आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए भारतीय टीम का ऐलान 20 दिसंबर (रविवार) को किया गया था. भारत और श्रीलंका की सहमेजबानी में होने वााले इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम की अगुवाई सूर्यकुमार यादव करेंगे, जबकि अक्षर पटेल को उनका डिप्टी बनाया गया है. शुभमन गिल और जितेश शर्मा स्क्वॉड का हिस्सा नहीं हैं, जिन्हें वर्ल्ड कप टीम से ड्रॉप किया गया है. ईशान किशन और रिंकू सिंह को इन दोनों खिलाड़ियों के बदले टीम में जगह मिली है.
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ईशान किशन और रिंकू सिंह टीम का तो हिस्सा बन गए, लेकिन उनके लिए प्लेइंग-11 में जगह बनाना आसान नहीं होगा. ईशान किशन अक्सर सलामी बल्लेबाज की भूमिका में ही दिखते हैं, जबकि रिंकू सिंह लोअर मिडिल ऑर्डर में खेलते हैं. संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा को भारतीय टीम वर्ल्ड कप में बतौर ओपनर आजमा सकती है, जिसके कारण ईशान को मौके के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. उधर शिवम दुबे, वॉशिंगटन सुंदर के होते रिंकू का खेलना मुश्किल लग रहा है. सुंदर और शिवम लोअर ऑर्डर बल्लेबाज की भूमिका तो अच्छे से निभा ही सकते हैं, साथ ही गेंद से भी उपयोगी साबित होते हैं.
वैसे रिंकू सिंह को प्लेइंग-11 में शामिल कर भारतीय टीम शानदार चाल भी चल सकती है. रिंकू सिंह यदि खेलते हैं, तो हार्दिक पंड्या की तरह ही वो बल्ले से इम्पैक्ट डाल सकते हैं. दोनों मिलकर फिनिशर की भूमिका भी अच्छे से निभाने में सक्षम हैं. हार्दिक और रिंकू की बल्लेबाजी प्रोफाइल एक जैसी भी है और अलग भी. दोनों को आमतौर पर फिनिशर माना जाता है, लेकिन इन दोनों के खेल में इससे कहीं ज्यादा गहराई है. हार्दिक और रिंकू की बैटिंग मजबूत तकनीक पर आधारित है. जरूरत पड़ने पर दोनों स्ट्राइक रोटेट कर सकते हैं, पारी को संभाल सकते हैं और बल्लेबाजी क्रम में कहीं भी खेलने में सक्षम हैं. हालांकि सामान्य परिस्थितियों में इनका मुख्य रोल पहली गेंद से आक्रमण करना होता है.
हार्दिक की पावरफुल हिंटिंग, रिंकू भी कम नहीं...
हार्दिक पंड्या और रिंकू सिंह जैसे बल्लेबाजों की मौजूदगी का असर ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों पर भी पड़ता है. जब टीम में नीचे बड़े हिटर मौजूद होते हैं, तो ऊपर के बल्लेबाज आजादी से खेलते हैं, जिससे टीम अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर पाती है. चोट से वापसी के बाद हार्दिक बेहद खतरनाक अंदाज में नजर आए हैं. हार्दिक ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ हालिया टी20 सीरीज में 186.84 की स्ट्राइक रेट और 71.00 की औसत से 142 रन बनाए थे.
सबसे खास बात यह है कि हार्दिक ज्यादा जोखिम उठाए बिना बड़े शॉट्स खेला करते हैं. उन्हें रोकने के लिए गेंदबाजों को बिल्कुल सटीक लेंथ-लाइन पर बॉलिंग करनी पड़ती है, हल्की सी भी गलती हुई और वो गेंद को बाउंड्री पार भेज देते हैं. अहमदाबाद में कॉर्बिन बॉश की यॉर्कर सिर्फ एक मिलीमीटर से चूकी और हार्दिक ने गेंद को स्टैंड्स में भेज दिया था. वडोदरा से आने वाले हार्दिक गेंद को फ्लैट तरीके से मारते हैं।
रिंकू सिंह भी रिस्की शॉट खेलने से नहीं हिचकिचाते हैं. रैम्प शॉट, रिवर्स स्वीप और ऑफ साइड ऊपर से बड़े शॉट खेलना रिंकू को पसंद है. रिंकू ने भारतीय टीम के लिए 35 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलकर केवल 550 रन बनाए हैं. लेकिन इस दौरान रिंकू का एवरेज 42.30 और स्ट्राइक रेट 161.76 रहा है, जो शानदार कहा जा सकता है. ये आंकड़ा बताता है कि रिंकू बतौर फिनिशर कितने दमदार रहे हैं. रिंकू के छक्कों की ऊंची उड़ान होती है, गेंद अक्सर रात के आसमान में गायब हो जाती है. रिंकू हार्दिक जितने बॉटम-हैंडेड नहीं हैं, लेकिन फिर भी वो तेजी से रन बनाने में सक्षम हैं.
टी20 वर्ल्ड कप के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), अक्षर पटेल (उप-कप्तान), अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, हार्दिक पंड्या, संजू सैमसन (विकेटकीपर), कुलदीप यादव, शिवम दुबे, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह, हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह, रिंकू सिंह, वॉशिंगटन सुंदर और ईशान किशन (विकेटकीपर).
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