उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच अदावत की खबरें सुर्खियों में बनी रहती हैं. लेकिन रविवार को केपी मौर्य का सीएम योगी को लेकर एक ऐसा बयान सामने आया, जिसे सुनकर कहा जा सकता है कि अब सरकार और संगठन के बीच छिड़ी रार शांत हो गई है. दरअसल, मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इसी सिलसिले में केशव प्रसाद मौर्या रविवार को यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे.
अपने संबोधन में केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, 'देश मे भी भाजपा की सरकार है और राज्य में भी. आप भी यह जानते और मानते हैं कि हमारी डबल इंजन की सरकार स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे अच्छा कार्य कर रही है. दुनिया में पीएम मोदी जैसा कोई दूसरा नेता है क्या... और देश योगी आदित्यनाथ जैसा कोई दूसरा मुख्यमंत्री है क्या? दुनिया के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली नेता हमारे पीएम मोदी हैं और देश में जब सभी मुख्यमंत्रियों की तुलना होती है तो सबसे अच्छा काम सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में किया जा रहा है.'
हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा 2014 और 2019 के मुकाबले उत्तर प्रदेश में आधी सीटों पर सिमट गई थी. इसके बाद हार की जिम्मेदारी तय करने को लेकर राज्य की भाजपा सरकार और पार्टी संगठन के बीच रार ठनी थी. लखनऊ में आयोजित यूपी भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में केशव प्रसाद मौर्या ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है. इसे एक तरह से सीएम योगी पर निशाना माना गया था. इसके बाद कई बीजेपी विधायकों और मंत्रियों ने शिकायत की थी कि पार्टी कार्यकर्ताओं की सरकार के स्तर पर उपेक्षा हो रही है, जिस कारण उनमें नाराजगी है.
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वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव में लगे झटके के पीछे 'अति आत्मविश्वास' को बड़ा कारण बताया था. इसके बाद बहस छिड़ गई थी कि सरकार बड़ी या फिर पार्टी संगठन. सूत्रों के मुताबिक दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्या और बृजेश पाठक को दिल्ली तलब किया गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राष्ट्रीय राजधानी के दौरे पर पहुंचे थे. अटकलें लगने लगी थीं कि यूपी में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. लेकिन बीजेपी ने साफ किया कि 2027 का विधानसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. साथ ही केशव प्रसाद मौर्या और बृजेश पाठक को सरकार विरोधी बयानबाजी करने से बचने और एकजुट रहने की सलाह दी गई थी.
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केशव मौर्या के ताजा बयान से संकेत मिलते हैं कि बीजेपी आलाकमान ने यूपी में चल रही आंतरिक कलह को सुलझाने में बहुत हद तक सफलता प्राप्त कर ली है. दोनों उपमुख्यमंत्री अब सीएम योगी के साथ हर बैठक में नजर आते हैं. सार्वजनिक मंच पर एक दूसरे से बाते करतें हुए दिखते हैं. बता दें कि हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने बतौर यूपी सीएम अपने कार्यकाल के 7 साल पूरे किए हैं. यह उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में एक रिकॉर्ड है. योगी से पहले लगातार सात वर्षों तक यूपी का कोई भी मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहा.
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