भारतीय मुक्केबाजी के लिए शनिवार का दिन निराशाजनक रहा, जिसमें दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघल (52 किग्रा) के बाद पूजा रानी (75 किग्रा) भी अपनी प्रतिद्वंद्वी से हारकर टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गईं.
भारत की पदक उम्मीद मुक्केबाज पंघल प्री-क्वार्टर फाइनल में सुबह रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता कोलंबिया के युबेरजेन मार्तिनेज से 1-4 से हार गए. शीर्ष वरीयता प्राप्त पंघल का यह पहला ओलंपिक था और उन्हें पहले दौर में बाई मिली थी.
शाम के सत्र में पूजा क्वार्टर फाइनल में सर्वसम्मत फैसले में चीन की लि कियान से 0-5 से हार गईं. कियान पूर्व विश्व चैम्पियन और रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता हैं. वह पूरे मुकाबले के दौरान रानी पर हावी रहीं. शनिवार को दोनों भारतीय मुक्केबाजों के प्रतिद्वंद्वियों ने उन पर दबदबा बनाया और पूरे मुकाबले के दौरान मुक्के जड़ते रहे.
रानी ने शुरुआती राउंड में थोड़ा बेहतर किया था, लेकिन रिंग में कियान जवाबी हमलों में आक्रामक थीं और उन्होंने भारतीय मुक्केबाज की मुक्के जड़ने की कोशिशों को नाकाम कर दिया. चीन की शीर्ष स्तर की मुक्केबाज ने रानी के कमजोर डिफेंस का फायदा उठाया और अपना दूसरा ओलंपिक पदक पक्का कर लिया.
सुबह पहले ही दौर से कोलंबियाई मुक्केबाज ने पंघल पर दबाव बना दिया, लेकिन पंघल ने वापसी करके पहले तीन मिनट में 4-1 से जीत दर्ज की. इसके बाद मार्तिनेज की रफ्तार का वह सामना नहीं कर सके.
भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सैंटियागो निएवा ने कहा,‘ वे एक-दूसरे के साथ अभ्यास कर चुके हैं. उनमें से कुछ में अमित ने आज से बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन कुछ में आज की ही तरह हुआ. यह हैरानी वाला नतीजा नहीं है क्योंकि हमने देखा है कि यह मुक्केबाज काफी खतरनाक है.’
दूसरे दौर में मार्तिनेज ने पंघल पर जबर्दस्त प्रहार किया, जिसका भारतीय मुक्केबाज जवाब नहीं दे सका. यह सिलसिला आखिरी तीन मिनट में भी जारी रहा और पंघल सिर्फ बचाव करते रहे. भारत की लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में पहुंचकर मुक्केबाजी में पदक पक्का कर लिया था.
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