'हुक्मरान कोई नई बात बताओ...', कोडीन कफ सिरप केस में योगी के 'वार' पर अखिलेश का जबाव

कोडीन कफ सिरप की तस्करी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर माफिया संरक्षण का आरोप लगाया. योगी सरकार ने एसआईटी जांच और सख्त कार्रवाई की बात कही है. सीएम बयान के बाद इसके जवाब में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर बिना किसी का नाम लेते हुए तंज कसा, उन्होंने लिखा 'हुक्मरान कोई नई बात बताओ'.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Photo ITG) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Photo ITG)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 19 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी बयानबाज़ी देखने को मिली. मुद्दा बना कोडीन फॉस्फेट युक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी और उससे जुड़े कथित राजनीतिक संबंध.

शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में सक्रिय रहे अधिकांश माफियाओं के तार किसी न किसी रूप में सपा से जुड़े रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि कोडीन सिरप तस्करी के मामले में एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पकड़े गए कुछ अभियुक्तों के संबंध समाजवादी पार्टी से रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी की कार्यप्रणाली पहले से ही विवादों और आरोपों से घिरी रही है और यह मामला भी उसी कड़ी का हिस्सा बनकर सामने आ रहा है. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि अंतिम निष्कर्ष जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगा, लेकिन उपलब्ध तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

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'धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करते रहे'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा प्रमुख पर कटाक्ष करते हुए एक शेर का हवाला दिया कि यही कसूर मैं बार-बार करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन लोगों के साथ सपा नेतृत्व की तस्वीरें सामने आ रही हैं, वे यदि अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जा रहे हैं, तो स्वाभाविक है कि राजनीतिक संरक्षण के सवाल उठेंगे. उन्होंने दो टूक कहा कि जांच होने दीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

अखिलेश का पलटवार: ‘हुक्मरान कोई नई बात बताओ

मुख्यमंत्री के बयान के कुछ ही समय बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना सरकार पर तंज कसते हुए लिखा कि जब ‘ख़ुद’ फँस जाओ, तो दूसरे पर इल्ज़ाम लगाओ ये खेल हुआ पुराना, हुक्मरान कोई नई बात बताओ. अखिलेश का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया. समर्थकों ने इसे सरकार के आरोपों का सधा हुआ जवाब बताया, जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.

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कोडीन फॉस्फेट पर सरकार का पक्ष

कोडीन कफ सिरप के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विस्तार से सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि कोडीन फॉस्फेट एक नियंत्रित औषधि है, जो एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में आती है. इसका उपयोग केवल अधिकृत दवा निर्माण में किया जाता है और इसका कोटा व आवंटन सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा निर्धारित होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में यह सामने आया कि कोडीन युक्त कफ सिरप का कई स्थानों पर नशीले पदार्थ के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा है. अवैध तस्करी की शिकायतें मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस, एसटीएफ और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) संयुक्त रूप से इस पूरे नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. अब तक कई बड़े मामलों का खुलासा हो चुका है और अनेक गिरफ्तारियां भी हुई हैं.

राज्य स्तरीय एसआईटी की निगरानी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस संवेदनशील मामले की निगरानी के लिए राज्य-स्तरीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसमें यूपी पुलिस और एफएसडीए के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. यह टीम न सिर्फ तस्करी के तरीकों की जांच कर रही है, बल्कि यह भी पता लगा रही है कि अवैध कमाई का पैसा कहां-कहां गया और किन-किन माध्यमों से उसका उपयोग किया गया. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी दोषी को बख्शने के मूड में नहीं है, चाहे उसका संबंध किसी भी राजनीतिक दल या प्रभावशाली व्यक्ति से क्यों न हो.

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शीतकालीन सत्र को लेकर भी दी जानकारी

इस बीच मुख्यमंत्री ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सत्र 19 दिसंबर से शुरू होकर 24 दिसंबर तक चलेगा. मुख्यमंत्री ने सभी माननीय सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि इस सत्र में जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी और प्रदेश के विकास से संबंधित विधायी कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान विभिन्न विभागों की अनुपूरक मांगों पर भी विचार किया जाएगा. साथ ही राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विशेष चर्चा प्रस्तावित है. इसके रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को स्मरण करते हुए विधानमंडल में उनके योगदान पर विचार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश की स्थापना तिथि और ‘वंदे मातरम्’ को संवैधानिक मान्यता दिए जाने की अधिसूचना की तिथि एक ही है, जिससे इस चर्चा का महत्व और बढ़ जाता है. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि विधानसभा के एक वर्तमान सदस्य के आकस्मिक निधन के कारण पहले दिन शोक प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसके चलते कार्यवाही सीमित रह सकती है. यदि विधान परिषद में कोई मुद्दा उठता है तो नेता सदन सरकार का पक्ष रखेंगे.

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