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नॉर्थ की ठंड से हैं परेशान, जनवरी में घूम आएं दक्षिण भारत के ये 5 टूरिस्ट स्पॉट्स

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST
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नया साल शुरू होते ही हम सबके मन में एक ही सवाल घूमने लगता है कि भाई, इस बार छुट्टियों में कहां चलें? अगर आप उत्तर भारत की कड़कड़ाती ठंड और कोहरे से तंग आ चुके हैं, तो यकीन मानिए दक्षिण भारत की हवाएं आपका इंतजार कर रही हैं. जनवरी के महीने में साउथ इंडिया का मिजाज न तो चिड़चिड़ाने वाली गर्मी वाला होता है और न ही भारी बारिश वाला. यहां का मौसम ऐसा होता है मानो कुदरत ने खुद पहाड़ों की ताजी हवा और समंदर की नमी को मिलाकर एक सुकून भरा अहसास चारों ओर बिखेर दिया हो. अगर आप चाहते हैं कि आपके इस ट्रिप की तस्वीरें देखकर लोग पूछने पर मजबूर हो जाएं कि ये जगह कौन सी है? तो चलिए जानते हैं साउथ के उन 5 जादुई ठिकानों के बारे में, जो इस मौसम में किसी जन्नत से कम नहीं लगते.

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शुरुआत करते हैं बादलों के घर यानी मुन्नार से. केरल का यह हिस्सा जनवरी में किसी मखमली चादर जैसा नजर आता है. जैसे ही आप मुन्नार की वादियों में कदम रखेंगे, चाय के बागानों की भीनी-भीनी खुशबू आपका स्वागत करेगी. यहां की ठंडी हवाएं और चारों तरफ फैली हरियाली आंखों को ऐसा सुकून देती हैं जो किसी महंगे स्पा में भी नहीं मिलेगा. अगर आप कोचीन एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर यहां पहुंचते हैं, तो रास्ते भर के नजारे ही आपका आधा पैसा वसूल कर देंगे. इसके अलावा, यहां मट्टुपेट्टी डैम के किनारे बैठकर सुकून के दो पल बिताना या एराविकुलम नेशनल पार्क में नीलगिरी तहर को देखना एक ऐसा अनुभव है, जिसे आप अपने कैमरे और यादों, दोनों में कैद करना चाहेंगे.

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पहाड़ों की बात छिड़ी है तो ऊटी को कैसे भूल सकते हैं? तमिलनाडु का यह हिल स्टेशन सालों से पर्यटकों का चहेता रहा है, लेकिन जनवरी में इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. इसे 'पहाड़ों की रानी' यूं ही नहीं कहा जाता. यहां की नीलगिरी टॉय ट्रेन में बैठकर जब आप सुरंगों और ऊंचे पुलों से गुजरते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे किसी फिल्मी सीन का हिस्सा बन गए हों. बॉटनिकल गार्डन की रंग-बिरंगी दुनिया हो या डोड्डाबेट्टा पीक से दिखता दूर-दूर तक फैला नजारा, ऊटी में बिताया हर लम्हा खास होता है. कोयंबटूर से बस तीन घंटे की दूरी तय करके आप इस जादुई दुनिया का हिस्सा बन सकते हैं.

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अगर आप भीड़भाड़ से दूर किसी शांत और खुशबूदार जगह की तलाश में हैं, तो कूर्ग आपके लिए सबसे बेस्ट है. कर्नाटक के इस हिस्से को 'भारत का स्कॉटलैंड' कहा जाता है. जनवरी में यहां के कॉफी बागानों में घूमना और ताजी कॉफी की महक को महसूस करना एक अलग ही नशा है. कुदरत की गोद में बसे इस शहर में सिर्फ शांति ही नहीं, बल्कि रोमांच भी भरपूर है. जहां एक तरफ एब्बे फॉल्स का दूधिया पानी आपको ताजगी से भर देगा, वहीं दुबारे एलीफेंट कैंप में हाथियों के साथ समय बिताना बच्चों के लिए किसी सपने जैसा होता है. मैंगलोर या मैसूर से सड़क मार्ग के जरिए यहां पहुंचना बेहद आसान है, लेकिन कूर्ग की असली खूबसूरती तो यहां की शामों में छिपी है. बस हाथ में गरम कॉफी का एक कप थामकर घंटों तक पहाड़ों को निहारना एक ऐसा अहसास है, जो आपको फिर से तरोताजा कर देगा.

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प्रकृति के नजारों से थोड़ा आगे बढ़ें और इतिहास व संस्कृति की ओर रुख करें, तो हम्पी का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर आता है. हम्पी को सिर्फ खंडहरों का शहर समझना गलत होगा, सच तो यह है कि यह पत्थरों पर उकेरी गई एक बेहद खूबसूरत कविता जैसा है, जहां हर नक्काशी बीते दौर की भव्यता बयां करती है. वैसे तो यहां साल भर सैलानी आते हैं, लेकिन जनवरी का मौसम यहां घूमने के लिए सबसे बेहतर है, क्योंकि इस वक्त पत्थर ज्यादा गर्म नहीं होते और आप बिना थके घंटों तक विरुपाक्ष मंदिर और मशहूर स्टोन चैरियट (पत्थर का रथ) को निहार सकते हैं. इतिहास के पन्नों को पलटते हुए जब आप तुंगभद्रा नदी के किनारे बसें इस शहर की वास्तुकला को देखते हैं, तो आप दंग रह जाएंगे. यहां पहुंचना भी काफी आसान है, आप हुबली एयरपोर्ट या होस्पेट रेलवे स्टेशन के जरिए यहां तक का सफर तय कर सकते हैं. यकीन मानिए, हम्पी का हर पत्थर अपनी एक कहानी कहता है, बस आपके पास रुककर उन्हें सुनने का वक्त और सुकून होना चाहिए.

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पहाड़ों और इतिहास की सैर के बाद, सफर के आखिरी पड़ाव पर बात करते हैं सुकून के असली ठिकाने अलप्पुझा की, जिसे लोग प्यार से अलेप्पी भी कहते हैं. अगर आप पहाड़ों की ऊंचाइयों से उतरकर पानी की लहरों पर अपना घर बसाने का सपना देखते हैं, तो यहां का हाउसबोट स्टे खास आपके लिए ही बना है. कुदरत का करिश्मा देखिए कि जनवरी के महीने में इस जगह के बैकवाटर्स का शांत पानी और उसके किनारे कतार में खड़े नारियल के पेड़ किसी सुंदर पेंटिंग जैसे नजर आते हैं. इस सफर का असली मजा तब आता है जब आप केरल की पारंपरिक नावों में बैठकर वहां के लजीज स्थानीय खाने का स्वाद लेते हैं और पानी के बीचों-बीच ढलते हुए सूरज को देखते हैं. यकीन मानिए, यह आपके ट्रिप का सबसे यादगार पल बन जाएगा. कोचीन एयरपोर्ट से महज दो घंटे की दूरी पर मौजूद यह जगह आपको शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से पूरी तरह काटकर एक नई ताजगी और ऊर्जा से भर देगी.

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