SEAT 11A... दो अलग-अलग प्लेन क्रैश, एक ही नंबर की सीट और दो यात्रियों के बचने की चमत्कारी कहानी

दो अलग-अलग विमान हादसों के एकमात्र जीवित यात्री की सीट नंबर 11A की कहानी चौंकाने वाली है. थाई अभिनेता रूआंगसाक और ब्रिटिश नागरिक विशाल रमेश, दोनों ने इसी सीट से मौत को मात दी. सोशल मीडिया पर भी इस सीट की काफी चर्चा हो रही है.

Advertisement
थाई एक्टर, एयर इंडिया क्रैश में बचा रमेश थाई एक्टर, एयर इंडिया क्रैश में बचा रमेश

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2025,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

11 दिसंबर, 1998 को थाई अभिनेता और गायक 20 वर्षीय रूआंगसाक लॉयचुसाक ने मौत को मात दी थी, जब थाई एअरवेज फ्लाइट TG261 दक्षिण थाईलैंड में लैंडिंग के दौरान एक दलदल में क्रैश लैंडिंग की थी. इस हादसे में विमान में सवार 146 लोगों में से 101 की जान चली गई थी. रूआंगसाक उसी विमान की सीट 11A पर बैठे थे, और आज 47 वर्ष के होने के बाद उनका कहना है कि उन्होंने एक रहस्यमयी संयोग देखा है.

Advertisement

हाल ही में एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के दुखद हादसे की खबर सुनते हुए रूआंगसाक को पता चला कि इसके एकमात्र जीवित यात्री विशाल कुमार रमेश भी उसी सीट 11A पर बैठा था. एयर इंडिया का यह बोइंग ड्रीमलाइनर अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 242 में से सिर्फ रमेश बच पाए.

यह भी पढ़ें: 'ब्लैक बॉक्स के डेटा को डिकोड किया जा रहा है...', एअर इंडिया हादसे के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू

मैं भी रमेश की तरह सीट 11ए पर बैठा था!

रूआंगसाक ने थाई भाषा में एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "भारत में एक विमान दुर्घटना के जीवित बचे शख्स के जैसे ही मैं अपनी सीट 11A पर ही बैठा था." उन्होंने कहा कि अपने 1998 के बोर्डिंग पास अब उनके पास नहीं है, लेकिन अखबारों में उनके सीट नंबर और सुरक्षित रहने का जिक्र है.

Advertisement

इस हादसे के बाद रूआंगसाक ने अपनी जिंदगी "दूसरी जिंदगी" के रूप में बताया. उन्होंने कई बार उस दुर्घटना के बाद मानसिक पीड़ा और ‘सर्वाइवर गिल्ट’ के बारे में खुलकर बात की. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने लगभग एक दशक तक हवाई यात्रा भी नहीं की. एयर इंडिया हादसे पर उन्होंने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई.

यह भी पढ़ें: एअर इंडिया विमान हादसा: MoCA में हाईलेवल बैठक, 240 DNA सैंपल कलेक्ट और क्रैश साइट पहुंची NIA और AAIB

सीट11ए इमरजेंसी एक्जिट के पास होता है

विशाल रमेश, जो एमरजेंसी एक्ज़िट के पास बैठे थे, विमान के जमीन पर गिरने के समय बाहर फेंका गए थे, और कई चोटें आने के बावजूद अस्पताल तक पहुंचने में सफल रहे. अस्पताल में दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया, "मुझे नहीं पता मैं कैसे बचा. जब मेरी आंखें खुलीं तो मैंने खुद को सीट से निकाला और भागने की कोशिश की."

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement