय बैठक का विवरण जारी नहीं किया है. नाटो की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक परिदृश्य अधिक अस्थिर बना हुआ है. यूक्रेन पर रूस की सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं तथा ईरान की न्यूक्लियर प्रोग्रेस के बाद मध्य पूर्व में अस्थिरता फिर से बढ़ रही है.

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ट्रंप लंबे समय से नाटो सदस्यों की अपर्याप्त वित्तीय योगदान के लिए आलोचना करते रहे हैं. ऐसी उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बैठक में यह मांग कर सकते हैं कि इस सैन्य गठबंधन के सभी सदस्य देश अपनी जीडीपी का कम से कम 2% नाटो के डिफेंस बजट के​ लिए योगदान करें और चाहें तो उससे अधिक कर सकते हैं. हेग में होने वाली बैठक में ट्रंप का शामिल होना, नवंबर 2024 में दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद से नाटो के मंच पर उनकी पहली प्रमुख उपस्थिति होगी. 

यह भी पढ़ें: 'गैम्बलर ट्रंप... जंग तुमने शुरू की है, खत्म हम करेंगे', इजरायल पर मिसाइल बरसा रहे ईरान ने अमेरिका को दी धमकी

नाटो लीडर्स इस सप्ताह एक ऐतिहासिक समझौते को मंजूरी देने के लिए तैयार हैं, जिसके तहत सदस्य देशों को अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5% रक्षा पर खर्च करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. लेकिन इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पहले से ही आंतरिक टकराव का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि स्पेन और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों को इसमें प्रमुख छूट दी गई है- जिससे निष्पक्षता और व्यवहार्यता पर सवाल उठ रहे हैं. 

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खर्च के बोझ को लेकर नाटो सदस्यों में मतभेद

नाटो के सदस्य देशों द्वारा अपनी जीडीपी का 5% रक्षा पर खर्च करने का प्रस्तावित लक्ष्य वर्तमान न्यूनतम मानक 2% से काफी अधिक है, फिर भी यह समान रूप से लागू नहीं होगा. स्पेन ने आर्थिक चुनौतियों और राजनीतिक बाधाओं का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव से सफलतापूर्वक अलग होने पर बातचीत की है. इस बीच, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 5% का आंकड़ा केवल अमेरिकी सहयोगियों पर लागू होना चाहिए, स्वयं संयुक्त राज्य अमेरिका पर नहीं.

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