Iftikhar Ali Ptaudi Birth Anniversary: ऐसे कई क्रिकेटर्स मिल जाएंगे, जिन्होंने दो देशों के लिए इंटरनेशल क्रिकेट में भाग लिया. इफ्तिखार अली खान पटौदी भी उन खिलाड़ियों में शामिल रहे. इफ्तिखार पटौदी इंग्लैंड और भारत एवं इंग्लैंड दौने के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे. इफ्तिखार अली खान 'नवाब पटौदी सीनियर' के नाम से काफी मशहूर थे.
16 मार्च 1910 को पंजाब स्टेट में जन्मे इफ्तिखार अली पटौदी एक बेहतरीन स्ट्रोक मेकर थे. इफ्तिखार पटौदी ने इंग्लैंड की सबसे प्रतिष्ठित ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की, जहां उनकी क्रिकेट प्रतिभा निखरकर सामने आई. साल 1931 में कैम्ब्रिज के खिलाफ ऑक्सफोर्ड के लिए नाबाद 231 रन बनाकर उन्होंने लॉर्ड्स में मौजूद फैन्स को मंत्रमुग्ध कर दिया था. यह यूनिवर्सिटी मैच में काफी सालों तक सर्वोच्च स्कोर रहा था. साल 2005 में सलिल ओबेरॉय ने 247 रन बनाकर इस रिकॉर्ड को ध्वस्त किया था.
डेब्यू टेस्ट में ठोका शतक
साल 1932-33 की बॉडीलाइन सीरीज के पहले मैच में सिडनी में उन्होंने पदार्पण पर मैच खेला. डेब्यू मुकाबले में उन्होंने 102 रनोंं की शतकीय पारी खेली थी. उन्हें दूसरे टेस्ट के बाद बाहर कर दिया गया था. उन्होंने इग्लैंड लिए तीसरी एवं और आखिरी बार जून 1934 में टेस्ट मैच खेला.
भारत के लिए खेले तीन मुकाबले
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1946 में भारत के इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की. उन्होंने उस दौरे में खास प्रदर्शन नहीं किया और महज 55 रन बनाए. पटौदी उसके बाद कोई और टेस्ट मैच नहीं खेल पाए. यानी उन्होंने केवल 6 ही टेस्ट मैच खेले. इस दौरान उन्होंने महज 19.90 की एवरेज से 199 ही रन बनाए, जिसमें एक शतक शामिल था.
इफ्तिखार अली खान पटौदी ने 127 फर्स्ट क्लास मुकाबले खेले थे. इस दौरान उन्होंने 48.61 की औसत से 8750 रन बनाए थे. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में इफ्तिखार ने 29 शतक और 34 अर्धशतक जड़े थे और उनका उच्चतम स्कोर 238 नॉटआउट था.
महज 41 की उम्र में हुआ निधन
इफ्तिखार अली खान ने साल 1939 में भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्ला खान की बेटी सजीदा सुल्तान से शादी की थी. इफ्तिखार और सजीदा की तीन बेटियों समेत चार संतानें हुईं. 5 जनवरी 1952 को दिल्ली में पोलो खेलने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से इफ्तिखार अली खान का निधन हो गया. उस समय वह सिर्फ 41 साल के थे. इफ्तिखार अली पटौदी के बेटे मंसूर अली खान (नवाब पटौदी जूनियर) भी आगे चलकर भारत के लिए 46 टेस्ट मैच खेले. इसमें तो 40 टेस्ट मैचों में उन्होंने बतौर कप्तान टीम इंडिया के लिए भाग लिया था.
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