उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अतुल कुमार तिवारी को सस्पेंड कर दिया है. अतुल तिवारी पर टेंडर दिलवाने के बदले करीब सवा 2 करोड़ रुपये कमीशन मांगने का आरोप लगा था. जैसे ही इसकी जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया. उसी क्रम में अब बीएसए को नौकरी से हटा दिया गया है.
अनियमितताओं के चलते हुए निलंबित
गोंडा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल तिवारी को शासन ने निलंबित किया. निलंबन का कारण विभिन्न गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं. यह कार्रवाई मंडलायुक्त देवी पाटन मंडल और जिलाधिकारी गोंडा की संस्तुति पर की गई.
अतुल तिवारी को लखनऊ के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में अटैच किया गया है. उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं. उनका निलंबन विभाग में सनसनी फैलने का कारण बना है.
कमीशन मांगने का गंभीर आरोप
अतुल तिवारी पर फर्नीचर टेंडर प्रक्रिया के दौरान 15 करोड़ के टेंडर में 15% कमीशन (करीब सवा 2 करोड़ रुपये) मांगने की शिकायत थी. इस शिकायत पर एंटी करप्शन गोरखपुर की कोर्ट के आदेश पर, बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित तीन लोगों पर नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हुआ था. निलंबन के बाद विभाग में सनसनी फैल गई है, जो पहले ही 600 से अधिक शिक्षकों की भर्ती की एसटीएफ जांच के कारण चर्चा में था.
कमिश्नर और जिलाधिकारी ने अनियमितताओं को लेकर शासन को पत्र भेजा था, जिसमें आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाया गया. इन आरोपों में विशेष कैटलॉग पर बिड प्रकाशित कराना (जो नियमों के विपरीत था) और कुछ टेंडर दाताओं से ₹10 लाख की वसूली शामिल है. उन पर विभागीय योजनाओं को समय पर पूरा न करने, गलत पत्रावलियां प्रस्तुत करने और निगरानी में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगा है.
अंचल श्रीवास्तव