गाजा में बढ़ा फिलीस्तीनियों के मारे जाने का आंकड़ा, अब तक 23357 लोगों की मौत

बयान में कहा गया कि गाजा की 2.3 मिलियन की आबादी में से लगभग 1.9 मिलियन लोग विस्थापित हो गए हैं क्योंकि पूरे पड़ोस को इजरायली बमबारी द्वारा नष्ट कर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी पर इजरायली सैन्य अभियानों में कम से कम 147 फिलिस्तीनी मारे गए और 243 अन्य घायल हो गए.

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गाजा में फिलिस्तीनियों के मारे जाने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है (फाइल फोटो) गाजा में फिलिस्तीनियों के मारे जाने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST

गाजा में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 23,357 हो गया है. गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि 7 अक्टूबर को इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों में फिलीस्तीनियों की मौत की संख्या बढ़कर 23,357 हो गई है, जबकि 59,410 लोग घायल हुए हैं.

इसमें कहा गया है कि गाजा की 2.3 मिलियन की आबादी में से लगभग 1.9 मिलियन लोग विस्थापित हो गए हैं क्योंकि पूरे पड़ोस को इजरायली बमबारी द्वारा नष्ट कर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी पर इजरायली सैन्य अभियानों में कम से कम 147 फिलिस्तीनी मारे गए और 243 अन्य घायल हो गए. 

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हमास के मीडिया कार्यालय ने एक बयान में कहा, बुधवार को मध्य गाजा के दीर अल-बलाह में अल-अक्सा शहीद अस्पताल के निकट एक घर को निशाना बनाकर किए गए इजरायली बम विस्फोट में अकेले 40 से अधिक लोग मारे गए या घायल हो गए. 

शुक्रवार को बुलाई अरब समूह की बैठक 
बता दें कि, फिलिस्तीनी राजदूत ने यूएन में फिर से मुद्दा उठाने के लिए शुक्रवार को अरब समूह की बैठक बुलाई है. हालात काफी चिंताजनक हो चुके हैं. लगातार हमले रोकने की तमाम कोशिशें अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही हैं. इजरायल के तेल अवीव दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी युद्ध को जल्द खत्म करने की बात कही है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम चाहते हैं कि ये जंग जल्द से जल्द खत्म हो जाए.

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इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई है. लाखों की संख्या में लोग इस युद्ध की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि इजराइल अपने हितों की रक्षा को सुनिश्चित करे, ताकि दोबारा कोई 7 अक्टूबर जैसा हमला करने से पहले कई बार सोचे. देखा जाए तो अमेरिका दोतरफा बातें कर रहा है. वो जंग रोकना भी चाहता, लेकिन इजरायल का समर्थन भी कर रहा है.

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