इस देश ने 5 गुना बढ़ाई फ्यूल की कीमतें, बिजली 25% हुई महंगी, जानें क्या है वजह

क्यूबा इस वक्त इंफ्लेशन यानी मुद्रास्फिति के कठिन दौर से गुजर रहा है. इस बीच यहां की सरकार ने फ्यूल की कीमतों में 5 गुना इजाफा हो गया है. यह फैसला 1 फरवरी से पूरे क्यूबा में लागू हो जाएगा. फिलहाल, सरकार द्वारा ईंधन की कीमतों में वृद्धि के बाद क्यूबा में फ्यूल पंपों पर लंबी कतारें लगी हुई हैं.

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Fuel price rise in Cuba ( Pic credit: Reuters) Fuel price rise in Cuba ( Pic credit: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

क्यूबा देश इन दिनों भीषण मंहगाई के दौर से गुजर रहा है. क्यूबाई सरकार ने अपने देशवासियों को बड़ा झटका देते हुए फ्यूल की कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है.

फ्यूल की कीमतों में 5 गुना इजाफा

क्यूबा इंफ्लेशन यानी मुद्रास्फीति के कठिन दौर से गुजर रहा है. यहां फ्यूल की कीमतों में 5 गुना इजाफा हो गया है. यह फैसला 1 फरवरी से पूरे क्यूबा में लागू हो जाएगा. यहां अब तक एक लीटर नियमित गैसोलीन की कीमत 25 Peso ( 86.58 रुपये) थी. इस फैसले के बाद इसकी कीमत बढ़कर 132 Peso(457.15 रुपये)  हो जाएगी. वहीं, प्रीमियम गैसोलीन की कीमत 30 Peso (103.9) प्रति लीटर थी. अब 156 Peso ( 540.26 रुपये) में बिकेगी. क्यूबाई सरकार ने डीजल समेत अन्य ईंधनों पर पर भी 5 गुना इजाफा किया है. साथ बिजली की कीमतों में 25% की वृद्धि की गई है. इसके अलावा प्राकृतिक गैस की लागत में भी इजाफा होगा.

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कोरोना वायरस और अमेरिका प्रतिबंध क्यूबा के इस हालात के जिम्मेदार

क्यूबा के वित्त मंत्री व्लादिमीर रेगुएरो ने कहा है कि सरकार 29 नए पेट्रोल स्टेशन भी खोलेगी जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ईंधन खरीद पर सिर्फ अमेरिकी डॉलर में भुगतान स्वीकार करेंगे. उनका मानना है कि इन उपायों से देश के मौजूदा घाटे में कमी आएगी और क्यूबा नगदी संकट से उबरेगा.बता दें कि क्यूबा आर्थिक उथल -पुथल का शिकार हुआ है. कोरोना वायरस महामारी और अमेरिका द्वारा कड़े आर्थिक प्रतिबंधों के देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति और खराब हो गई.

रियायती कीमतों पर फ्यूल नहीं बेचने का दे दिया था संकेत

हाल ही में अर्थव्यवस्था मंत्री एलेजांद्रो गिल ने बयान दिया था कि उनके यहां फ्यूल की कीमतें सबसे सस्ती है. सरकार अब रियायती कीमतों पर ईंधन नहीं बेच सकती. इस पर अर्थशास्त्री उमर एवरलेनी पेरेज़ ने समाचार एजेंसी एएफपी पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी थी. उन्होंने कहा था. वैश्विक मानकों के हिसाब से क्यूबा में फ्यूल सबसे सस्ता है. हालांकि, अगर देश में लोगों के वेतन से इसकी तुलना की जाए तो ये काफी महंगा है. फिलहाल, सरकार द्वारा ईंधन की कीमतों में वृद्धि के बाद क्यूबा में फ्यूल पंपों पर लंबी कतारें लगी हुई हैं.

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भोजन, दवा और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कमी से जूझ रहा है क्यूबा

बता दें कि क्यूबा पिछले 4 सालों से गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. बहुत अधिक हद तक आयात पर निर्भर ये देश भोजन, दवा और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कमी से जूझ रहा है. इन्हीं सब दिक्कतों के चलते सरकार को क्यूबा की 2023 की पारंपरिक मई दिवस परेड रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

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