राम मंदिर बनने पर ही शादी करने का लिया था संकल्प, अब 33 साल बाद रामलला के दर्शन कर Ayodhya में रचाई शादी

Ayodhya News: राजस्थान के एक जोड़े ने 33 साल पहले राम मंदिर बनने पर ही शादी करने का संकल्प लिया था. अब जब अयोध्या में रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं तो इस जोड़े ने अयोध्या में शादी रचाई है. वरमाला के लिए उसी माला को चुना जिससे मंदिर में भगवान राम का श्रृंगार किया गया था. 33 साल बाद इस जोड़े का संकल्प पूरा हुआ है.

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डॉ. शालिनी गौतम, डॉ. महेंद्र भारती. डॉ. शालिनी गौतम, डॉ. महेंद्र भारती.

बनबीर सिंह

  • अयोध्या,
  • 31 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:58 AM IST

राजस्थान के रहने वाले एक जोड़े ने 33 साल पहले संकल्प लिया था कि अयोध्या जब राम मंदिर बनेगा और रामलला विराजमान होंगे, वे तभी शादी करेंगे. अब इस जोड़े का संकल्प पूरा हो गया है. रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं तो इस जोड़े ने अयोध्या के कारसेवकपुरम परिसर में स्थित यज्ञ वेदी के सात फेरे लिए और पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर शादी कर ली. इस जोड़े ने वरमाला के लिए भी उसी माला को चुना, जिसका प्रभु श्रीराम के श्रृंगार के लिए मंदिर में उपयोग किया गया था.

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बता दें कि राजस्थान के जयपुर के रहने वाले डॉ. महेंद्र भारती साल 1990 में विवाह के योग्य हो गए थे, लेकिन उसी समय कारसेवकों पर गोली चलने की घटना से वे इतने व्यथित हुए कि उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर नहीं बनता, तब तक वे शादी नहीं करेंगे और न ही कोई माला पहनेंगे.

अब रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं तो डॉ. महेंद्र भारती ने अजमेर की रहने वाली डॉ. शालिनी गौतम से अयोध्या में शादी कर ली. 33 वर्ष की प्रतिज्ञा पूर्ण होने के बाद इस जोड़े ने शादी की है. इस जोड़े की शादी पुरोहित बंधु तिवारी ने कराई.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे हैं डॉ. महेंद्र

डॉ. महेंद्र 20 वर्षों से अधिक समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे हैं. उनकी जीवन संगिनी शालिनी गौतम महाविद्यालय में बच्चों को पढ़ाती हैं. उनका कहना है कि शादी के लिए इससे बेहतर अवसर और कोई दूसरा नहीं हो सकता. वहीं महेंद्र ने कहा कि यह सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना का दौर है. इसलिए यह उनके व्यक्तिगत जीवन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है.

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डॉ. महेंद्र भारती ने कहा कि बहुत आनंदित हूं, बहुत अभिभूत हूं. यह क्षण और यह पल मेरे जीवन में सौभाग्य बनकर आया है. 1990 में संकल्प लिया था कि भगवान श्रीराम का मंदिर जब बनेगा और भव्य मंदिर में मैं उनके दर्शन करूंगा, तभी विवाह करूंगा. मनोकामना पूरी हुई है. एक इतिहास बना है.

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