गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या से पहले ही पुलिस ने छेड़खानी की उस शिकायत पर भी जांच शुरू कर दी थी, जिसकी शिकायत विक्रम ने कई बार पुलिस से की थी. हालांकि दूसरे पक्ष ने भी पहले एक मारपीट की शिकायत दी थी. लेकिन मारपीट की वजह क्या थी, यह साफ नहीं हो पाया था. अब पुलिस इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है.
गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि दोनों मामलों की जांच जारी थी, इसी दौरान विक्रम जोशी के साथ ये वारदात हो गई. इसी के बाद पुलिस ने छेड़खानी की एफआईआर भी दर्ज कर ली है. इलाके के चौकी इंचार्ज को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. विक्रम पर हमले के मामले में पहले हत्या के प्रयास यानी आईपीसी की धारा 307 और आर्म्स एक्ट का केस दर्ज था. लेकिन अब उसे बदलकर आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या का केस कर दिया गया है.
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हमले में घायल पत्रकार विक्रम जोशी ने बुधवार तड़के हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. मौत की खबर सुनते ही परिवार में मातम पसर गया है. विक्रम अपने पीछे 8 और 5 साल की दो बेटियां, एक 3 साल का बेटा और अपनी पत्नी को छोड़ गए हैं. विक्रम की मौत के बाद मौके पर पहुंचे गाजियाबाद के डीएम ने कहा कि प्रशासन की तरफ से योग्यता के आधार पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी. बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी सरकार उठाएगी. इसके अलावा 10 लाख की मदद भी उत्तर प्रदेश सरकार और गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से परिवार को दी गई है.
जैसे ही पोस्टमार्टम के बाद विक्रम का शव उनके घर पहुंचा, घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. विक्रम की दोनों छोटी बच्चियां जो कि वारदात के वक्त मौके पर थीं, वो भी बेहद सदमे में हैं. लगातार पापा-पापा बोलकर रो रही हैं. विक्रम की पत्नी का कहना था कि उन्हें नहीं पता क्या हुआ. बस वो ये जानती है कि उनके पति बेटियों के साथ बहन के घर से साढ़े दस बजे रात में निकले थे.
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पुलिस ने इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी समेत 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और एक फरार आरोपी की तलाश है. साथ में विजय नगर के चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है.
विक्रम के परिवार वालों का कहना है कि हमला करने वालों से उनकी कोई निजी दुश्मनी नहीं थी. बल्कि विक्रम के घरवालों के मुताबिक हमलावर विक्रम की भांजी के साथ छेड़छाड़ करते थे. जिसकी शिकायत विक्रम की बहन ने 3 दिन पहले पुलिस से की थी. विक्रम पत्रकार थे, लिहाजा उन्होंने पुलिस को फोन कर कार्रवाई करने के लिए भी कहा था.
पुलिस ने तो कार्रवाई की नहीं उल्टा बदमाशों ने ही विक्रम पर हमला कर दिया. विक्रम की बहन का कहना है कि आते-जाते उनकी बेटी पर फब्तियां कसी जाती थीं. जिसकी शिकायत पुलिस से उन्होंने की थी.
हिमांशु मिश्रा / परवेज़ सागर