Tokyo Olympics: भारतीय हॉकी टीम इतिहास दोहराने की ओर, चार दशक बाद सेमीफाइनल में जाने का मौका

भारतीय हॉकी टीम ब्रिटेन के खिलाफ रविवार को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उतरेगी. चार दशक बाद ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाने से वह एक कदम दूर है. 8 बार की ओलंपिक चैम्पियन भारतीय टीम के पास अपने गौरवशाली इतिहास को दोहराने का मौका है. 

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The Indian men's hockey team will next play Great Britain on 1 August. (Getty) The Indian men's hockey team will next play Great Britain on 1 August. (Getty)

aajtak.in

  • टोक्यो,
  • 01 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST
  • रविवार को भारतीय हॉकी टीम ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उतरेगी
  • चार दशक बाद ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाने से एक कदम दूर

भारतीय हॉकी टीम ब्रिटेन के खिलाफ रविवार को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उतरेगी. चार दशक बाद ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाने से वह महज एक कदम दूर है. 8 बार की ओलंपिक चैम्पियन भारतीय टीम के पास अपने गौरवशाली इतिहास को दोहराने का बेहतरीन मौका है. 

क्वार्टर फाइनल मुकाबला आज शाम 5:30 बजे से खेला जाएगा. ओलंपिक में भारत और ब्रिटेन का सामना 8 बार हुआ है और दोनों टीमें 4-4 बार जीती हैं. रैंकिंग देखें तो भारत तीसरे और ब्रिटेन पांचवें स्थान पर है. भारत ने ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद लगातार तीन मैच जीते हैं. 

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ओलंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था, जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था. उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी.

टीम के प्रदर्शन में अब जबर्दस्त सुधार आया है

बीजिंग में 2008 ओलंपिक में टीम पहली बार क्वालिफाई नहीं कर सकी और 2016 रियो ओलंपिक में आखिरी स्थान पर रही. देश में हॉकी का ग्राफ लगातार नीचे चला गया. पिछले पांच साल में हालांकि भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार आया है, जिससे वह विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंची.

ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-7 से मिली हार के अलावा भारतीय टीम ने अभी तक शानदार हॉकी खेली है. 5 में से 4 मैच जीतकर टीम पूल-ए में दूसरे स्थान पर रही. दूसरी ओर ब्रिटेन ने दो जीत दर्ज की और दो हार तथा एक ड्रॉ के बाद वह पूल-बी में तीसरे स्थान पर रही.

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... टीम आखिरी मिनट तक हार नहीं मानती

दो साल पहले कोच बने ऑस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड के आने के बाद से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास, आत्मबल और फिटनेस का स्तर बढ़ा है. पहले दबाव के आगे घुटने टेकने वाली टीम अब आखिरी मिनट तक हार नहीं मानती.

मनदीप सिंह की अगुआई में फॉरवर्ड पंक्ति को हालांकि मौकों को भुनाना होगा. भारत की ताकत मिडफील्ड है, जिसमें कप्तान मनप्रीत सिंह और नीलाकांता शर्मा होंगे.

डिफेंस को अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा

ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, अमित रोहिदास और वरुण कुमार से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी. डिफेंस को अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा.

कोच रीड ने पिछले मैच के बाद कहा था, ‘हमने वह लय हासिल करने की कोशिश की है, जो क्वार्टर फाइनल में चाहिए. कुछ अच्छे फील्ड गोल किए और मौके भी बनाए, लेकिन सर्कल के भीतर बेहतर प्रदर्शन करना होगा.’

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