गणतंत्र दिवस पर तिरंगा के रंग में रामलला, केसरिया, सफेद और हरे कलर की माला पहनकर दिए दर्शन

गणतंत्र दिवस पर अयोध्या के राम मंदिर में बालक राम भी तिरंगा के रंग में नजर आए हैं. रामलला को आज केसरिया, सफेद और हरे रंग के फूलों की माला पहनाई गई है. भगवान ने इसी रूप में आज दर्शन दिए हैं. शुक्रवार को भगवान श्वेत और क्रीम कलर के वस्त्र पहने हैं.

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अयोध्या में रामलला ने श्वेत और क्रीम कलर के वस्त्र पहने हैं. अयोध्या में रामलला ने श्वेत और क्रीम कलर के वस्त्र पहने हैं.

शिल्पी सेन

  • अयोध्या,
  • 26 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के लिए भक्तों का रोज सैलाब उमड़ रहा है. शुक्रवार को देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, ऐसे में भगवान राम भी देश की खुशियों में शामिल हुए हैं. बालक राम के श्रृंगार में आज तिरंगा की झलक देखने को मिल रही है. उन्होंने आज श्वेत वस्त्र पहने हैं और फूलों की माला हर किसी को आकर्षित कर रही है. इस माला को केसरिया, सफेद और हरे रंग के फूलों से तैयार किया गया है. भगवान की एक झलक देखने के लिए हर कोई बेताब देखा जा रहा है.

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बता दें कि नए राम मंदिर को 23 जनवरी से आम जनता के लिए खोला गया है. पिछले चार दिन से यहां अपने आराध्य के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं और नए-नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. बालक राम भी अपने भक्तों को रोज नए रूप में दर्शन दे रहे हैं. 22 जनवरी को जब गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा हुई तो रामलला पीतांबर वस्त्र धारण किए थे. स्वर्ण आभूषण, हाथों में कोदंड और तीर लिए थे. रामलला की मोहक मुस्कान और आलौकिक रूप देखकर हर कोई भावुक हो गया था.

दूसरे दिन भगवान रामलला ने लाल रंग के वस्त्र पहने थे. तीसरे दिन भगवान ने हरे रंग के वस्त्र धारण किए थे. चौथे दिन यानी आज भगवान ने क्रीम कलर के वस्त्र पहने हैं. शुक्रवार को खासतौर पर भगवान की माला हर किसी को सम्मोहित कर रही है. 

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भगवान प्रत्येक दिन के हिसाब से अलग-अलग वस्त्र पहन रहे हैं. भगवान का फूल माला से भी विशेष श्रृंगार किया जा रहा है. पहले दिन गले में गुलाब के फूलों की माला पहनी थी. दूसरे दिन गुलाब और गेंदे से बनी माला पहनाई गई थी. तीसरे दिन गुलाब-गेंदे में दूर्वा और हरी पत्तियों को माला में लगाया गया था. चौथे दिन गुलाब और चमेली के फूलों की माला में केसरिया, सफेद और हरा रंग भरा गया है.

राम मंदिर के आकर्षण से तैयार 'मिनी इंडिया' अयोध्या में उतर आया है. यहां देश के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. यहां कोलकाता के दोस्तों का एक समूह सड़कों पर बंगाली में बात कर रहा है. गुजरात के रसोइयों की एक टीम भक्तों के लिए गर्म भंडारा भोजन तैयार कर रही है. पुणे का एक व्यक्ति महाराष्ट्र की प्रसिद्ध 'फेटा' टोपी बेच रहा है. आम तौर पर अयोध्या भगवा झंडों से पटा रहता है. 

राम पथ और अन्य प्रमुख सड़कों पर जहां भारी भीड़ है, कई लोगों को भगवा झंडे लहराते देखा जा सकता है. हालांकि, कुछ को हाथ में तिरंगा लिए या साइकिल पर चढ़े हुए भी देखा जा सकता है. मंदिर परिसर में भक्तों का प्रवेश सुबह 6 बजे शुरू होता है और अंतिम प्रवेश रात 10 बजे होता है.

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पिछले कई दिनों में देश के कई हिस्सों से लाखों लोग साइकिल सहित परिवहन के विभिन्न माध्यमों से मंदिर शहर पहुंचे हैं. कुछ ने तो पैदल भी यात्रा की है. ये सभी अपने क्षेत्र के रंग और संस्कृति लेकर आए हैं. अयोध्या के मध्य में मुख्य मार्ग, राम पथ, अभी भी भरा हुआ है. मंदिर शहर की सड़कों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है, जो भव्य मंदिर के उद्घाटन को लेकर धार्मिक उत्साह में डूबा हुआ है.

राम पथ पर और प्रतिष्ठित लता मंगेशकर चौक पर लोगों को विभिन्न भाषाओं में बात करते हुए सुना जा सकता है. 'राम आएंगे', 'अवध में राम आएं हैं' और अन्य गाने बज रहे हैं. अहमदाबाद की एक नागरिक सोसायटी ने मुख्य मंदिर परिसर की ओर जाने वाले मुख्य प्रवेश द्वार के पास राम पथ के किनारे एक खुले प्लॉट पर एक अस्थायी सुविधा में एक विशाल 'भंडारा' रखा है. इसके प्रवेश द्वार पर गुजराती और हिंदी में पोस्टर एक-दूसरे के बगल में लटकाए गए हैं.

जयंती भाई और अन्य कर्मचारी बिहार से उत्तर प्रदेश और राजस्थान से तेलंगाना तक से आए भक्तों को स्वादिष्ट 'खिचड़ी', 'पूरी सब्जी' और 'बूंदी' परोस रहे हैं.

अयोध्या में नए राम मंदिर में पूजा करने का दर्शन करने का समय गुरुवार से बढ़ गया है. सुबह 6 बजे से दर्शन की अनुमति दी गई. मंदिर शहर की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कें वाहनों के नियंत्रण के लिए बंद रहीं.

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