अगर आप सोशल मीडिया पर टाइम बिताते हैं और Reels या Vlogs देखते हैं, तो एक न एक बार आपके सामने 'मोंकेश' व 'डोगेश' के वीडियो सामने आए होंगे. बनारस के घाटों पर घूमते-टहलते और बातचीत करते 'मोंकेश' और 'डोगेश' के वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं. इसमें बंदर का नाम मोंकेश जबकि कुत्ते का नाम डोगेश है, जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बनाया गया है. इन वीडियोज को बनाने वाले युवक का नाम आकाश है, जो उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के निवासी हैं.
आकाश ने 'आजतक' को बताया कि वो इन वायरल वीडियोज को बनाने के लिए कई AI टूल्स का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें भारत में हाल ही में लॉन्च हुआ गूगल का Veo-3 टूल प्रमुख है. उनके बनाए वर्चुअल 'मोंकेश' व 'डोगेश' ने सोशल मीडिया पर धमाल मचा रखा है. उनका हर तीसरा या चौथा वीडियो 1 मिलियन से ज्यादा व्यूज बटोरता है. अब उनके इंस्टाग्राम पेज पर 45 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स जुड़ चुके हैं.
'मोंकेश' और 'डोगेश' की कहानी, आकाश की जुबानी
बकौल आकाश- मुझे इस तरीके का एक वीडियो बनाने में 24 घंटे का समय लग जाता है. भारत में AI वीडियो का बड़ा स्कोप है, साथ ही ये कमाई का एक जरिया भी बन सकता है. बाहर के लोग पहले से इसका प्रयोग कर रहे हैं. उन्हीं के वीडियोज देखकर आइडिया आया कि क्यों न मैं इसे स्टार्टअप के तौर पर शुरू करूं.
आकाश के मुताबिक, वह कुछ पारिवारिक समस्याओं के चलते कंप्यूटर साइंस से बीटेक नहीं कंप्लीट कर पाए. लास्ट सेमेस्टर में कॉलेज से ड्रॉपआउट करना पड़ा. लेकिन टेक्निकल नॉलेज सीखने की हिम्मत नहीं हारी.
आर्थिक रूप से कमजोर पारिवारिक बैक ग्राउंड से आने वाले आकाश ने बेंगलुरु के एक स्टार्टअप में काम करते हुए AI और Animation की तकनीक सीखी. अब उनके वर्चअल मंकी और डॉग के साफ-सुथरे वीडियो लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. इससे उनकी रीच व पॉपुलैरिटी भी बढ़ रही और अच्छी-खासी इनकम भी हो रही है.
हरदोई जिले के बिलग्राम चुंगी इलाके में रहने वाले कंटेंट क्रिएटर आकाश कहते हैं- अगर कोई कहानी दिल से न निकले तो वह स्क्रीन पर भी लोगों का दिल नहीं छू सकती. मैंने जो किया है उससे लगता है अब पब्लिक का अगला फेवरेट वीलॉगर एक एआई बंदर/डॉग होगा, जो कहीं भी घूम सकता है, बातचीत कर सकता है, यहां तक की खबर भी पढ़ सकता है.
प्रशांत पाठक