यूपी: नमकीन और चिप्स की बोरियों में होती थी कोडीन मिक्स कफ सिरप की तस्करी, मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल का पिता गिरफ्तार, फर्म पर FIR

कफ सिरप सिंडिकेट के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया. भोला प्रसाद थाईलैंड भागने वाला था. उसकी कंपनी शैली ट्रेडर्स का इस्तेमाल तस्करी के लिए होता था. गिरफ्तारी के बाद, भोला और उसकी फर्मों पर सोनभद्र तथा जौनपुर में और FIR दर्ज हुई हैं.

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कफ सिरप तस्करी केस: शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद (Photo- ITG) कफ सिरप तस्करी केस: शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद (Photo- ITG)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ ,
  • 01 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:34 AM IST

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोडीन कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद यूपी की सोनभद्र पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. कफ सिरप सिंडिकेट के मास्टरमाइंड वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया है. भोला प्रसाद थाईलैंड भागने की फिराक में था. उसके नाम पर झारखंड में रजिस्टर्ड कंपनी शैली ट्रेडर्स का इस्तेमाल तस्करी के लिए हो रहा था. इस गिरफ्तारी के बाद भोला और उसकी फर्म पर एक और FIR दर्ज की गई. 

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आपको बता दें कि शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल और उनकी फर्म पर एक और FIR दर्ज की गई है. भोला प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद सोनभद्र पुलिस ने रॉबर्ट्सगंज में शैली ट्रेडर्स सहित दो अन्य फर्मों पर FIR दर्ज की है. जौनपुर में भी तीन अन्य फर्मों पर FIR दर्ज हुई है. इस तस्करी रैकेट में नमकीन और चिप्स की बोरियों में छुपाकर कोडीन मिक्स कफ सिरप की तस्करी होती थी. झारखंड से चावल की बोरी में छिपाकर यह सिरप पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश भेजी जाती थी.

मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल ने वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, चंदौली, गाजीपुर और भदोही में कफ सिरप की तस्करी के लिए कुल 173 फर्जी फर्म खोल दी थी. इनमें वाराणसी में 126, जौनपुर में 28, आजमगढ़ में 3, चंदौली में 7, गाजीपुर में 5 और भदोही में 4 फर्म शामिल थीं, जिनसे कफ सिरप की सप्लाई हो रही थी.

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हाल ही में गिरफ्तार हुए अमित सिंह टाटा ने भी अपने कई करीबियों को इस धंधे में शामिल किया था और उनकी फर्म खुलवाई थीं. ये फर्जी फर्म किराए के मकान लेकर खोली गईं और कुछ ही महीनों में करोड़ों की बिक्री दिखाकर बंद कर दी गईं.

शुभम जायसवाल अभी भी फरार है, लेकिन भोला प्रसाद की गिरफ्तारी इस मामले की दूसरी सबसे बड़ी गिरफ्तारी है, जो अमित सिंह टाटा के बाद हुई है. चिप्स से भरी गाड़ी में कफ सिरप मिलने के बाद यह मामला सामने आया था. हिरासत में लिए गए अमित सिंह ने इस सिंडिकेट से जुड़े कई राज उगले थे. 

वहीं, अमित सिंह टाटा की फॉर्च्यूनर की नंबर सीरीज '9797' पूर्वांचल के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के काफिले की पहचान मानी जाती है, जिससे दोनों के बीच कनेक्शन की चर्चा होने लगी. हालांकि, धनंजय सिंह ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.

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