शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन के बीच गुरुवार को कुछ देर के लिए गहमागहमी का दौर सामने आया. दरअसल गुरुवार रात एक सूचना आई कि रात 11 बजे शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदर्शनकारी शायद रास्ता खोलने की घोषणा कर सकते हैं.
इस वजह से कैंसिल हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस
यह खबर मीडिया में चलते ही धरना स्थल पर गहमागहमी फैल गई. बताया जा रहा है कि इस बात पर प्रदर्शनकारी एकमत नहीं हो सके और दो धड़ों में बंट गए. एक धड़ा शाहीन बाग की उस सड़क का एक हिस्सा खोलने के पक्ष में था जबकि अन्य लोग इसके खिलाफ थे. इस पर लंबे समय तक बहस चली जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि विरोध प्रदर्शन वैसे ही चलता रहेगा जैसा पहले दिन से चल रहा था. कुछ भी बदला नहीं जाएगा. इसके साथ बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस भी कैंसिल कर दी गई.
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कई दिनों से शाहीन बाग में चल रहा है विरोध प्रदर्शन
शाहीन बाग में CAA के खिलाफ धरना प्रदर्शन को 40 दिन से भी ज्यादा का समय हो गया है. यहां पर लोगों की मांग है कि CAA को वापिस लिया जाए और इसे लिखित में दिया जाए तभी वह धरने से हटेंगे. धरने पर तमाम महिलाओं और लड़कियों के साथ-साथ कई बुजुर्ग महिलाएं भी बैठी हैं. जिन्हें शाहीन बाग की दादी भी पुकारा जा रहा है.
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शाहीन बाग बन गया है चुनावी मुद्दा!
दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ जारी प्रदर्शन को भाजपा ने अपना चुनावी मुद्दा बना लिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर स्थानीय नेता हर कोई अपने भाषणों और ट्वीट में शाहीन बाग का जिक्र कर रहा है. बीजेपी शाहीन बाग का इस्तेमाल कर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए कर रही है. अमित शाह दिल्ली की रैलियों में कहते रहे हैं कि ईवीएम पर इतनी जोर से बटन दबाओ कि उसका करेंट शाहीन बाग तक पहुंचे.
तनुश्री पांडे / मिलन शर्मा