बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का दौर जारी है. दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग के कुछ दिनों बाद एक और हिंदू व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 29 वर्षीय अमृत मंडल उर्फ सम्राट की बुधवार रात राजबाड़ी के पांग्शा उप-जिले में लिंचिंग कर दी गई. वहीं बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने दावा किया है कि इस घटना का सांप्रदायिक हिंसा से कोई संबंध नहीं है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक बयान में कहा कि मृतक अमृत मंडल उर्फ सम्राट एक कुख्यात अपराधी था जो जबरन वसूली के इरादे से इलाके में आया था. आक्रोशित स्थानीय निवासियों के साथ झड़प के दौरान उसकी जान चली गई.
वहीं 17 वर्ष के निर्वासन के बाद वतन वापसी करने वाले बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान आज ढाका में पार्टी के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. वह 17 साल बाद आज बांग्लादेश में जुमा की नमाज में हिस्सा लेंगे. रहमान गुरुवार रात ढाका के एवरकेयर अस्पताल में अपनी बीमार मां और बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया से मिलने के बाद अपने घर गुलशन लौट आए. वह 1971 के मुक्ति युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सावर स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक भी जाएंगे. कल वह बोगुरा 6 सीट से आगामी राष्ट्रीय चुनावों के लिए अपना नामांकन भी दाखिल करेंगे.
नेशनल हिंदू महाजोत के सदस्यों ने ढाका में नेशनल प्रेस क्लब में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने दीपू दास की क्रूर हत्या की निंदा की और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ जारी अत्याचारों पर चिंता व्यक्त की.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने गुरुवार को कपड़ा कारखाने में काम करने वाले दीपू चंद्र दास की हत्या के सिलसिले में छह और लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें सुनामगंज का 22 वर्षीय तकबीर, ठाकुरगांव का 42 वर्षीय रुहुल अमीन, सदर उपजिला का 33 वर्षीय नूर आलम, तारकंडा उपजिला का 28 वर्षीय शमीम मियां, नोआखाली का 22 वर्षीय सलीम मियां, मदारीपुर जिले का 23 वर्षीय मासूम खलाशी हैं. अब तक इस मामले में कुल 18 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस बीच बांग्लादेश पुलिस ने बताया कि दीपू चंद्र दास की हत्या के मामले में चार आरोपियों तारिक हुसैन, मानिक मियां, निजामुल हक और अजमल छागिल ने अदालत में अपना जुर्म कबूल कर लिया है. आरोपियों ने वरिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज कराए.
तारिक रहमान 24 दिसंबर को जब अपना मुल्क लौटने की तैयारी कर रहे थे, तो उनके मन में बांग्लादेश को लेकर एक सपना था. सेकुलर बांग्लादेश का, लोकतांत्रिक बांग्लादेश का. उस बांग्लादेश का जहां कानून का राज होगा. बांगलादेश को लेकर उनका सपना उनके भाषणों में साफ दिखता है. लेकिन ठीक उसी समय बांग्लादेश में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी. 24 दिसंबर की रात को बांग्लादेश के राजबाड़ी जिले के पांग्शा उपजिला में होसेंडांगा पुराने बाजार क्षेत्र में रात करीब 11 बजे एक भीड़ ने हिन्दू युवक अमृत मंडल की हत्या कर दी. भीड़ ने सबसे पहले अमृत मंडल पर हमला किया और उसकी खूब पिटाई कर दी. पुलिस ने उन्हें गंभीर हालत में उन्हें बचाया और अस्पताल पहुंचाया, जहां रात करीब 2 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पढ़ें पूरी खबर
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) आज राजधानी ढाका के पूर्वाचल स्थित 36 जुलाई एक्सप्रेसवे (300 फीट चौड़ी सड़क), एयरपोर्ट रोड और आसपास के इलाकों में सफाई अभियान शुरू करेगी. 17 साल के निर्वासन के बाद, बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान गुरुवार को अपने परिवार के साथ देश लौट आए. ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से वह पूर्वाचल के 300 फुट रोड इलाके में गए. हवाई अड्डे से पूर्वाचल स्थित स्वागत समारोह स्थल तक लगभग साढ़े छह किलोमीटर का रास्ता लोगों से खचाखच भरा हुआ था. तारिक रहमान की सभा के बाद, 36 जुलाई एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट रोड और आसपास के क्षेत्रों में जमा कचरे को हटाने के लिए बीएनपी ने यह सफाई अभियान शुरू करने का फैसला किया है.
बांग्लादेश में फरवरी 2026 में होने वाले राष्ट्रीय चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के बीच बातचीत चल रही है. एनसीपी के कई सदस्य इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, जबकि पार्टी का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा है. अगले कुछ दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कोई समझौता हो पाएगा या नहीं. वहीं मामूनुल हक के नेतृत्व वाली बांग्लादेश खिलाफत मजलिस, जमात-ए-इस्लामी सहित धर्म आधारित दलों के आठ सदस्यीय गठबंधन से बाहर होने पर विचार कर रही है.
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की ढाका वापसी पर बांग्लादेश में भारत की पूर्व राजदूत वीना सिकरी कहती हैं, 'तारिक रहमान 17 वर्षों से लंदन में निर्वासन में थे. इस पूरे समय पूर्ववर्ती शेख हसीना सरकार ने उन्हें देश वापस आने की अनुमति नहीं दी. जब वह अपनी मां की बीमारी के कारण थोड़ा पहले वापस आना चाहते थे, तब भी सरकार ने कहा कि अगर वह चाहें तो एक बार का यात्रा पास मांग सकते हैं, जिसका मतलब है कि सरकार उनके आगमन को नियंत्रित कर रही थी. अब उन्हें यात्रा पास दे दिया गया है और वह बांग्लादेश पहुंच गए हैं. निश्चित रूप से, मुझे लगता है कि 17 वर्षों बाद उनकी वापसी से बीएनपी की लोकप्रियता में भारी उछाल आएगा... जमात-ए-इस्लामी इस समय बीएनपी का बहुत समर्थन नहीं करती है. वह पहले बीएनपी के साथ गठबंधन में थी. अभी जमात-ए-इस्लामी अन्य इस्लामी दलों को एकजुट करने को प्राथमिकता दे रही है.'
बांग्लादेश के कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या को लेकर उसके भाई ने अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसने कहा है कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के एक गुट ने आगामी आम चुनाव को पटरी से उतारने के लिए उस्मान हादी की हत्या की साजिश रची थी. इस दावे के कुछ घंटों बाद ही, मुख्य सलाहकार यूनुस के विशेष सहायक (गृह मंत्रालय) मोहम्मद खुदा बख्श चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान, जो पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के पुत्र हैं, 17 साल के निर्वासन के बाद गुरुवार को बांग्लादेश लौट आए. उन्होंने अपनी बीमार मां, खालिदा जिया से अस्पताल में मुलाकात की. तारिक रहमान ने बांग्लादेश की जनता से देश में शांति और स्थिरता लाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान आज ढाका में पार्टी के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. वह 17 साल बाद बांग्लादेश की धरती पर जुमे की नमाज अदा करेंगे. रहमान कल रात ढाका के एवरकेयर अस्पताल में अपनी बीमार मां, बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया से मिलने के बाद गुलशन स्थित अपने घर लौट आए. वह सावर स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर जाकर 1971 के मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और बांग्लादेश की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के बाद वोटर कार्ड प्राप्त करेंगे. वह कल बोगुरा 6 सीट से आगामी राष्ट्रीय चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे.