नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ, मंत्री बोले- NOC मिलते ही मिल जाएगा घर

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट रजिस्ट्री को लेकर जारी संकट पर यूपी मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि विभाग की ओर से कोई देरी नहीं है. बिल्डरों को जैसे ही स्थानीय प्राधिकरण से एनओसी मिलती है, उसी समय रजिस्ट्री हो जाती है.

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नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों फ्लैट खरीदार लंबे समय से रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं.- (Photo: Representational) नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों फ्लैट खरीदार लंबे समय से रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं.- (Photo: Representational)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 31 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:09 PM IST

उत्तर प्रदेश के स्टाम्प, कोर्ट फीस और रजिस्ट्रेशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट रजिस्ट्री में देरी उनकी विभागीय वजह से नहीं हो रही है, बल्कि इसका कारण बिल्डरों और स्थानीय विकास प्राधिकरणों के बीच "नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट" (NOC) को लेकर चल रहा विवाद है.

बकाया और शर्तें पूरी करने के बाद नहीं होगी देरी
जायसवाल ने कहा कि जैसे ही बिल्डरों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा या यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से एनओसी मिल जाती है, रजिस्ट्री विभाग तत्काल कार्रवाई करता है और खरीदारों की संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कर देता है. उन्होंने साफ किया कि उनका विभाग पूरी तरह तैयार है और जैसे ही बिल्डर सभी बकाया और शर्तें पूरी करते हैं, रजिस्ट्री में किसी तरह की देरी नहीं की जाएगी.

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इस वजह से नहीं मिलती NOC
मंत्री ने समझाया कि गौतम बुद्ध नगर जिले में तीन स्थानीय विकास प्राधिकरण हैं—नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण. ये प्राधिकरण बिल्डरों को भूमि आवंटित करते हैं, किस्तें और अन्य शुल्क वसूलते हैं और प्रोजेक्ट की स्वीकृति देते हैं. लेकिन जब बिल्डर भुगतान में देरी करते हैं या शर्तें पूरी नहीं करते, तब उन्हें एनओसी नहीं मिलती और बिना एनओसी रजिस्ट्री नहीं हो सकती.

उन्होंने कहा, "जैसे ही बिल्डर एनओसी लेकर आते हैं, हमारा विभाग उसी समय रजिस्ट्री करता है. इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं की जाती."

खरीदार अक्सर करते हैं प्रदर्शन
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों फ्लैट खरीदार लंबे समय से रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं. कई लोगों को अपार्टमेंट का कब्जा मिल चुका है, लेकिन रजिस्ट्री न होने की वजह से वे कानूनी रूप से मालिक नहीं बन पा रहे हैं. इस समस्या के कारण खरीदार अक्सर प्रदर्शन भी करते हैं, खासकर शनिवार-रविवार को जब बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं.

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जमीन की लीज़होल्ड प्रकृति भी खरीदारों के लिए चुनौती बनी हुई है. कई लोग चाहते हैं कि उनकी संपत्ति को फ्रीहोल्ड में बदल दिया जाए ताकि वे भविष्य में भी बिना रुकावट अपनी संपत्ति का लाभ उठा सकें.

सरकार की ओर से मंत्री का यह बयान उन हजारों खरीदारों के लिए राहत का संकेत माना जा रहा है, जो सालों से रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं. अब खरीदारों की उम्मीद है कि बिल्डर जल्द बकाया चुकाकर एनओसी लेंगे और रजिस्ट्री का रास्ता साफ होगा.

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