मीट व्यापारियों की पिटाई का मामला: एक पक्ष के चार लोग गिरफ्तार, हिंदू संगठनों का SSP ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन

अलीगढ़ के हरदुआगंज में मीट व्यापारियों के साथ मारपीट के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. लैब रिपोर्ट में गौमांस की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन पुलिस ने हिंदू पक्ष के चार लोगों को गिरफ्तार किया. इस कार्रवाई के विरोध में हिंदू संगठनों ने एसएसपी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और निष्पक्ष जांच की मांग की. एसएसपी ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर संयम की अपील की.

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हिंदू संगठनों का एसएसपी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन हिंदू संगठनों का एसएसपी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन

शिवम सारस्वत

  • अलीगढ़ ,
  • 02 जून 2025,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST

अलीगढ़ के थाना हरदुआगंज क्षेत्र में कुछ दिन पहले मीट व्यापारियों के साथ हुई मारपीट के मामले में नया मोड़ आ गया है. लैब रिपोर्ट में गौमांस की पुष्टि नहीं होने के बाद भी पुलिस ने एक पक्ष के चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इस कार्रवाई के विरोध में सोमवार को हिंदू संगठनों ने एसएसपी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.

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प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि गांव के कई निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया गया है. उन्होंने मांग की कि सिर्फ असली दोषियों पर ही कार्रवाई हो. प्रदर्शन के दौरान एसएसपी संजीव सुमन खुद बाहर आए और प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए कहा कि कानून व्यवस्था बिगड़ी तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी. उन्होंने कहा कि जबरदस्ती दबाव बनाने की कोशिश सफल नहीं होगी. बातचीत करनी है तो शांतिपूर्ण ढंग से ऑफिस में आइए.

हिंदू संगठनों ने एसएसपी कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

प्रदर्शन के दौरान हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पांडे ने कहा कि प्रशासन की नाकामी के कारण यह घटना हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कई निर्दोष ग्रामीणों को परेशान किया है. हरीश जादौन ने भी पुलिस की जांच पर सवाल उठाए और निष्पक्ष जांच की मांग की. पुलिस फिलहाल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की जांच जारी है.

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मीट व्यापारियों के साथ हुई मारपीट के मामले एक पक्ष के चार लोग गिरफ्तार

बता दें, अलीगढ़ के अलहदादपुर में 25 मई को खुद को गौरक्षक बताने वाले हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने कदीम, अली और अरबाज सहित चार युवकों को बेरहमी से पीटा था. साथ ही उनके ट्रक में आग लगा दी थी. कथित गौरक्षकों का आरोप था कि युवक अपनी गाड़ी से प्रतिबंधित मीट लेकर जा रहे थे.  अगर पुलिस फोर्स देर से पहुंचती तो लहूलुहान पीड़ितों की जान भी जा सकती थी.

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