हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को समर्थन देने वाले जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के प्रमुख दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला को तिहाड़ जेल से दो हफ्ते की छुट्टी मिलने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तंज कसा है. शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी होने की सजा काट रहे अजय चौटाला 2 हफ्तों की फरलो मिली है.
हरियाणा में सरकार गठन के लिए बीजेपी का समर्थन करने के एक दिन बाद ये खबर आ गई कि दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला को 2 हफ्तों की फरलो मिल गई है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिल पाया है. ऐसे में छोटे दलों की भूमिका अहम हो गई और 10 सीट जीतने वाले जेजेपी के दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है.
पहले कयास लगाए जा रहे थे कि दुष्यंत चौटाला 31 सीट जीतने वाली कांग्रेस पार्टी का समर्थन कर सकते हैं लेकिन इसके उलट उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया. बीजेपी को समर्थन देने के ऐलान के बाद अजय चौटाल को मिली फरलो पर प्रियंका गांधी ने तंज कसने में देर नहीं की. प्रियंका गांधी ने aajtak.in की एक खबर को शेयर करते हुए लिखा, 'अखिल भारतीय भ्रष्टाचार धुलाई मशीन चालू आहे!'
बता दें कि दुष्यंत चौटाला की घोषणा के अगले दिन शनिवार को उनके पिता अजय चौटाला को तिहाड़ जेल से दो हफ्ते की छुट्टी मिल गई. तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल के हवाले से समाचार एजेंसी आईएएनएस ने बताया, दोषी अजय चौटाला को दो हफ्ते की फरलो दी गई है. उन्होंने कुछ कुछ दिन पहले ही छुट्टी के लिए आवेदन किया था. वह अपनी मां के निधन की याद में होने वाले कर्मकांड में शामिल होने के लिए जाना चाहते हैं.
गोयल ने आगे कहा कि अजय चौटाला ने छुट्टी के लिए दूसरी बार अर्जी दी है. इससे पहले तीन हफ्ते के लिए वह छुट्टी पर गए थे. एक साल में एक दोषी को नियम के मुताबिक, सात बार छुट्टी दी जा सकती है. आवेदक को छुट्टी देनी है या नहीं, इसका अंतिम फैसला जेल महानिदेशक करता है. बताया जा रहा है कि अजय चौटाला अपने बेटे दुष्यंत चौटाला के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना चाहते हैं. दुष्यंत हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री पद के लिए नामित हुए हैं.
क्यों जेल में हैं अजय चौटाला
गौरतलब है कि फरवरी, 2013 में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके विधायक पुत्र अजय चौटाला को तीन अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ जाली दस्तावेजों का उपयोग करके राज्य में तीन हजार से अधिक शिक्षकों की अवैध रूप से भर्ती करने के आरोप में सीबीआई की विशेष अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी.
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