एक बुजुर्ग थाई महिला ने अपने बेटे के लिए घर के अंदर ही जेल बना दी. अब उनका बेटा घर में बने उसी जेल में रहता है. जेल बनवाते समय महिला ने इस बात का ध्यान रखा कि उसके बेटे को वहां सारी बुनियादी सुविधाएं मिलें. इस वजह उसे भोजन और पानी देने के लिए लोहे की सलाखों के बीच एक छोटी सी जगह भी छोड़ी गई है.
महिला ने बताया कि बार वाले इस जेल वाले कमरे में बिस्तर, बाथरूम और वाई-फाई जैसी ज़रूरी सुविधाएं हैं. मैंने अपने बेटे को खाना और पानी पहुंचाने के लिए एक छोटा सा छेद भी बनाया है. साथ ही 24 घंटे उसके व्यवहार पर नजर रखने के लिए एक CCTV सिस्टम लगाया.
जेल देखकर भड़क गई पुलिस
पुलिस को जब महिला के घर में बने जेल के बारे में पता चला, तो वे पिछले हफ़्ते उसके घर गए. इसे देख पुलिस बहुत खुश नहीं थी. पुलिस के अनुसार यह मानवाधिकार का उल्लंघन है. महिला को मानवाधिकारों के उल्लंघन और गैरकानूनी हिरासत बनाने का दोषी पाया जा सकता है.महिला की हरकतें आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 310 का उल्लंघन कर सकती हैं, जो गैरकानूनी हिरासत से मृत्यु या गंभीर चोट से संबंधित है, और इसके लिए तीन से 15 साल की जेल की सजा हो सकती है.
महिला ने जेल बनाने के पीछे बताई चौंकाने वाली वजह
महिला ने घर में जेल बनाने के पीछे की जो वजह बताई वो चौंकाने वाली है. उसने बताया कि उसका बेटा नशे और जुए की लत का शिकार है. इसी वजह से उसने अपने घर के अंदर लोहे की जेल की कोठरी बनवाई. मां ने बताया कि वह 20 सालों से भी अधिक समय से तक अपने नशे की लत के शिकार बेटे के डर के साये में जी रही है.
मां को बेटे से लगता है डर
थाईलैंड के बुरीराम प्रांत की इस महिला की उम्र 64 वर्ष है. महिला ने खुद को और अपने पड़ोसियों को अपने बेटे की हिंसक हरकतों से बचाने के लिए ये उपाय किया है. इस जेल में वह 42 वर्षीय अपने बेटे को तब बंद कर सकती थी, जब वह हिंसक हो जाता था. उसने पुलिस को बताया कि उसने वर्षों से अपने बेटे को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की.
बेटे को सुधारने की हर संभव कोशिश
वह देश भर के 10 से अधिक विभिन्न केंद्रों में कई पुनर्वास प्रयास शामिल हैं, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया और समय बीतने के साथ वह और अधिक हिंसक होता गया. महिला ने कहा कि बीस वर्षों से मैं लगातार डर में जी रही हूं. मेरे पति के निधन के बाद से मैं अपने बेटे के साथ अकेली रहती हूं.मेरे पति की मौत का एक कारण मेरे बेटे की नशीली दवाओं की लत के कारण होने वाला अवसाद और तनाव था. मैंने अपने घर में लोहे की सलाखें इसलिए लगाईं क्योंकि मुझे अपनी और अपने पड़ोसियों की सुरक्षा की चिंता थी.
23 अक्टूबर को, महिला को पुलिस को बुलाना पड़ा क्योंकि वह अपने बेटे को नियंत्रित नहीं कर पा रही थी. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वह जानती थी कि वह वापस आ जाएगा, इसलिए उसने जेल की कोठरी बनवाने का फैसला किया.
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