भारत को अपनी कप्तानी में अंडर-19 विश्व कप जिताने वाले उन्मुक्त चंद अब बिग बैश लीग (BBL) में खेलते दिखेंगे. उन्मुक्त यह उपलब्धि हासिल करने वाले उन्मुक्त पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं. दरअसल, बीसीसीआई ने भारतीय महिला क्रिकेटर्स को बिग बैश लीग में खेलने की अनुमति दे रखी है. लेकिन भारत के अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू पुरुष क्रिकेटरों को इसमें भाग लेने की इजाजत नहीं है.
चूंकि, 28 साल के उन्मुक्त चंद ने संयुक्त राज्य अमेरिका में क्रिकेट करियर बनाने के लिए भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया, जिसका मतलब यह है कि वह बीबीएल और अन्य घरेलू लीगों में खेलने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्मुक्त चंद इस सीजन के बिग बैश में मेलबर्न रेनेगेड्स का हिस्सा होंगे, जिसके कप्तान एरॉन फिंच हैं. आठवें सीजन में बिग बैश का खिताब जीतने वाली मेलबर्न रेनेगेड्स ने बुधवार को इस बात का ऐलान किया.
उन्मुक्त चंद ने बिग बैश खेलने को लेकर कहा, "मैं मेलबर्न रेनेगेड्स परिवार का हिस्सा बनकर बहुत उत्साहित हूं. मैंने हमेशा बिग बैश को फॉलो किया है. यह मेरे लिए कुछ शानदार क्रिकेट खेलने का यह एक बेहतरीन अवसर है.'
चंद ने कहा, 'मैं वास्तव में मेलबर्न आकर खेलने के लिए उत्सुक हूं. मैंने हमेशा ऑस्ट्रेलिया में खेलने का लुत्फ उठाया है. मैं पहले मेलबर्न नहीं गया था... मैं जानता हूं कि मेलबर्न में बहुत सारे भारतीय हैं. इसलिए यह अच्छा होने वाला है और मुझे उम्मीद है कि दर्शक भी खेलों का लुत्फ उठाने के लिए आएंगे.'
चंद ने भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने फैसले के बारे में कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो यह आसान नहीं था. यह तथ्य कि मैं अब देश के लिए नहीं खेलूंगा जिसे स्वीकार करना मुश्किल है. अब मुझे अमेरिका के लिए क्रिकेट खेलने में काफी मजा आ रहा है. साथ ही, मैं अब दुनिया भर की सभी लीगों में खेल सकता हूं, जो मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर एक शानदार अवसर है.'
उन्मुक्त चंद ने इसी साल अगस्त में भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया था. इसके बाद उन्होंने क्रिकेट करियर की नई शुरुआत करने के लिए अमेरिका का रुख किया. गौरतलब है कि उन्मुक्त ने 2012 के अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में नाबाद 111 रनों की कप्तानी पारी खेलकर भारत को चैम्पियन बनाया था. उन्होंने भारत ए की भी कप्तानी की, लेकिन उन्हें कभी भी सीनियर टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला.
उन्मुक्त चंद ने अपने घरेलू करियर की शुरुआत 2010 में दिल्ली से की थी और वह 8 सीजन तक टीम के लिए खेले. इस दौरान वह दिल्ली की टीम के कप्तान भी रहे. बाद में उन्होंने उत्तराखंड के लिए भी घरेलू क्रिकेट खेला. उन्मुक्त चंद ने इंडियन प्रीमियर लीग में भी भाग लिया था, जहां उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. वह आईपीएल के 21 मुकाबलों में 15 की औसत से महज 300 रन बना सके.
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