'मुझे DM अंकल से मिलना है, उनकी तरह IAS बनना है...' स्कूल बंक कर मासूम पहुंच गई जिलाधिकारी के पास

गोरखपुर में कड़कड़ाती ठंड के बीच यूकेजी की छात्रा जिज्ञासा अपने पिता के साथ स्कूल छोड़कर डीएम ऑफिस पहुंच गई. कर्मचारियों से बोली-मुझे डीएम सर से मिलना है. जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बच्ची को बुलाया तो उसने कहा, मुझे डीएम बनना है. डीएम ने उसे रोज स्कूल जाने और मेहनत से पढ़ने की सीख दी.

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गोरखपुर जिलाधिकारी से मुलाकात करती जिज्ञासा (Photo ITG) गोरखपुर जिलाधिकारी से मुलाकात करती जिज्ञासा (Photo ITG)

गजेंद्र त्रिपाठी

  • गोरखपुर ,
  • 23 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST

गोरखपुर के जिलाधिकारी कार्यालय में कड़कड़ाती ठंड के बीच एक छोटी-सी बच्ची अपने पिता का हाथ थामे डीएम ऑफिस के गेट पर पहुंची. उम्र मुश्किल से चार-पांच साल. नन्हे कंधों पर स्कूल बैग नहीं, बल्कि आंखों में एक सपना था. सपना डीएम बनने का.

मुझे डीएम सर से ही मिलना है

यह बच्ची गोरखपुर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में यूकेजी की छात्रा है. नाम है जिज्ञासा. सोमवार, 22 दिसंबर को वह अपने पिता के साथ सीधे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गई. कर्मचारियों ने जब उससे पूछा कि बेटा, क्या काम है ? तो उसका जवाब सुनकर सभी चौंक गए. मासूमियत से उसने कहा कि मुझे डीएम सर से मिलना है… उन्हीं से काम है. कर्मचारियों को पहले तो लगा कि शायद बच्ची किसी आवेदन या शिकायत के सिलसिले में आई होगी. लेकिन जब पिता से बात की गई, तो कहानी कुछ और ही निकली. जिज्ञासा स्कूल जाने के बजाय आज डीएम से मिलने की जिद पर अड़ी थी.

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बात पहुंची डीएम तक

बच्ची की जिद और आत्मविश्वास ने कर्मचारियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया. मामला जिलाधिकारी दीपक मीणा तक पहुंचा. उन्होंने बिना किसी औपचारिकता के बच्ची को अंदर बुलाने के निर्देश दिए. जैसे ही जिज्ञासा डीएम के कमरे में दाखिल हुई, माहौल बदल गया. कड़क ठंड, सरकारी दफ्तर की गंभीरता और अफसरों की व्यस्तता के बीच एक नन्ही सी आवाज गूंज उठी. मुझे डीएम बनना है. डीएम दीपक मीणा ने मुस्कराते हुए जिज्ञासा से पूछा कि बेटा, बताओ… मुझसे क्यों मिलना है? जिज्ञासा ने बिना झिझक जवाब दिया मुझे डीएम बनना है… आप जैसा बनना है. यह सुनकर कमरे में मौजूद हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान फैल गई. डीएम भी कुछ पल के लिए ठहर गए. शायद उन्हें भी यह एहसास हो गया था कि यह सिर्फ एक बच्ची की बात नहीं, बल्कि एक सपने की पहली दस्तक है.

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डीएम की सीख: सपना बड़ा, रास्ता सही

डीएम दीपक मीणा ने बच्ची से बड़े ही सहज और स्नेहपूर्ण अंदाज में बातचीत की. उन्होंने जिज्ञासा से पूछा कि वह रोज स्कूल जाती है या नहीं. इस पर बच्ची ने मासूमियत से बताया कि आज वह स्कूल नहीं गई. डीएम ने मुस्कराकर समझाया कि अगर आपको मेरे जैसा बनना है, तो सबसे पहले रोज स्कूल जाना होगा. खूब पढ़ना-लिखना होगा. तब आप भी डीएम बन सकती हो. उन्होंने जिज्ञासा को पढ़ाई के महत्व के साथ अनुशासन का भी पाठ पढ़ाया. डीएम की बातों को जिज्ञासा बड़े ध्यान से सुनती रही.

पिता की आंखों में गर्व

बच्ची के पिता भी इस मुलाकात के दौरान भावुक नजर आए. उन्होंने बताया कि जिज्ञासा अक्सर प्रशासनिक अधिकारियों को देखकर सवाल करती है. टीवी पर डीएम या आईएएस अधिकारियों को देखकर वह कहती है मुझे भी यही बनना है .आज उसी जिद ने उसे कड़कड़ाती ठंड में डीएम ऑफिस तक खींच लाया. इस मुलाकात का वीडियो किसी ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में जिज्ञासा की मासूम आवाज और डीएम का स्नेहिल व्यवहार लोगों के दिल को छू गया.

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