दिल्ली हाईकोर्ट में शरजील इमाम की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से जांच के लिए कुछ और वक्त मांगा है. हाईकोर्ट में शरजील इमाम की तरफ से साकेत कोर्ट के 25 अप्रैल के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें पुलिस को जांच के लिए 90 दिन का वक्त और बढ़ा दिया गया था. इसके अलावा कोर्ट ने शरजील इमाम की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया था.
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दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट में दाखिल की गई स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि चार्जशीट दाखिल करने में कुछ और वक्त लग सकता है. शरजील इमाम पर यूएपीए लगाया गया है. पुलिस की तरफ से कहा गया है कि शरजील इमाम के व्हाट्सऐप और टेलिफोनिक कॉल्स की जांच चल रही है, जिसमें अभी कुछ और वक्त लग सकता है. दिल्ली हाईकोर्ट ने फिलहाल इस मामले में अगली सुनवाई 10 जून तक के लिए टाल दी है.
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल किए अपने जवाब में कहा है कि शरजील इमाम को इस मामले में जमानत नहीं मिलनी चाहिए. पुलिस का कहना है कि जिस तरह के गंभीर आरोप शरजील इमाम के खिलाफ हैं, उसमें जांच के लिए समय और मांगने के पीछे पुलिस के पास पर्याप्त कारण है.
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वहीं शरजील इमाम का कोर्ट में तर्क है कि जांच पूरी करने के लिए 90 दिन से ऊपर का वक्त दिल्ली पुलिस को नहीं दिया जाना चाहिए. इसी बात को आधार बनाते हुए शरजील इमाम ने हाइकोर्ट से जमानत भी मांगी है. इमाम ने अपनी याचिका में कहा है कि अगर जांच एजेंसी 3 महीने में अपनी जांच पूरी नहीं कर सकी तो आरोपी को कानूनी तौर पर जमानत का अधिकार है.
क्या है मामला?
दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास हिंसक प्रदर्शन के मामले में शरजील इमाम को 28 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस मामले में गिरफ्तारी के बाद जांच पूरी करने के लिए निर्धारित 90 दिन की मियाद 27 अप्रैल को खत्म हुई, जिसके बाद पुलिस की अर्जी पर निचली अदालत ने 25 अप्रैल को पुलिस की जांच के लिए 90 दिन की मियाद को बढ़ाकर 180 दिन कर दिया.
बता दें कि शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण और देशद्रोह के मामले में केस दर्ज किया है. शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने यूएपीए में मामला दर्ज किया है. जिसमें अक्सर जमानत आसानी से नहीं मिलती है. निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद शरजील इमाम ने हाईकोर्ट का रुख किया था.
पूनम शर्मा