यूपी की राजधानी लखनऊ में एक भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में नवचयनित 494 सहायक अध्यापकों और 49 प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र सौंपे. इस मौके पर सीएम योगी ने शिक्षा विभाग में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया और बीते वर्षों में हुए बदलावों को लेकर बड़ा संदेश दिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज प्रदेश को 550 नए शिक्षक मिले हैं, जिनका चयन एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया गया है. उन्होंने भरोसा जताया कि चयन प्रक्रिया में कहीं भी सिफारिश या अनुचित दबाव की गुंजाइश नहीं रही होगी. उन्होंने कहा कि जिस पारदर्शिता से आपको नियुक्त किया गया है, अब वही पारदर्शिता शिक्षा की गुणवत्ता में भी दिखनी चाहिए.
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सीएम योगी ने बताया कि अकेले माध्यमिक शिक्षा में 40 हजार से अधिक शिक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं. इनमें 32 हजार शिक्षक एडेड कॉलेजों में और करीब 8 हजार माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त हुए हैं. वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग में 1.23 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति सरकार ने की है.
उन्होंने कहा कि पहले माध्यमिक शिक्षा बदनाम हो चुकी थी और बेसिक शिक्षा विभाग वीरान पड़ा था, लेकिन सरकार ने ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ जैसे कार्यक्रमों के ज़रिए शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किया है. सीएम ने कहा कि पहले नकल के लिए कुछ जिले बदनाम थे और परीक्षा में 'प्रॉक्सी' (दूसरे के स्थान पर परीक्षा देना) का धंधा चलता था, जिसे अब सख्ती से बंद कराया गया है.
सीएम योगी ने यह भी कहा कि अब यूपी का नौजवान अपनी पहचान छिपाता नहीं है, बल्कि पूरे भारत में उत्तर प्रदेश को शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में नई पहचान मिली है. उन्होंने नए शिक्षकों से अपील की कि वे शिक्षा के उन्नयन में योगदान दें और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के लक्ष्यों को पूरा करने में तकनीक का सहारा लें.
संतोष शर्मा