जिंदगी और मौत से जूझ रहा मिर्जापुर का मासूम विनायक! इलाज के लिए चाहिए ₹9 करोड़ का इंजेक्शन, परिवार ने मांगी मदद

यूपी के मिर्जापुर निवासी आलोक द्विवेदी का 14 माह का बेटा विनायक, दुर्लभ बीमारी 'स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी' से जूझ रहा है. डॉक्टरों ने इलाज के लिए ₹9 करोड़ के 'जोलगेन्स्मा' इंजेक्शन की जरूरत बताई है. प्राइवेट नौकरी करने वाले पिता ने इतनी बड़ी रकम जुटाने के लिए सोशल मीडिया से मदद मांगी है.

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बेटे के इलाज के लिए माता-पिता की मार्मिक अपील (Photo- Screengrab) बेटे के इलाज के लिए माता-पिता की मार्मिक अपील (Photo- Screengrab)

सुरेश कुमार सिंह

  • मिर्जापुर ,
  • 05 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:26 PM IST

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर निवासी आलोक द्विवेदी का 14 माह का बेटा विनायक दुर्लभ बीमारी 'स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी' से जूझ रहा है. नई दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने 9 करोड़ रुपये के 'ज़ोलगेन्स्मा' इंजेक्शन की जरूरत बताई है. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार ने अपने बच्चे के इलाज के लिए अब सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से मदद की गुहार लगाई है. स्थानीय विधायक ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. 

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आपको बता दें कि मिर्जापुर के करजी गांव, जमालपुर के रहने वाले आलोक कुमार द्विवेदी और प्रतिभा द्विवेदी अपने बेटे विनायक के इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं. विनायक को दुर्लभ स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) बीमारी है. इस बीमारी का पता हाल ही में नई दिल्ली के एम्स (AIIMS) में चला. विनायक इस समय वाराणसी में परिवार के साथ रहता है, जबकि मूल रूप से मिर्जापुर का निवासी है. डॉक्टरों ने 9 करोड़ रुपये के महंगे Zolgensma Injection को दो साल के भीतर लगाना अनिवार्य बताया है. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार ने यह बड़ी राशि जुटाने के लिए अब सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से मदद मांगी है. 

आलोक द्विवेदी वाराणसी में एक प्राइवेट कंपनी में काम करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं. 2020 में शादी के तीन साल बाद विनायक का जन्म हुआ. जैसे-जैसे बच्चा बड़ा हुआ, उसमें बीमारी के लक्षण दिखने लगे. शुरुआत में आलोक ने विनायक का इलाज वाराणसी में करवाया, फिर लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) में भी दिखाया, लेकिन राहत नहीं मिली. आखिर में जब वे नई दिल्ली के एम्स पहुंचे, तब परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने बताया कि विनायक को यह गंभीर और दुर्लभ बीमारी है, जिसके इलाज में करोड़ों का खर्च आएगा. 

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विनायक की मां प्रतिभा ने अपनी बात रखते हुए कहा, "हमारे बच्चे को स्पाइनल मस्कुलर बीमारी हो गई है. जिसके इलाज के लिए एम्स के डॉक्टरों ने एक इंजेक्शन लगाने की बात कही है. जिसका खर्च 9 करोड़ रुपये है. आप सब से मदद की अपील है." 

डॉक्टरों के अनुसार, विनायक को 'जोलगेन्स्मा इंजेक्शन' नामक इंजेक्शन दो साल के भीतर लगना जरूरी है. माता-पिता ने कहा कि इतनी बड़ी धनराशि उनके पास नहीं है और उनका बच्चा आम बच्चों की तरह जीवन नहीं जी सकता है, इसलिए वे लोगों से आर्थिक सहयोग मांग रहे हैं. 

वहीं, इस मामले में स्थानीय मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल भी मदद के लिए आगे आए हैं. उन्होंने बच्चे के इलाज हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है. पत्र में विधायक ने बच्चे के इलाज में अनुमानित 1.7 मिलियन USD (लगभग 16 करोड़ रुपये) खर्च होने की बात कही है और मुख्यमंत्री से इस मासूम के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की अपील की है. फिलहाल, परिवार को अब सरकार और समाज से मदद की उम्मीद है. 

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