मिल जाएगा चोरी या गुम हुआ महंगा फोन, Sanchar Saathi की ये 5 फीचर सभी नागरिक को जानना जरूरी

Sanchar Sathi App को लेकर खूब चर्चा हो रही है. इस दौरान कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. सरकार ने कुछ अफवाहों को दूर करते हुए सफाई दी है और संचार साथी ऐप की सच्चाई बताई है. ये ऐप बड़े ही काम का है, जिसमें जरूरी फीचर्स भी मिलते हैं. साथ ही सरकार ने सर्विलांसिंग के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया है और कहा कि इस ऐप को यूजर्स चाहें तो डिलीट भी कर सकते हैं.

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Sanchar Sathi App को लेकर फैल रही अफवाहों को सरकार ने रोका. (Photo: ITG) Sanchar Sathi App को लेकर फैल रही अफवाहों को सरकार ने रोका. (Photo: ITG)

रोहित कुमार

  • नई दिल्ली ,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:55 AM IST

सरकारी ऐप संचार साथी चर्चा में बना हुआ है. सरकार के एक ऑर्डर के बाद भारत में सेल होने वाले सभी नए फोन में संचार साथी ऐप को प्री इंस्टॉल करके देना होगा. इस ऑर्डर के बाद से ही संसद से लेकर सड़क तक ये चर्चा हो रही है कि क्या ये ऐप भारतीयों के लिए सेफ है और क्या इससे आम लोगों की प्राइवेसी तो खतरने में नहीं पड़ेगी.  

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फोन में संचार साथी ऐप अनिवार्य होना चाहिया या नहीं, उस पर बात ना करते हुए ये जानते हैं कि संचार साथी ऐप अंदर 5 खास फीचर्स हैं. संचार साथी ऐप को ओपन करते ही 5 नए फीचर्स दिखाई देते हैं, जिनको सिटिजन सेंट्रिक सर्विस बताया गया है. साथ ही सरकार ने इस ऐप को लेकर चल जारी अफवाहों को रोका है और उसके पीछे का सच बताया है.

संचार साथ ऐप स्क्रीन पर दिखने वाली सर्विस 

  • चक्षु- संदिग्ध धोखाधड़ी वाले कॉल/मैसेज की रिपोर्ट करें : आपके स्मार्टफोन पर अगर कोई साइबर ठगी की कॉल, मैसेज आदि आते हैं तो उनकी यहां तुरंत रिपोर्ट कर सकते हैं. 
  • अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करें : अगर आपका स्मार्टफोन खो जाता है या गुम हो जाता है तो किसी दूसरे के ऐप या वेब पोर्टल की मदद से फोन चोरी की रिपोर्ट कर सकते हैं और IMEI नंबर ब्लॉक कर सकते हैं. मिलने के बाद IMEI नंबर अनब्लॉक भी किया जा सकता है. 
  • अपने नाम पर मोबाइल कनेक्शन को जानें : आपके नाम पर कितने सिम कार्ड हैं, उसके बारे में आप खुद संचार साथी पोर्टल की मदद से चेक कर सकते हैं. 
  • अपने स्मार्टफोन की वास्तविकता की जांच करें : नया या पुराना स्मार्टफोन खरीदने जा रहे हैं तो संचार साथी ऐप पर IMEI नंबर एंटर करके फोन का रिपोर्ट कार्ड देख सकेंगे. 
  • भारतीय नंबर की से आने वाली इंटरनेशनल कॉल्स की रिपोर्ट करेंः फर्जी नंबर से आने वाली कॉल्स की भी रिपोर्ट कर सकते हैं. कई इंटरनेशनल गैंग के साइबर ठग भारतीय नंबर का यूज करके लोगों को चूना लगाते हैं. यूजर्स उनकी भी आसानी से रिपोर्ट कर सकेत हैं. 

संचार साथी को लेकर मंत्री ने किया पोस्ट 

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सवालः संचार साथी ऐप के बेनेफिट्स और खतरे कितने-कितने हैं? 

जवाब: संचार साथी के साथ कोई भी प्राइवेसी खतरा नहीं है. इस ऐप के सिर्फ फायदे हैं. ये ऐप सिटिजन सेंट्रिक सर्विस प्रोवाइड कराता है. इसके सिर्फ फायदे हैं. इस पर संदिग्ध फोन कॉल, मैसेज आदि की रिपोर्ट कर सकते हैं. खोए या चोरी फोन के रिपोर्ट कर सकते हैं. 

यह भी पढ़ें: Apple नहीं मानेगा भारत सरकार का ऑर्डर? संचार साथी ऐप को लेकर करेगा चर्चा

सवालः कंपनियों के दिए गए ऑर्डर में क्लॉज़ 7b के तहत सभी नए हैंडसेट में संचार साथी प्री-इंस्टॉल करने को कहा है. फिर ये कैसे संभव है कि ऐप ‘ऑप्शनल’ है और अनइंस्टॉल किया जा सकता है?

जवाब: प्री-इंस्टॉलेशन डायरेक्टिव सिर्फ मोबाइल मैन्युफैक्चरर के लिए है, उपयोगकर्ताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं. ऑर्डर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐप पहली बार सेटअप में मोबाइल यूजर्स को साफ-साफ दिखाई दे और निर्माता इसके फंक्शन को सीमित ना करें. 

क्लॉज में ये बात नहीं की गई है कि ऐप अनइंस्टॉल नहीं किया जा सकता.  मोबाइल यूजर्स पूरी तरह से फ्री होंगे, अगर यूजर्स संचार साथी ऐप को हटाना चाहें तो हटा सकते हैं या फिर डिलीट भी कर सकेंगे. 

सवालः रिपोर्ट के अनुसार ऐप को ब्रॉड परमिशन (कॉल/SMS लॉग, कैमरा, स्टोरेज आदि) की आवश्यकता होती है। क्या यह सही है?

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जवाबः संचार साथी ऐप को फोन डेटा तक लिमिटेड एक्सेस चाहिए होती है. वह भी उतने समय और उतनी सीमा तक, जितनी किसी विशेष फ्रॉड-रिपोर्टिंग इंटरैक्शन के लिए जरूरी है. जैसे बेसिक परमिशन, जिसमें कॉल लॉग और  SMS आदि शामिल हैं. इसके बाद वेरिफिकेशन्स के लिए ओटीपी मांगता है. 

ऐप में एडवांस्ड परमिशन तब सक्रिय होता है, जब यूजर्स को कोई सबूत अपलोड करना होता है,  जैसे कोई फर्जी SMS का स्क्रीनशॉट या धोखाधड़ी का फोटो आदि. 

सवाल:  क्या ऐप उपयोगकर्ता की प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा को खतरा पहुंचाता है / निगरानी सक्षम करता है?

उत्तरः नहीं. संचार साथी ऐप ऐप कभी भी माइक्रोफोन, लोकेशन, ब्लूटूथ या ऑपरेटिंग सिस्टम डेटा तक का एक्सेस नहीं मांगता है.  

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सवालः क्या यह कदम कानूनी और संवैधानिक रूप से उचित है, खासकर ऐसे देश में जहां डिजिटल-राइट्स की मजबूत सुरक्षा है?

उत्तरः हां. ये ऑर्डर Telecom Cybersecurity Rules 2024 (संशोधित) के तहत, जो Telecommunications Act 2023 के फ्रेमवर्क में जारी किए गए हैं. 

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