'कभी सोचा नहीं था...', फैन के हाथ लगा RCB के कप्तान रजत पाटीदार का नंबर, विराट कोहली-एबी डिविलियर्स तक का आया फोन

आरसीबी के कप्तान रजत पाटीदार का नंबर छत्तीसगढ़ के मनीष को अलॉट किया गया था. इसके बाद मनीष को विराट कोहली तक ने फोन किया. नियामुसार 90 दिनों तक सिम का इस्तेमाल न होने पर वो डिएक्टिवेट हो जाता है और फिर किसी और वो नंबर दे दिया जाता है.

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मनीष और उसके दोस्त खेमराज को विराट कोहली से बात करने का मौका मिला (Photo: India Today/Getty Images) मनीष और उसके दोस्त खेमराज को विराट कोहली से बात करने का मौका मिला (Photo: India Today/Getty Images)

aajtak.in

  • गरियाबंद,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

यह कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है.... छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से ताल्लुक रखने वाले मनीष बिसी ने एक नया सिम कार्ड खरीदा, उन्हें पता नहीं था कि यह नंबर पहले भारतीय क्रिकेटर और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के कप्तान रजत पाटीदार के पास हुआ करता था. मनीष ने यह सिम कार्ड अपने गांव मडागांव के पास एक स्थानीय मोबाइल दुकान से लिया था.

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सिम लेने के बाद जब मनीष बिसी ने व्हाट्सऐप इंस्टॉल किया तो उसमें रजत पाटीदार की फोटो दिख रही थी. मनीष और उनके दोस्त खेमराज को पहले तो लगा कि यह सिस्टम की कोई गड़बड़ी है, लेकिन फिर अचानक उन्हें मशहूर क्रिकेटरों के फोन आने लगे, जिनमें टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स भी शामिल थे.

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शुरुआत में मनीष बिसी ने समझा कि उनके दोस्तों की ये शरारत है, लेकिन 15 जुलाई को खुद रजत पाटीदार का मनीष को कॉल आया और उनसे नंबर वापस करने के लिए कहा. बाद में पुलिस भी इस मामले को सुलझाने के लिए गांव पहुंची.

'कभी सोचा नहीं था कि विराट कोहली से बात होगी...'
खेमराज ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, 'मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन विराट कोहली से बात होगी और वो भी अपने गांव से. एबी डिविलियर्स ने अंग्रेजी में बात की, हम समझ नहीं पाए, लेकिन बहुत खुश थे.' मनीष के भाई देशबंधु बिसी के मुताबिक गांव वाले बेहद खुश हैं क्योंकि यहां ज्यदातर लोग आरसीबी के प्रशंसक हैं, कोहली और डिविलियर्स जैसे दिग्गजों से बात करना एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता.

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खेमरा्ज ने आगे कहा, 'जब मनीष को फोन आते थे, तो वो फोन मुझे दे देते थे. फोन करने वालो में विराट कोहली और यश दयाल भी थे, उन्होंने हमसे पूछा कि हम पाटीदार का नंबर क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं. हमने उन्हें बताया कि हमने नया सिम खरीदा है और यह हमारा नंबर है.'

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पाटीदार का नंबर मनीष को कैसे मिला?
देशबंधु बिसी ने खुशी जताते हुए कहा, 'भले ही यह सब किसी गड़बड़ी की वजह से हुआ हो, लेकिन ये बातचीत सिर्फ किस्मत से हुई. लोग उन्हें देखने का सपना देखते हैं, हमें उनसे बात करने का मौका मिला. गरियाबंद की पुलिस उपाधीक्षक नेहा सिन्हा ने बताया कि यह सब टेलीकॉम की नीतियों के कारण हुआ.

दरअसल 90 दिनों तक सिम का इस्तेमाल न होने पर वो डिएक्टिवेट हो जाता है और फिर किसी और वो नंबर दे दिया जाता है, ऐसे में ये किसी की गलती नहीं थी. आखिरकार मनीष बिसी और उनके परिवार की सहमति से यह सिम कार्ड आरसीबी के कप्ता रजत पाटीदार को लौटा दिया गया.

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