ई-एजेंडा आजतक के मंच पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कोरोना की महामारी के कारण प्रदेश के सामने आई चुनौतियों के साथ ही इनसे निपटने के उपायों और रणनीति पर भी बात की. रुपाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आसानी से संपर्क किया जा सकने वाला पीएम बताया और अन्य पहलुओं पर भी खुलकर चर्चा की.
कोरोना के कारण उत्पन्न हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या सोचते हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्य और वहां के हालात पर पीएम की नजर है. पीएम ने अलग-अलग राज्यों की समस्याओं को देखते हुए मंत्रियों का ग्रुप बना रखा है. पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री रुपाणी ने कहा कि वह सबसे चर्चा कर रहे हैं. लॉकडाउन का निर्णय भी उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से बात करने के बाद ही लिया.
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रुपाणी ने पीएम पर भरोसा रखने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री, चाहे वह किसी भी दल का हो, कभी भी उनसे आसानी से बात कर सकता है. वह सबसे चर्चा करते भी हैं. लॉकडाउन को राहुल गांधी की ओर से पॉज बटन बताए जाने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित पंजाब ने ही सबसे पहले लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी. उन्होंने आगे कहा कि राज्यों को केंद्र के साथ रहना चाहिए. पीएम ने चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की, फोन पर कई बार अलग-अलग मुख्यमंत्रियों से बात की.
लॉकडाउन के आगे क्या, इस सवाल पर गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लॉकडाउन हट गया और कोरोना के मरीज एक से दूसरे राज्य में पहुंचने लगे तो राज्यों को परेशानी होगी. कोरोना से सभी मिलकर लड़ें. उन्होंने कहा कि पीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में खुद उन्होंने भी यह मांग की थी कि जहां परिस्थिति कंट्रोल में है, वहां इकोनॉमिक एक्टिविटी शुरू की जाए.
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सीएम रुपाणी ने कहा कि हमें लॉकडाउन के बाद कोरोना के साथ जीना होगा. इसके बारे में अब तो काफी बातें बाहर आ गई हैं. उन्होंने कहा कि हमें इम्युनिटी बढ़ानी है, आयुर्वेद का भी उपयोग कर सकते हैं. मास्क और सैनिटाइजेशन का भी खयाल रखना होगा. सीएम रुपाणी ने कहा कि लोगों के मन में धीरे-धीरे यह बात घर करने लगी है कि मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग और साबुन से हाथ धोने को अपनी आदत बनाना होगा. हमने कल इसके लिए शपथ लेने का आह्वान किया था.
उन्होंने कहा कि लाखों लोगों ने हैश टैग के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किए हैं. लोगों ने इसे अपनी आदत बनाने की शपथ भी ली है. सोशल डिस्टेंसिंग और चिकित्सकों पर हमले की घटनाओं पर चिंता जताते हुए रुपाणी ने कहा कि अब, जब कोरोना के मरीज ठीक होकर घर पहुंच रहे हैं, तब लोग फूलों से स्वागत कर रहे हैं. अब लोग डॉक्टर, नर्स और पुलिस का सम्मान करने लगे हैं.
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