'...तो ईरान पर फिर से बम बरसाएगा अमेरिका', खामेनेई के विदेश मंत्री पर भड़के ट्रंप ने दे डाली धमकी!

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा था कि अमेरिकी हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है लेकिन ईरान अपना परमाणु संवर्धन नहीं छोड़ेगा. उनकी इस टिप्पणी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका ईरान पर दोबारा बम बरसाएगा.

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डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है (Photo- Reuters) डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची के उस बयान पर भड़क गए हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका देश अपना यूरेनियम संवर्धन प्रोग्राम नहीं छोड़ेगा. अरागची के इस बयान पर ट्रंप ने ईरान को धमकी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर ईरान यूरेनियम संवर्धन जारी रखता है तो जरूरत पड़ने पर ईरान पर फिर से बम बरसाएगा.

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ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रूथ पर लिखा है कि अमेरिका के हमलों में ईरान के मुख्य परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है और अगर जरूरत पड़ी तो अमेरिका फिर से ईरान पर हवाई हमले करेगा.

ट्रंप की इस टिप्पणी से पहले इरानी विदेश मंत्री अरागची ने अपने यूरेनियम संवर्धन प्रोग्राम को राष्ट्रीय गौरव का विषय बताया. फॉक्स न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि ईरान अपना यूरेनियम संवर्धन प्रोग्राम बंद कर दे लेकिन ईरान अपने इस प्रोग्राम को चालू रखेगा.

उन्होंने कहा, 'हम अपना संवर्धन प्रोग्राम नहीं छोड़ सकते क्योंकि यह हमारे अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धि है. और अब, उससे भी बढ़कर यह हमारे लिए राष्ट्रीय गौरव का सवाल बन गया है. हमारा संवर्धन हमें बहुत प्रिय है.'

अमेरिकी हमले के बावजूद परमाणु प्रोग्राम को चालू रखने पर अड़ा ईरान

अमेरिका हमेशा से ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर सवाल उठाता रहा है और उसने ईरान के यूरेनियम संवर्धन को रोकने की कोशिश की है. अमेरिका को शक है कि ईरान परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम संवर्धन कर लेगा जो मध्य-पूर्व में उसके लिए बड़ी चुनौती होगी. अमेरिका चाहता है कि ईरान में यूरेनियम संवर्धन पर पूरी तरह रोक लग जाए. लेकिन अरागजी ने साफ कर दिया है कि ईरान अमेरिका की इस डिमांड पर कभी भी राजी नहीं होगा.

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पिछले महीने अमेरिका समर्थित इजरायली हमलों में ईरान के कुछ परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा था. ईरान के परमाणु प्रोग्राम को बर्बाद करने के लिए किए गए हमलों के बावजूद, ईरान अपने रुख पर अड़ा हुआ है. अरागची ने कहा, 'हमारे ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है. नुकसान का आकलन अब हमारा परमाणु ऊर्जा संगठन कर रहा है. लेकिन जहां तक मुझे पता है, ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है.'

उन्होंने यह भी बताया कि हमले के कारण हुई बर्बादी की वजह से यूरेनियम संवर्धन की गतिविधि को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि हमले के बाद कोई संवर्धित यूरेनियम बचा है या नहीं.

अपने परमाणु प्रोग्राम को शांतिपूर्ण बताता है ईरान

ईरान का कहना है कि उसका परमाणु प्रोग्राम नागरिक उद्देश्यों के लिए है, वहीं अमेरिका और नेटो देशों का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कगार पर है. इजरायल और अमेरिका के हमलों से पहले, परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसी IAEA के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने आरोप लगाया था कि ईरान परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री हासिल करने से कुछ हफ्ते ही दूर है.

ईरान हमेशा से कहता रहा है कि वह परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहता. उसका कहना है कि परमाणु ऊर्जा का काम सिर्फ नागरिक ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए है.

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अमेरिका का सुझाव है ईरान खुद यूरेनियम संवर्धन करने के बजाय, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब जैसे अन्य देशों के साथ साझा व्यवस्था के जरिए इसे हासिल कर सकता है. इस तरह, ईरान खुद संवर्धन किए बिना भी ऊर्जा उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग कर सकता है.

हालांकि, ईरान ने इस सुझाव को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. पिछले महीने, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी ईरान की परमाणु प्रोजेक्ट को एक बड़ी राष्ट्रीय उपलब्धि बताया था. 

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