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सैर सपाटा

2026 में इन 'हिडन' बीच पर मनाएं छुट्टियां, जहां टूरिस्टों की भीड़ नहीं, सिर्फ शांति है

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 26 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST
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जब भी हम किसी मशहूर समुद्र तट के बारे में सोचते हैं, तो दिमाग में सबसे पहले तेज म्यूजिक, सेल्फी लेने वालों की भीड़ और शोर-शराबे की तस्वीर उभरती है. लेकिन भारत का असली तटीय सौंदर्य इन सबसे कहीं दूर, उन खामोश लहरों में छिपा है, जहां आज भी प्रकृति अपने असली और शुद्ध रूप में दिखाई देती है. साल 2026 में अगर आप अपनी छुट्टियों को यादगार बनाना चाहते हैं और उन जगहों पर जाना चाहते हैं जहां सैलानियों से ज्यादा लहरों की आवाज सुनाई दे, तो भारत के ये कम प्रसिद्ध तट आपकी पहली पसंद होने चाहिए. यहां का अनुभव किसी रील या फोटो तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समय की धीमी रफ्तार को महसूस करने का एक मौका है.

Photo: incredibleindia.gov.in
 

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चांदीपुर, ओडिशा

ओडिशा का चांदीपुर बीच अपनी एक ऐसी खासियत के लिए जाना जाता है, जो शायद ही दुनिया में कहीं और देखने को मिले. यहां का समुद्र लुका-छिपी के खेल जैसा अनुभव देता है, जहां कम ज्वार के समय पानी करीब पांच किलोमीटर तक पीछे हट जाता है और पीछे छोड़ जाता है एक अनंत रेत का मैदान. यह नजारा इतना अवास्तविक लगता है कि मानो आप किसी दूसरी दुनिया में आ गए हों. हालांकि भुवनेश्वर हवाई अड्डे से यहां तक की पांच घंटे की लंबी ड्राइव कई लोगों को थका देती है, लेकिन जो लोग इस दूरी को तय कर लेते हैं, उन्हें इनाम के रूप में भारत का सबसे अनोखा सूर्यास्त देखने को मिलता है. चांदीपुर की यह खामोशी ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है, जो आपको प्रकृति के रहस्यों से रूबरू कराती है.

Photo: Pixabay,
 

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ओम बीच, कर्नाटक

कर्नाटक के गोकर्ण के पास स्थित ओम बीच उन लोगों के लिए एक स्वर्ग है जो सादगी और शांति के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं. इसका नाम इसके प्राकृतिक आकार की वजह से पड़ा है, जो ऊपर से देखने पर हिंदू प्रतीक 'ओम' जैसा दिखाई देता है. हरी-भरी पहाड़ियों से घिरे इस तट पर पहुंचकर ऐसा लगता है मानो समय ठहर गया है. यहां की लहरें शांत हैं और किनारे पर बने छोटे-छोटे कैफे आपको घर जैसा एहसास कराते हैं. बेंगलुरु या गोवा से सड़क मार्ग द्वारा यहां पहुंचना बेहद आसान है, लेकिन अच्छी बात यह है कि यहां अभी भी कमर्शियल शोर-शराबा हावी नहीं हुआ है. सूर्योदय के समय तटरेखा पर पैदल चलना या सिर्फ खामोशी से बैठकर बदलते आसमान को देखना आपके भीतर एक नई ऊर्जा भर देता है. 

Photo: Pexels

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मिनिकॉय बीच, लक्षद्वीप

अगर आप मुख्य भूमि के शोरगुल से पूरी तरह कटकर किसी शांत द्वीप पर जाना चाहते हैं, तो मिनिकॉय आपका इंतजार कर रहा है. लक्षद्वीप का यह हिस्सा भारत के सबसे सुरक्षित और प्राचीनतम रहस्यों में से एक है, जहां का नीला पानी इतना पारदर्शी है कि आप गहराई तक सब कुछ साफ देख सकते हैं. यहां पहुंचने के लिए कोच्चि से उड़ान या जहाज का सहारा लेना पड़ता है और शायद यही दुर्गमता इसे भीड़ से बचाकर रखती है. मिनिकॉय में जीवन आज भी अपनी पुरानी रफ्तार से चलता है, जहां ताड़ के पेड़ों के बीच बसे मछुआरों के गांव आपको असल तटीय जीवन का स्वाद चखाते हैं. इसके अलावा प्रवाल भित्तियों के बीच स्नॉर्कलिंग करना और समुद्री लहरों के साथ तालमेल बिठाना यहां का सबसे सुखद अनुभव है. 

Photo: incredibleindia.gov.in
 

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पैराडाइज बीच, पुडुचेरी

पुडुचेरी अपनी औपनिवेशिक वास्तुकला और बेहतरीन खान-पान के लिए मशहूर है, लेकिन वहीं पास में मौजूद पैराडाइज बीच पर्यटकों की आम पहुंच से थोड़ा दूर और शांत है. इस समुद्र तट की खासियत यह है कि यहां तक पहुंचने का रास्ता शहर की मुख्य सड़कों से नहीं, बल्कि एक सुंदर बैकवाटर से होकर गुजरता है. नाव से 20 मिनट का यह छोटा सा सफर ही आपको बाहरी दुनिया के शोर से अलग कर देता है. किनारे पर पहुंचते ही आपको मखमली रेत और साफ सुथरा तट मिलता है, जहां कोई बड़ी व्यावसायिक इमारतें नहीं हैं. सुबह की पहली किरणों के साथ यहां समुद्र में डुबकी लगाना या ढलती शाम को रेत पर चुपचाप बैठना एक ऐसा अहसास है जो आपको फिर से तरोताजा कर देगा. 

Photo: Pixabay

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