'मेरी चिंता मत करो, देश के लिए अच्छा खेलो...', क्रिकेटर आकाश दीप ने निभाया कैंसर पीड़ित बहन का वादा

बड़ी बहन अखंड ज्योति सिंह ने आकाश दीप से इतना ही कहा था कि वो देश के लिए अच्छा करे और उनकी चिंता मत करे. आकाश दीप की लाडुमा देवी ने बताया कि आकाश दीप ने यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है.

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Akash Deep and his sister Akhand Jyoti. (Courtesy: India Today) Akash Deep and his sister Akhand Jyoti. (Courtesy: India Today)

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 07 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

एजबेस्टन टेस्ट मैच में भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से धूम मचा दी. आकाश दीप ने इस मुकाबले में पहली पारी में चार विकेट झटके, वहीं दूसरी इनिंग्स में 6 विकेट लेकर उन्होंने भारतीय टीम की 336 रनों से जीत में अहम भूमिका निभाई. आकाश दीप चेतन शर्मा के बाद ऐसे दूसरे भारतीय गेंदबाज हैं, जिन्होंने इंग्लैंड में किसी टेस्ट मैच में दस विकेट चटकाए.

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आकाश दीप ने भारतीय टीम की जीत और ये बेहतरीन परफॉर्मेंस अपनी बड़ी बहन अखंड ज्योति सिंह को समर्पित की. आकाश ने इस दौरान ये भी खुलासा किया था कि उनकी बहन अखंड ज्योति सिंह कैंसर से जूझ रही हैं. आकाश दीप इस दौरान काफी भावुक नजर आए थे.

आकाश ने पूरा किया बहन का वादा

अब आकाश दीप की बहन अखंड ज्योति सिंह ने आजतक से खास बातचीत की. अखंड ज्योति ने कहा कि आकाश ने भावुक होकर ये सब बोला. अखंड ज्योति के मुताबिक आकाश अपने परिवारवालों की काफी मदद करते हैं और ऐसा भाई हर किसी को मिले. अखंड ज्योति ने बताया कि उन्होंने बस आकाश दीप से इतना ही कहा था कि वो देश के लिए अच्छा करे और उनकी चिंता मत करे. आकाश दीप की मां लाडुमा देवी ने बताया कि आकाश दीप ने यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है.

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अखंड ज्योति सिंह ने कहा, 'गर्व की बात है कि उन्होंने भारत के लिए एक मैच में 10 विकेट लिए हैं. इंग्लैंड टूर से पहले मैं उससे मिलने एयरपोर्ट गई थी. मैंने उससे कहा था कि एकदम ठीक हूं. मेरी टेंशन मत लेना और अपने देश के लिए अच्छा करना. डॉक्टर ने कहा है कि थर्ड स्टेज है और अभी 6 महीने इलाज चलेगा, उसके बाद देखा जाएगा. बहुत खुशी होती है जब आकाश विकेट लेता है. वह जब भी विकेट लेता है तो हम सभी तालियां बजाते हैं, चिल्लाते हैं.'

अखंड ज्योति सिंह ने आगे कहा, 'मेरे लिए बहुत गर्व की बात है. उसने अपने जीवन का सबसे बेहतर प्रदर्शन मुझे समर्पित किया. वह शुरू से मुझसे बहुत क्लोज रहा है. वह हमेशा कहता है कि मुझे परेशान होने की जरूरत नहीं है. मुझे बिल्कुल भी नहीं पता था कि आकाश मेरे बारे में बोलेगा. हम लोग यह बात नहीं बताना चाह रहे थे, लेकिन आकाश ने भावुक होकर यह बोल दिया. यह अच्छी बात है कि वह परिवार को और मुझे इतना चाहता है. जब आईपीएल में वो लखनऊ की टीम से खेल रहा था, तब मैं कैंसर के चलते हॉस्पिटल में एडमिट थी. तब भी वह मैच के बाद या मैच से पहले मुझसे मिलने आता था.'

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अखंड ज्योति सिंह कहती हैं, 'मैच के खत्म होने के बाद वीडियो कॉल पर दो बार बात हुई. फिर सुबह पांच बजे भी उससे बात हुई. आकाश ने कहा कि तुम परेशान मत हो और पूरा देश हमारे साथ है. ऐसा भाई शायद ही किसी को मिलता होगा. वह हम लोगों को बहुत मदद करता है. बिना हम लोगों से बात किए वो कुछ नहीं करता है. फैमिली को सब कुछ बताते है. पिता और भाई दुनिया में नहीं है, अब  पूरे घर को लेकर चलता है. हम तीन भाई और तीन बहन हैं, एक का निधन हो गया. आकाश सबसे छोटा है. कैंसर के दौरान उसने सबसे ज्यादा मोटिवेट किया है.

'मेरे लिए गर्व का पल...',

आकाश दीप की मां लाडुमा देवी ने कहा, 'मेरे लिए गर्व का पल है, मैं हर विकेट पर उसके लिए ताली बजा रही थी. आकाश ने बहुत मेहनत की है कि यहां तक पहुंचने के लिए. उसके पिता की 2015 में मृत्यु हो गई थी, पैरालिसिस हो गया था. उस वक्त आकाश रणजी खेल रहा था. बहन का हाल लेने के लिए आकाश रोज फोन करता है. एक तरफ खुशी का माहौल है, एक तरफ दुख है. मेरे साथ भगवान क्या कर रहे हैं. 2015 में छोटी बिटिया को बच्चा हुआ. शाम को मेरा बड़ा बेटा खत्म हो गया.भगवान मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं. किस जन्म का कसूर है. खुशी देते हैं, साथ में गम भी दे देते हैं. अभी उसकी शादी नहीं हुई, बहनों को बहुत मानता है.'

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आकाश दीप के जीजा नीतीश सिंह कहते हैं, 'मैच के बाद आकाश से रात में डेढ़ बजे बात हुई थी. वीडियो कॉल पर बात हुई. उनकी मां भी यही (लखनऊ) है, मेरी पत्नी की बीमारी की वजह से. वह इन दोनों से पहले आशीर्वाद लेते हैं फिर मैच खेलने जाते हैं. जब सर्जरी हुई थी तब भी वह IPL के बीच यहां आते थे. आकाश और मैंने ही ज्योति को एडमिट कराया था.'

आकाश के भांजे दीक्षांत ने कहा, 'मामा का पूरा मैच देखा, बहुत अच्छा खेले. हर गेंद में स्विंग और सीम देख मजा आ गया. धीरे-धीरे घरवालों को इसका मतलब भी समझा दूंगा. मामा ने जब ये जीत डेडिकेट किया, तो मम्मी मेरी रोने लगी थीं. फिर मैने उन्हें मनाया, चुप कराया. अब उनकी बीमारी को खत्म करना है. मैं दसवीं क्लास में हूं. क्लास के बच्चे कहते हैं कि आकाश भैया के साथ फोटो खिंचवा दो. मैच के पास तो हमें मिल जाते हैं, दोस्त भी पीछे पड़े रहते हैं. वीडियो कॉल पर बात हुई, मैंने कहा कि लॉर्ड्स में भी ऐसे ही खेलिएगा. मामा आएंगे तो पार्टी तो देंगे ही और घुमाएंगे भी.'

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