वंदे भारत एक्सप्रेस के एक यात्री को ट्रेन में भाग रहे और शोर करते बच्चों ने इतना परेशान किया कि उसकी नींद टूट गई. यात्री ने इसकी शिकायत करते हुए भारतीय रेलवे के रेडिट पेज (r/Indianrailways) पर एक पोस्ट भी शेयर की.
भाग-दौड़ से हिलने लगा था कोच
पोस्ट में व्यक्ति लिखता है कि वह सुबह साढ़े पांच बजे विशाखापट्टनम-सिकंदराबाद वंदे भारत एक्सप्रेस में सवार हुआ. तीन दिनों से नींद पूरी न हो पाने के कारण जब उसने सोने की कोशिश की तो कोच में मौजूद छोटे बच्चे इतना शोर मचा रहे थे कि उनकी वजह से बाकी यात्री भी परेशान हो गए. वह बताता है कि इन बच्चों की भाग-दौड़ से पूरा कोच हिलने लगा.
परवरिश पर उठाया सवाल
पोस्ट में व्यक्ति इस तरह की परवरिश पर सवाल उठाते हुए कहता है कि आखिर इनके माता-पिता को ऐसे बच्चों की हरकतें 'क्यूट' क्यों लगती हैं? उसने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इतना शोर उन्हें घर पर ही करना चाहिए, न कि दूसरों को परेशान करते हुए. उसने इस दौरान खेल-खेल में चोट लगने के खतरे पर भी बात की.
अन्य यूजरों ने शेयर किए अपने अनुभव
रेडिट पर "Why is it so hard for parents to control their annoying kids?” शीर्षक की इस पोस्ट पर अन्य यात्री और रेडिट यूजर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. कई लोगों ने फ्लाइट और ट्रेन में सफर के दौरान ऐसे अनुभव शेयर किए. कुछ ने उस व्यक्ति से हमदर्दी जताई और अन्य यूजरों ने बच्चों के साथ सफर करने की चुनौतियों पर भी जोर दिया.
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
सोशल मीडिया पर 'माता-पिता की गलती' या 'यूजर की असहनशीलता' को लेकर भी बहस छिड़ गई. कुछ यूजर्स ने सार्वजनिक जगहों पर अभिभावकों द्वारा बच्चों पर सख्त कंट्रोल रखने की बात की तो कुछ ने इस दौरान बच्चों को संभालते हुए माता-पिता के प्रति थोड़ी सहानुभूति रखने पर जोर दिया.
एक यूजर ने कमेंट किया कि बच्चों के इस व्यवहार को कमेंट सेक्शन में सही ठहराने वाले माता-पिता की संख्या मजेदार है. वहीं अन्य यूजर ने कहा कि कुछ अभिभावक बच्चों को डांटने पर उनके रिएक्शन से डरकर चुप रह जाते हैं. कुछ ने माता-पिता का बचाव करते हुए कहा कि छोटे बच्चों के साथ लंबी यात्रा करना कई बार मुश्किल हो सकता है.
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