स्क्रीन टाइम कम करने के लिए दिया शतरंज… और बच्चे ने रच दिया इतिहास, मिलिए नन्हे सर्वज्ञ से

मध्य प्रदेश के सागर के नन्हे सर्वज्ञ सिंह कुशवाहा दुनिया के सबसे कम उम्र के FIDE रैपिड रेटेड खिलाड़ी बन गए हैं. सर्वज्ञ ने अंतरराष्ट्रीय रेटेड तीन खिलाड़ियों को हराकर 1572 की रेटिंग हासिल की. माता-पिता ने उनका स्क्रीन टाइम कम करने के लिए उन्हें शतरंज सिखाना शुरू किया था, लेकिन उनकी प्रतिभा जल्दी ही निखरकर सामने आई...

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नन्हें सर्वज्ञ का कमाल! (Social Media- X) नन्हें सर्वज्ञ का कमाल! (Social Media- X)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST

भारत ने एक बार फिर दुनिया को चकित करने वाला शतरंज का ‘नन्हा उस्ताद’ पेश किया है. मध्य प्रदेश के सागर जिले के महज 3 साल 7 महीने 20 दिन के सर्वज्ञ सिंह कुशवाहा ने अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) की आधिकारिक रेटिंग हासिल कर इतिहास रच दिया. वे दुनिया के सबसे कम उम्र में FIDE रेटिंग पाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. सर्वज्ञ ने यह अद्भुत रिकॉर्ड कोलकाता के अनीश सरकार द्वारा बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए कायम किया.

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.. लेकिन सर्वज्ञ की उपलब्धि सिर्फ उम्र के लिहाज से खास नहीं है, बल्कि उन प्रदर्शन के स्तर से भी, जो FIDE रेटिंग पाने के लिए जरूरी होते हैं. किसी भी खिलाड़ी को आधिकारिक रेटिंग, तभी मिलती है जब वह कम से कम एक अंतरराष्ट्रीय रेटेड खिलाड़ी को हराए. सर्वज्ञ ने तो तीन-तीन रेटेड खिलाड़ियों को मात देकर यह न्यूनतम शर्त भी पीछे छोड़ दी.

मध्य प्रदेश और मंगलुरु में खेले गए विभिन्न टूर्नामेंट्स में उनकी लगातार उत्कृष्ट जीतों ने उन्हें रेटिंग सूची में शामिल होने के लिए आवश्यक 1400 रेटिंग मार्क पार करने में मदद की और अब उनका FIDE रैपिड रेटिंग 1572 है- एक ऐसी संख्या, जिसे हासिल करने में अनुभवी खिलाड़ी भी समय लगा देते हैं.

घर में शुरू हुआ खेल, दुनिया तक पहुंच गया

सर्वज्ञ के माता-पिता- सिद्धार्थ और श्रुति सिंह बताते हैं कि यह यात्रा बिल्कुल सादी-सी इच्छा से शुरू हुई. वे बस चाहते थे कि बच्चे का स्क्रीन टाइम कम हो, इसलिए उन्होंने शतरंज सिखाना शुरू किया. लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि सर्वज्ञ मोहरों को सिर्फ चला नहीं रहा, बल्कि समझ भी रहा है.

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पिता सिद्धार्थ कहते हैं, 'कभी सोचा नहीं था कि ये शौक इतनी बड़ी उपलब्धि में बदल जाएगा. गर्व तो शब्दों में बयां नहीं हो सकता.' मां श्रुति बताती हैं कि सर्वज्ञ ने खेल को 'बेहद सहजता और उत्साह' से अपनाया, और अब परिवार का सपना है कि एक दिन यह बच्चा ग्रैंडमास्टर बने.

नर्सरी के बच्चे की अद्भुत तैयारी

यह बात और भी चकित करती है कि जिस उम्र में बच्चे नर्सरी में A-B-C सीखते हैं, सर्वज्ञ ने सिर्फ 6 महीनों की संरचित ट्रेनिंग के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय रेटेड खिलाड़ी को हराया. वे प्रतिदिन करीब 4 घंटे अपने पर्सनल कोच नितिन चौरसिया और नेशनल इंस्ट्रक्टर आकाश प्यासी के मार्गदर्शन में अभ्यास करते हैं.

पश्चिम बंगाल के अनीश सरकार का पिछला रिकॉर्ड (3 साल 8 महीने 19 दिन) अब सर्वज्ञ ने पीछे छोड़ दिया है. भारत का चेस ग्राफ लगातार ऊंचा जा रहा है. यह उपलब्धि साबित करती है कि देश में प्रतिभा की नई लहर और भी तेज हो चुकी है.

नन्हा सर्वज्ञ आज सिर्फ एक रिकॉर्ड होल्डर नहीं, बल्कि उन हजारों बच्चों के लिए प्रेरणा है, जो खेल की दुनिया में बड़े सपने देखते हैं.

 

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