दलितों की नाराजगी को दूर करने के लिए मोदी सरकार द्वारा एसएसी/एससी एक्ट में संसोधन कर मूल स्वरूप में बहाल करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. देश के कई प्रदेशों में सरकार के खिलाफ सवर्ण समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर प्रदेश के बड़े नेताओं के घेराव के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पथराव का सामना करना पड़ा है. मंगलवार को ग्वालियर में एससी/एससी एक्ट के खिलाफ रैली बुलाई गई है और 6 सितंबर को 'भारत बंद' का ऐलान किया है.
बता दें कि SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद किया था. इस दौरान सबसे ज्यादा हिंसा ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई थी. अब सवर्ण समुदाय के लोग भी एकजुट हो रहे हैं.
राज्य में कुछ ही महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. यही वजह है कि SC/ST एक्ट के खिलाफ सपाक्स के आंदोलन ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों की नींद उड़ा रखी है. इन्होंने विधानसभा चुनाव में दोनों दलों का विरोध करने का ऐलान किया है.
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान इन दिनों 'जन आशीर्वाद यात्रा' पर निकले हैं. रविवार को सीधी जिले के चुरहट में उनके रथ पर अज्ञात लोगों ने पथराव कर दिया. हालांकि इस पथराव में किसी को भी चोट नहीं पहुंची, लेकिन सीएम जिस गाड़ीनुमा रथ में सवार थे, उसके शीशे जरूर चटक गए. प्रदर्शनकारियों ने सीएम को काले झंडे भी दिखाए थे.
मंत्रियों का किया घेराव
ग्वालियर में सवर्ण समाज के लोगों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के घर का घेराव करते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की थी. इससे पहले केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत शनिवार को गुना में थे, उनके साथ सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे. इस दौरान दोनों नेताओं को सपाक्स के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. ऐसे ही कुछ हालातों का सामना विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र विदिशा में करना पड़ा.
सपाक्स लंबे समय से प्रमोशन में आरक्षण का विरोध कर रहा है. संगठन ने अपनी इस मुहिम में कई समाजों को भी जोड़ा है. इस मुहिम का सीधा असर कई जिलों में देखने को मिला.
कुबूल अहमद