कौशांबी की चायल से सपा विधायक पूजा पाल के समाजवादी पार्टी से निष्कासन का मुद्दा इन दिनों सूबे की सियासत में छाया हुआ है. दरअसल, यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पूजा पाल ने सीएम योगी की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने 25 जनवरी 2005 को अपने पति और बसपा विधायक राजू पाल की हत्या को लेकर कहा था कि योगी सरकार में उन्हें न्याय मिला है. क्योंकि, उनकी सरकार में ही राजू पाल हत्याकांड के आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को 'मिट्टी में मिलाने' का काम किया गया. पूजा पाल के विधानसभा में दिए गए इसी बयान को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अनुशासन हीनता का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इन सबके बीच सोशल मीडिया पर प्रयागराज की प्रतापपुर विधानसभा सीट से सपा विधायक विजमा यादव का भी विधानसभा में दिया गया एक पुराना बयान सुर्खियों में बना हुआ है.
विजमा यादव विधानसभा में आंसू बहाते हुए कह रही थीं कि आखिर उन्हें कब न्याय मिलेगा. दरअसल, विजमा यादव के पति और झूंसी विधानसभा सीट से सपा विधायक रहे जवाहर पंडित की हत्या अगस्त 1996 में एके-47 हथियार से सिविल लाइंस इलाके में कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप भाजपा नेता और पूर्व विधायक उदयभान करवरिया के साथ ही उनके बड़े भाई और बसपा के पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, छोटे भाई और एमएलसी सूरजभान करवरिया समेत परिवार के अन्य लोगों पर लगा था.
उदयभान करवरिया पिछले करीब 10 सालों से जेल में थे. उदयभान करवरिया ने गैर जमानती वारंट जारी होने पर जनवरी 2014 में कोर्ट में सरेंडर किया था. तब से वह जेल में बंद थे. हालांकि, यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने 2024 में उदयभान करवरिया की सजा माफ कर दी थी, जिसके चलते शासन ने 19 जुलाई 2024 को समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया था. इसी आदेश के चलते उदयभान करवरिया रिहा कर दिए गए थे. लेकिन जवाहर पंडित हत्याकांड में उनके बड़े भाई कपिल मुनि करवरिया और छोटे भाई सूरजभान करवरिया अभी भी उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. करवरिया ब्रदर्स को इलाहाबाद की ट्रायल कोर्ट में चार नंबर 2019 को दोषी करार देकर उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
पूजा पाल के विधानसभा सभा में सीएम योगी के न्याय दिलाए जाने के बयान के बाद सोशल मीडिया पर विजमा यादव का भी बयान वायरल हो रहा है. इसमें वह यूपी सरकार से इंसाफ मांगती हुई नजर आ रही हैं. विजमा यादव ने सवाल उठाया कि जो व्यक्ति एके-47 चला सकता है, उसे बढ़िया आचरण के नाम पर कैसे खुला छोड़ा जा सकता है? उन्होंने कहा कि एक महिला का सिंदूर मिट गया, बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया, अब उन बच्चों को भी न्याय मिलना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी जी से अपील की है कि दोषियों को छोड़ा न जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए.
उदयभान करवरिया ने दिया ये जवाब
वहीं, इस मामले में अब उदयभान करवरिया ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र के तहत जवाहर पंडित हत्याकांड में फंसाया गया था. उन्होंने कहा है कि तत्कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव के इशारे पर उनकी राजनीतिक हत्या करने के लिए उन्हें और उनके भाइयों को जवाहर पंडित हत्या कांड में फंसाया गया था. पूर्व विधायक उदयभान करवरिया ने कहा है कि उनके खिलाफ जवाहर पंडित हत्याकांड के पहले और बाद में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. उनके जीवन में उन पर सिर्फ एक ही मुकदमा दर्ज हुआ है, जबकि खुद विधायक विजमा यादव के परिवार का आपराधिक इतिहास रहा है.
क्राइम रिकॉर्ड
मालूम हो कि जवाहर पंडित के खिलाफ प्रयागराज के नैनी, कैंट, करेली सराय इनायत और कौशांबी के पिपरी थाने में कुल 14 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे. खुद सपा विधायक विजमा यादव के खिलाफ सराय इनायत, झूंसी और थरवई थाने में चार आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
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उधर, सपा विधायक विजमा यादव के बेटे वीरेंद्र यादव के खिलाफ लखनऊ के गोमती नगर थाने में एक आपराधिक मुकदमा दर्ज है. जवाहर पंडित के बड़े भाई स्वर्गीय सुलाकी यादव के खिलाफ प्रयागराज के साथी फतेहपुर जिले में भी कल 19 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. सुलाकी यादव मुट्ठीगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर था और उसकी हिस्ट्री शीट 21 ए खुली हुई थी. इसके साथी सपा विधायक बीमा यादव के भाई राम लोचन यादव के खिलाफ विभिन्न स्थानों में 44 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. वह घोषित भू माफिया है और कैंट थाने में हिस्ट्री सीट संख्या 18 ए खुली हुई है.
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उदयभान करवरिया ने कहा है कि इसलिए विजमा यादव का सोशल मीडिया पर विधानसभा का जो बयान वायरल हो रहा है यह 6 महीने से ज्यादा पुराना है. उन्होंने यह भी कहा है कि लोगों को यह जानना चाहिए कि विजमा यादव और उनके परिवार का क्रिमिनल बैकग्राउंड है. इसलिए इंसाफ उन्हें और उनके परिवार को मिलना चाहिए.
पंकज श्रीवास्तव