श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया युवा खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतर रही है. टेस्ट टीम के 4 सीनियर खिलाड़ियों को श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के लिए जगह नहीं मिली है. ऋद्धिमान साहा, ईशांत शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को बाहर कर युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया है. अब इन खिलाड़ियों की टीम इंडिया की वापसी भी काफी मुश्किल लग रही है. इनमें से सबसे ज्यादा चर्चित नाम ऋद्धिमान साहा का है, उन्होंने टीम में चयन न होने के बाद टीम मैनेजमेंट पर आड़े हाथों लिया है.
'संन्यास का फैसला खिलाड़ी का'
टीम में सेलेक्शन न होने के बाद विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के संन्यास की बात भी जोर पकड़ रही है. टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर लालचंद राजपूत ने इस मामले में साहा का समर्थन करते हुए कहा है कि उन्हें कब संन्यास लेना है ये वह खुद निर्णय लें. उन्होंने एक कहा, 'खिलाड़ी को आप कभी भी संन्यास लेने के लिए नहीं बोल सकते हैं, यह हर खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि वह कब तक क्रिकेट खेलना चाहता है.'
2007 टी-20 विश्व कप विजेता टीम के मैनेजर लालचंद राजपूत ने एक ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा भले ही आप साहा को टीम इंडिया के लिए कंसीडर न करें, लेकिन वह लीग में और घरेलू क्रिकेट में तो खेल ही सकते हैं.'
लालचंद राजपूत ने महेंद्र सिंह धोनी का उदाहरण देते हुए कहा, 'जब आप खिलाड़ी से संन्यास की बात करते हैं तब उसके सभी रास्ते बंद हो जाते हैं. जब तक खिलाड़ी फिट है उसे खेलते रहना चाहिए, चाहे लीग हो या रणजी ट्रॉफी. एमएस धोनी अभी तक फिट हैं और खेल रहे हैं.'
मौजूदा भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने ऋद्धिमान साहा को संन्यास का सुझाव दिया था. जाहिर है टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर का इशारा टीम इंडिया के कोच की तरफ ही था. 37 वर्षीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के लिए टेस्ट टीम में वापसी के रास्ते अब लगभग बंद नजर आ रहे हैं. उन्होंने भारतीय टीम के लिए 40 टेस्ट मैच खेले हैं.
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