बस्ती: अधिकारियों से बदतमीजी करना पड़ा भारी, BJP के दो पूर्व विधायक समेत 6 नेता भेजे गए जेल, 22 साल बाद आया फैसला

साल 2003 में मतगणना के दौरान नेता लोग आपस में भिड़ गए थे. जब पुलिस और प्रशासन के लोग उन्हें समझाने गए तो उन्होंने धांधली का आरोप लगाते हुए अधिकारियों के साथ ही मारपीट कर दी थी. इस केस में अब 6 लोगों को जेल भेजा गया है.

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बस्ती कोर्ट ने नेताओं को भेजा जेल बस्ती कोर्ट ने नेताओं को भेजा जेल

संतोष सिंह

  • बस्ती ,
  • 30 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

यूपी के बस्ती जिले में 22 साल पुराने मारपीट/अभद्रता के एक मामले में बीजेपी के दो पूर्व विधायक, दो पूर्व ब्लॉक प्रमुख समेत 6 लोगों को जेल भेज दिया गया. लंबी सुनवाई के बाद हाल ही में इन सभी आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. अपील खारिज होने के बाद जब पूर्व विधायक संजय जायसवाल, पूर्व मंत्री और विधायक रहे आदित्य विक्रम सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेश सिंह, पूर्व प्रमुख त्रयंबक पाठक सहित बसपा नेता इरफान और एक अन्य कोर्ट में पहुंचे तो जज प्रमोद गिरी ने सभी को कटघरे में खड़ा कर दिया और बेल खारिज करते हुए जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया. 

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मामले को लेकर सरकारी वकील देवानंद सिंह ने बताया कि चार्जशीट लगने के बाद पूरे केस की सुनवाई होती रही, गवाहों के बयान हुए, तत्कालीन एडीएम श्रीश दुबे और डीएसपी ओमप्रकाश ने कोर्ट में आकर अपना कड़ाई से पक्ष रखा. जिसके बाद सारे सुबूत और बयानों के आधार पर 29 अप्रैल को ये फैसला आया है. 

आपको बता दें कि बस्ती जनपद की सत्र न्यायालय अदालत ने इन आरोपियों को वर्ष 2023 में सजा सुनाई थी. काफी समय से सभी आरोपी बेल पर थे. बीते दिन एमपी-एमलए कोर्ट में सजा का ऐलान होते ही कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे ये आरोपी नेता सहम गए. 

मामला कोतवाली क्षेत्र के सदर तहसील का है. 3 दिसंबर 2003 को विधान परिषद चुनाव की मतगणना के दौरान एडीएम रहे श्रीश दुबे के साथ मारपीट हुई थी. आरोप लगा था कि पूर्व विधायक संजय जायसवाल, पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह और उनकी पत्नी कांचना सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेश सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख त्रयंबक नाथ पाठक सहित पूर्व विधायक कमाल युसूफ के बेटे इरफान और अशोक सिंह गोलबंदी करके आए और मारपीट करने लगे. 

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उनके द्वारा एआरओ रहे श्रीश दुबे से दोबारा मतगणना कराने की मांग की गई. आरोप के मुताबिक, इसी दौरान नेताओं ने श्रीश दुबे से हाथापाई की. तत्कालीन डीएसपी ओम प्रकाश सिंह भी इस मारपीट में घायल हो गए. 

मामले में वादी श्रीश दुबे व ओम प्रकाश सिंह द्वारा नेताओं पर एफआईआर कराई गई, लंबी सुनवाई हुई और अब दोषियों को जेल भेजा गया है. पूर्व में लोवर कोर्ट ने सात दोषियों को 3 साल की सजा सुनाई थी. अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने भी उस सजा को बरकरार रखा है. 

दरअसल, 2003 को एमएलसी चुनाव की मतगणना के दौरान सपा प्रत्याशी कांचना सिंह और उनके समर्थकों ने तत्कालीन डीएम अनिल कुमार द्वितीय पर चुनाव की मतगणना में धांधली का आरोप लगाया था. इसी मामले में मतगणना स्थल पर डीएम, एडीएम श्रीश दुबे, डीएसपी ओम प्रकाश सिंह से अभद्रता का आरोप लगा, जिसके बाद प्रशासन ने 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. 

इसकी सुनवाई लोवर कोर्ट में लगातार चल रही थी. गवाही पूरी होने के बाद लोवर कोर्ट ने 6 आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें तीन साल की सजा सुनाई. सजा के खिलाफ सभी मुलजिम एमपी-एमएलए कोर्ट गए, जहां पर कोर्ट ने लोवर कोर्ट की सजा को बरकरार रखा, साथ ही सभी को हिरासत ने लेने का आदेश दे दिया. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर उक्त सभी दोषियों को हिरासत में ले लिया और जेल भेज दिया. 

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