अतीक-अशरफ हत्याकांड में बड़ा खुलासा, रेकी करने इस तरह होटल से निकलते थे तीनों शूटर

अतीक-अशरफ हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. 13 अप्रैल की शाम 8:30 बजे शूटर्स ने होटल में चेक इन किया. यहां तीनों रूम नंबर- 203 में ठहरे. यहीं से ही तीनों रेकी करने के लिए निकलते थे. ये जानकारी जुटाने में जुटे हुए थे कि अतीक-अशरफ को लेकर पुलिस कब मेडिकल चेकअप के लिए निकलती है, वापस कब लौटती है.

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अतीक-अशरफ की हत्या के आरोपी शूटर्स. (फाइल फोटो) अतीक-अशरफ की हत्या के आरोपी शूटर्स. (फाइल फोटो)

अरविंद ओझा

  • प्रयागराज,
  • 22 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 6:06 PM IST

अतीक-अशरफ हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. आजतक की टीम प्रयागराज के उस होटल में पहुंची, जहां वारदात को अंजाम देने वाले तीनों शूटर ठहरे थे. इसका नाम है Hotel STAY IN. यहीं शूटर्स ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की साजिश रची थी.

वारदात के दो दिन पहले यानी कि 13 अप्रैल की शाम 8:30 बजे शूटर्स ने होटल में चेक इन किया. यहां तीनों रूम नंबर- 203 में ठहरे. यहीं से ही तीनों रेकी करने के लिए निकलते थे. किसी को उनके मंसूबों की भनक न लग जाए, इसके लिए साथ न जाकर तीनों एक-एक करके होटल से निकलते थे.

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तीनों ने कचहरी की भी रेकी की थी

ये बात भी सामने आई है कि तीनों शूटर 13 अप्रैल की शाम से ही अतीक और अशरफ का पीछा कर रहे थे. ये जानकारी जुटाने में जुटे हुए थे कि अतीक-अशरफ को लेकर पुलिस कब मेडिकल चेकअप के लिए निकलती है, वापस कब लौटती है. इतना ही नहीं तीनों ने कचहरी की भी रेकी की थी.

होटल से शूटर्स के 2 मोबाइल और एक चार्जर मिला

इस हत्याकांड में एसआईटी तेजी से जांच कर रही है. SIT ने होटल में छिपाए गए शूटर्स के 2 मोबाइल फोन और एक चार्जर बरामद किया है. मगर, मोबाइल में कोई सिम नहीं मिला है. होटल के कमरे से बरामद मोबाइलों में एसआईटी को पुराने नंबर भी मिले हैं, जिसकी सीडीआर निकलवाई जा रही है. 

पुलिस आरोपियों के नंबर की सीडीआर से उनके आपस में बातचीत का डाटा तैयार कर रही है. पुलिस कॉल डिटेल के आधार पर साजिश में शामिल अन्य लोगों तक भी पहुंच सकती है.

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दरअसल, पूछताछ में शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या ने एसआईटी का यह जानकारी दी थी कि प्रयागराज में रेलवे स्टेशन और खुल्दाबाद थाने के बीच स्थित एक होटल में वो तीनों ठहरे थे. तीनों ने प्लान के मुताबिक अपना अपना सिम निकालकर फेंक दिया था.

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वहीं, माफिया बंधुओं की हत्या के बाद तीनों शूटर होटल पहुंचकर अपना सामान लेकर फरार होने की फिराक में थे. हालांकि, तीनों ने भारी पुलिस फोर्स देखकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया. शूटर्स ने बताया कि वो ई-रिक्शा से माफिया डॉन अतीक और उसके भाई अशरफ की रेकी के लिए जाते थे. इस हत्याकांड की सच्चाई सामने लाने के लिए SIT (Special Investigation Team) ने दस सवाल तैयार किए हैं.

पहला सवाल- अतीक और अशरफ की हत्या के वक्त पहला शूटर, जिसने अतीक की कनपटी पर गोली दागी थी, वो कितनी दूर था.

दूसरा सवाल- जब अतीक और अशरफ पर फायरिंग हुई तब पुलिसकर्मी किस पोजीशन में थे.

तीसरा सवाल- तीनों शूटर्स मीडिया कर्मियों के साथ खड़े थे या अचानक अतीक और अशरफ के रुकने पर आए और फायरिंग की.

चौथा सवाल- शूटर्स ने जब सरेंडर किया, उस समय किस टीम ने किस शूटर को पकड़ा.

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पांचवां सवाल- किस शूटर ने किसको कितनी दूर और किस एंगल से गोली मारी.

छठा सवाल- शूटर्स ने आखिर भागने या पुलिस पर फायरिंग के बजाय किन परिस्थितियों में सरेंडर किया.

सातवां सवाल- तीनों शूटर्स के बीच कितनी दूरी थी. किसके पास कौन सा हथियार था और कितनी दूर से गोली चला रहे थे.

आठवां सवाल- अस्पताल के मेन गेट से पहले जहां पुलिस की गाड़ी खड़ी थी और जहां से पैदल आने पर अशरफ को गोली मारी गई, उसकी दूरी कितनी थी.

नवां सवाल- 19 पुलिस कर्मी अतीक अहमद और अशरफ की सुरक्षा में तैनात थे, तो हर पुलिस वाला कहां था.

दसवां सवाल- एसआईटी आज हुए क्राइम सीन रिक्रिएशन और घटना के मिले वीडियो फुटेज को चेक करेगी कि सीन रिक्रिएशन के दौरान पुलिस वालों के बयान और असल में कितना अंतर है.

प्रयागराज में अतीक और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात तीन शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इनकी पहचान अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी के रूप में हुई. तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगी थीं.

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