पुर्तगाल गोल्डन वीज़ा पर बड़ा संकट, 5 नहीं 10 साल बाद मिलेगी नागरिकता!

पुर्तगाल के लोकप्रिय गोल्डन वीजा प्रोग्राम में बड़े बदलाव का प्रस्ताव सामने आया है, जिससे विदेशी निवेशकों की चिंता बढ़ गई है. नए कानून के तहत नागरिकता की समयसीमा में बड़ा बदलाव किया जा सकता है, जिसे लेकर कानूनी विशेषज्ञों ने गंभीर आपत्ति जताई है.

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विदेश में बसने का सपना खतरे में (Photo: AI generated) विदेश में बसने का सपना खतरे में (Photo: AI generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 29 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 3:43 PM IST

पुर्तगाल में निवेश करके वहां का गोल्डन वीज़ा (Golden Visa) पाने का सपना देखने वाले लोगों के लिए परेशान करने वाली खबर है. पुर्तगाल सरकार ने इस लोकप्रिय वीजा कार्यक्रम में कुछ बड़े बदलाव लाने का प्रस्ताव रखा है, जिसने निवेशकों और कानूनी विशेषज्ञों के बीच हलचल मचा दी है. 24 अक्टूबर 2025 को आए इस प्रस्ताव के बाद से ही कानूनी जानकार संभावित आवेदकों से तुरंत कार्रवाई करने की अपील कर रहे हैं. उन्हें डर है कि अगर ये नए नियम लागू हो गए, तो विदेशी नागरिकों के लिए पुर्तगाल में बसना और वहां की नागरिकता हासिल करना पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो जाएगा.

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पुर्तगाल ने गोल्डन वीजा के नियम कड़े किए

गोल्डन वीजा प्रोग्राम, जिसके तहत नॉन-ईयू नागरिक €500,000 (लगभग ₹4.5 करोड़) का निवेश करके पुर्तगाल में रहने का अधिकार पा सकते हैं, जो कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बहुत सहायक रहा है. लेकिन, 'द पुर्तगाल न्यूज' की एक रिपोर्ट के अनुसार, नए प्रस्ताव का सबसे बड़ा और चिंताजनक बदलाव यह है कि नागरिकता हासिल करने की समय-सीमा पांच साल से बढ़ाकर दस साल कर दी जाएगी. इसका सीधा मतलब है कि अगर यह नया कानून पास हो जाता है, तो जो निवेशक अभी तक केवल पांच साल में पुर्तगाली नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते थे, उन्हें अब पूरे दस साल तक इंतज़ार करना पड़ सकता है. यह उन लोगों के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने पुर्तगाल में जल्द बसने या पासपोर्ट हासिल करने का सपना देखा था.

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कानूनी चुनौतियों का सामना: मामला जाएगा सुप्रीम कोर्ट?

पुर्तगाल पाथवेज के संस्थापक पॉल स्टैनार्ड जैसे कानूनी विशेषज्ञों ने इस नए सुधार पर गंभीर संवैधानिक चिंताएं जताई हैं. उनका कहना है कि इस कानून को लागू होने से पहले कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और संभवतः यह पुर्तगाल के संवैधानिक न्यायालय (Constitutional Court) तक भी जा सकता है, जिससे इस मामले में काफी देरी होने की संभावना है. यहां तक कि पुर्तगाल के संविधान के 'जनक' कहे जाने वाले विधि प्रोफेसर जॉर्ज मिरांडा ने भी कहा है कि अगर इन बदलावों को पिछली तारीख से लागू किया गया, तो यह 'असंवैधानिक' होगा. यानी, कानूनी लड़ाई अभी लंबी चल सकती है.

अभी भी हैं कुछ बड़े फायदे

इन कानूनी मुश्किलों के बावजूद, गोल्डन वीजा के कुछ मुख्य लाभ अभी भी बरकरार हैं. आवेदकों को अभी भी पुर्तगाल में रहने का अधिकार मिलता रहेगा और वे यूरोपीय शेंगेन क्षेत्र के 29 देशों में बिना वीजा के घूम सकेंगे. सबसे अच्छी बात यह है कि गोल्डन वीजा धारकों को साल में केवल सात दिन ही पुर्तगाल में बिताना जरूरी होता है और €500,000 की निवेश सीमा भी वही रहेगी. यह लचीलापन उन निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत है जो पुर्तगाल में बिना स्थायी रूप से रहे निवेश के जरिए लाभ लेना चाहते हैं.

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विशेषज्ञों की तत्काल सलाह: तुरंत करें आवेदन

कानूनी विशेषज्ञ उन सभी लोगों को तुरंत कार्रवाई करने की सलाह दे रहे हैं, जिन्होंने पहले ही पांच साल का कानूनी निवास पूरा कर लिया है. इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोगों को बिना देर किए नागरिकता के लिए आवेदन कर देना चाहिए, क्योंकि मौजूदा पांच साल का नियम अभी भी लागू है. कानूनी जगत में यह माना जा रहा है कि जिस तरह पहले परिवार पुनर्मिलन नियमों में सरकारी बदलावों को कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था, उसी तरह इन नए गोल्डन वीजा सुधारों को भी कोर्ट में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, समय रहते कार्रवाई करना ही आवेदकों के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता है.
 

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