हिंदू युवक के घर में पांच मजारें, गांव में सिर्फ एक मुस्लिम परिवार... चौंका देगा पीलीभीत का ये मामला  

पीलीभीत जिले में राष्ट्रीय योगी सेना को सूचना मिली कि गांव सिम्बुआ के निवासी धीरज सक्सेना ने अपने घर के एक कमरे में कई मजारें बना रखी हैं. इसी शिकायत पुलिस से की गई. मौके पर जब पुलिस पहुंची तो वह भी चाैंक गई. राष्ट्रीय योगी सेना की सूचना सही निकली. बाद में पड़ोस से युवको को बुलाकर इन मजारों को तोड़वा दिया गया.

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पीलीभीत में धीरज सक्सेना ने अपने घर के एक कमरे में कई मजारें बना रखी थी. पीलीभीत में धीरज सक्सेना ने अपने घर के एक कमरे में कई मजारें बना रखी थी.

सौरभ पांडे

  • पीलीभीत ,
  • 05 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:11 AM IST

नेपाल बॉर्डर से सटे पीलीभीत जिले का गांव सिम्बुआ इन दिनों चर्चा का केंद्र बन गया है. वजह भी हैरान करने वाली है, जिस गांव में सिर्फ एक मुस्लिम परिवार रहता हो वहां के एक हिंदू युवक धीरज सक्सेना के घर में एक-दो नहीं, बल्कि पांच मजारें मिली हैं. बाद में कुछ युवकों को बुलाकर इन मजारों को तोड़वा दिया गया. 

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राष्ट्रीय योगी सेना को सूचना मिली कि गांव सिम्बुआ के निवासी धीरज सक्सेना ने अपने घर के एक कमरे में कई मजारें बना रखी हैं और कथित रूप से गांव के लोगों को गुमराह कर झाड़-फूंक व धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से धर्म परिवर्तन का प्रयास भी हो रहा है. सूचना पाते ही बरेली से महंत सरोजनाथ, पीलीभीत जिलाध्यक्ष सुमित शर्मा और संगठन के अन्य कार्यकर्ता बिलसंडा थाने पहुंचे और एसओ सिद्धांत शर्मा को लिखित शिकायत दी. पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची.

झाड़-फूंक का सामान भी बरामद

पुलिस और हिंदू संगठन जब मौके पर पहुंचे तो कमरे में बनीं पांच मजारों को देखकर सभी हैरान रह गए. पुलिस को वहाँ से झाड़-फूंक से जुड़ा सामान भी मिला. यह देखकर ग्रामीणों में भी असमंजस फैल गया.धीरज सक्सेना ने कहा कि हमारे दादा-परदादा एक पीर बाबा को मानते थे. जब घर में बार-बार परेशानियां और मौतें हुईं तो हमारे परिवार ने उन्हीं की शरण ली. चमत्कार हुए, तो हमने आस्था के तहत मजारें बनाई थीं. किसी का धर्म परिवर्तन नहीं किया. सुमेर सक्सेना (परिवार के सदस्य) ने बताया कि हमने कभी किसी को बाध्य नहीं किया, ये सब हमारे घर की निजी श्रद्धा से जुड़ा मामला है. जब मजारें तोड़ी गईं, तो बहुत दुख हुआ.

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 हिंदू संगठनों का विरोध और आरोप

 राष्ट्रीय योगी सेना के महंत सरोजनाथ ने कहा कि यह सिर्फ आस्था का मामला नहीं है. यह धर्म परिवर्तन की जमीन तैयार करने का एक प्रयास है. अगर पुलिस समय पर नहीं पहुंचती, तो गांव में माहौल और बिगड़ सकता था. संगठन का कहना है कि मजारों के जरिए गांव में अंधविश्वास फैलाया जा रहा था और धीरे-धीरे लोगों को इस्लामिक तरीकों से जोड़ने की योजना बन रही थी.

 

बिलसंडा थाना प्रभारी सिद्धांत शर्मा ने बताया कि मजारों की सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची. स्थिति को देखते हुए धीरज सक्सेना से पूछताछ की गई. उनके अनुसार, मामला धार्मिक भावना से जुड़ा है, और किसी साजिश के स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले. पूछताछ के बाद धीरज ने स्वयं मजारें हटाने का निर्णय लिया. गांव में स्थिति अब सामान्य है और कोई तनाव नहीं है. ऐहतियातन नजर रखी जा रही है

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