Shubhanshu Shukla Axiom-4 Mission LIVE News & Latest Updates: भारत इतिहास रचने जा रहा है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो चुके हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद वे स्टेशन का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे और राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे. भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर चुका है. 28 घंटे की यात्रा के बाद, अंतरिक्ष यान गुरुवार को शाम करीब 04:30 बजे के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक होने की उम्मीद है.
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने Axiom-4 मिशन के सफल लॉन्चिंग का स्वागत किया है. इस मिशन में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के शामिल होने पर खास गर्व जताया गया, क्योंकि वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं. कैबिनेट ने शुभांशु शुक्ला और उनके साथ गए सभी अंतरिक्ष यात्रियों को इस महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन के लिए शुभकामनाएं दी हैं.
खगोल भौतिकीविद् और अशोका विश्वविद्यालय के कुलपति, सोमक रायचौधरी ने कहा, “ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की एक्सिओम-4 मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण है. यह मिशन मानव अंतरिक्ष यान में भारत के री-एंट्री का प्रतीक है, लेकिन इस बार यह लगातार मानव अंतरिक्ष अन्वेषण की लंबी कोशिश की शुरुआत है, जो इस चुनौतीपूर्ण सेक्टर में एक नई राष्ट्रीय प्रतिबद्धता और क्षमता को रेखांकित करता है. यह आगामी मील के पत्थरों के लिए भी मंच तैयार करता है."
जब ड्रैगन आईएसएस के पास पहुंचेगा, तो वह डॉकिंग पोर्ट के साथ संरेखित होगा और धीरे-धीरे अपनी स्पीड कम कर देगा. यह तब तक सुरक्षित दूरी पर अपनी स्थिति बनाए रखेगा, जब तक कि उसे जारी रखने की अनुमति न मिल जाए. हालांकि डॉकिंग ऑटोमैटिक है, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर पायलट मैन्युअल रूप से हस्तक्षेप कर सकता है.
सफल डॉकिंग के बाद, अंतरिक्ष यात्री ड्रैगन अंतरिक्ष यान से शून्य-गुरुत्वाकर्षण वातावरण में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में तैरेंगे. आईएसएस क्रू मेंबर्स के द्वारा स्वागत किए जाने के बाद, वे अपना ओरिएंटेशन शुरू करते हैं और 14-दिवसीय मिशन के लिए तैयार होते हैं.
भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 2.20 बजे, यानी मिशन के 2 घंटे 18 मिनट बाद, ड्रैगन अंतरिक्ष यान 27,048 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा कर रहा था. उड़ान के इस बिंदु पर, यह पृथ्वी से 217 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंच गया है.
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुभांशु शुक्ला को एक्सिओम मिशन 4 के जरिए अंतरिक्ष में लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करने के लिए हार्दिक बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए अंतरिक्ष में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है, पूरा देश एक भारतीय की सितारों की यात्रा पर उत्साहित और गर्वित है. वह और अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक्सिओम मिशन 4 के उनके साथी अंतरिक्ष यात्री साबित करते हैं कि दुनिया वास्तव में एक परिवार है - 'वसुधैव कुटुम्बकम'"
शुभांशु शुक्ला की मिशन लॉन्चिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल लॉन्चिंग का स्वागत करते हैं. भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं. वे अपने साथ 1.4 बिलियन भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं लेकर आए हैं. उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं."
भारत को अपना दूसरा अंतरिक्ष यात्री मिल गया है. शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए हैं, जहां वे 14 दिनों तक कई वैज्ञानिक एक्सपेरिमेंट करेंगे. इस ऐतिहासिक मिशन को पहले कई बार तकनीकी खामियों के कारण रोका गया था.
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एक्सिओम 4 मिशन की सफल लॉन्चिंग पर बोलते हुए, भारत में ऑस्ट्रेलियाई राजदूत फिलिप ग्रीन ने इसे भारत के लिए एक 'अद्भुत क्षण' कहा. अंतरराष्ट्रीय क्रूमेट्स के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के लॉन्चिंग की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि यह मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण में एक प्रमुख खिलाड़ी और वैश्विक मामलों में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में भारत के उभरने का प्रतीक है.
दिल्ली में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर फ्रांसेस एडमसन और अन्य गणमान्य शख्सियतों के साथ एक्सिओम-4 मिशन की सफल लॉन्चिंग का जश्न मनाने में शामिल हुए. भारत के लिए एक गौरवपूर्ण लम्हे को चिह्नित करते हुए, उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के सम्मान में मिठाई बांटी.
मिशन लॉन्चिंग से पहले शुभांशु शुक्ला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा, "41 साल बाद फिर अंतरिक्ष में लहराएगा भारत का परचम."
शुभांशु शुक्ला की मिशन लॉन्चिंग के बाद इंडियन एयरफोर्स ने सोशल मीडिया पोस्ट जरिए खुशी जाहिर की है. IAF के हैंडल से किए गए पोस्ट में लिखा गया, "आसमान को जीतने से लेकर सितारों को छूने तक, भारतीय वायुसेना के वायु योद्धा की अदम्य भावना से प्रेरित एक यात्रा. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन पर रवाना हुए, जो देश के गौरव को धरती से परे ले जाएगा."
IAF ने आगे कहा कि यह भारत के लिए एक ऐसा क्षण है, जो स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के मिशन के 41 साल बाद आया है, जिन्होंने पहली बार हमारे तिरंगे को धरती से परे ले जाया था. यह एक मिशन से कहीं बढ़कर है. यह भारत के लगातार विस्तारित क्षितिज की पुष्टि करता है.
शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला उस वक्त भावुक हो गईं, जब उन्होंने अपने बेटे को ऐतिहासिक एक्सिओम मिशन 4 के तहत अंतरिक्ष में जाते देखा. उत्तर प्रदेश में अपने घर से उन्होंने गर्व के साथ शुभांशु का उत्साहवर्धन किया और इसे न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का लम्हा बताया.
एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च होने के बाद शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष के रास्ते से पहला संदेश भेजा है. उन्होंने कहा, "41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं और कमाल की राइड थी. इस वक्त हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं और मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है."
शुभांशु शुक्ला का मिशन पहला एबॉर्ट मोड सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, चालक दल अब एबॉर्ट मोड 2 अल्फा में प्रवेश कर चुका है, जो उड़ान के इस चरण के लिए एक मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल है. सभी सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहे हैं. मिशन कक्षा की ओर अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है.
भारत के लाल शुभांशु शुक्ला ड्रैगन कैप्सूल के साथ तीन क्रू मेंबर्स के साथ रवाना हो गए हैं. सफल लॉन्चिंग को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है. नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी है. यह शुभांशु शुक्ला के ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कमर्शियल क्रू मिशन को ऑपरेट करने वाले पहले भारतीय के रूप में शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री अब 14-दिन के वैज्ञानिक अभियान पर सवार होकर जा रहे हैं. यह लॉन्चिंग न केवल शुभांशु शुक्ला के लिए बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती उपस्थिति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में खुशी, गर्व और उत्साह का माहौल है. शुभांशु शुक्ला बुधवार को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने वाले एक्सिओम-4 मिशन के साथ इतिहास रचने वाले हैं. शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल कहते हैं, "मेरे बेटे की उपलब्धि न केवल लखनऊ नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है."
उन्होंने आगे कहा, "हम शुभांशु के मिशन को लॉन्च होते देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं. हम बहुत खुश हैं. हमारा आशीर्वाद उनके साथ है और हम ईश्वर से भी प्रार्थना करते हैं कि उनका मिशन अच्छी तरह से पूरा हो. वह पूरी तरह से तैयार हैं, उनके लिए लगाए गए सभी पोस्टर देखकर बहुत अच्छा लग रहा है. वह लखनऊ, राज्य और हमारे देश का नाम रोशन कर रहे हैं, हमें उन पर गर्व है."
भारत के लिए गर्व का पल आ रहा है, क्योंकि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं. वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान कार्यक्रम और ऐक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे.
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कैनेडी स्पेस सेंटर का लॉन्च पैड 39 नासा के सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक लॉन्च स्थलों में से एक है. यह वही जगह है, जहां से 1969 में नील आर्मस्ट्रांग और उनके साथी चंद्रमा के लिए रवाना हुए थे. अब, 25 जून 2025 को, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इसी लॉन्च पैड 39A से ऐक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे. यह भारत के लिए गर्व का क्षण है. आइए, इस ऐतिहासिक लॉन्च पैड में जानते हैं.
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शुभांशु शुक्ला को लेकर उनके पूर्व शिक्षक नागेश्वर शुक्ला ने लखनऊ में आजतक के साथ खास बातचीत में बताया, "शुभांशु बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्र थे. उन्होंने कहा कि जब शुभांशु स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, तभी उनके अंदर एक अलग ही चमक नज़र आती थी."
नागेश्वर शुक्ला ने कहा कि उनकी लगन, अनुशासन और ज्ञान के प्रति उत्साह बचपन से ही अद्भुत था. वह हर विषय में गहरी रुचि रखते थे, खासतौर पर विज्ञान और गणित में.
शुभांशु की इस कामयाबी पर उनके शिक्षक ने गर्व जताते हुए कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है और आज वह जिस ऊंचाई पर पहुंचे हैं, उसके पीछे वर्षों की मेहनत और समर्पण है.
भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ऐक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जा रहे हैं. यह मिशन 25 जून 2025 को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए लॉन्च होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस यात्रा में शुभांशु शुक्ला को ISS तक पहुंचने में लगभग 28 घंटे क्यों लगेंगे?
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ड्रैगन कंट्रोल रूम ने बताया कि मिशन लॉन्च होने से पहले हिलियम लोडिंग शुरू कर हो चुकी है.
क्रू मेंबर ने प्रणोदक लोडिंग शुरू होने के साथ ही अपने विज़र बंद करने शुरू कर दिए हैं. एक बार आखिरी जांच पूरी हो जाने के बाद, शुभांशु शुक्ला और Ax-4 चालक दल उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा.
ड्रैगन कैप्सूल में विंड डेटा अपलोड में समस्या को खत्म करने के लिए सिर्फ 5 मिनट.
एक्स-4 मिशन पर डॉ. जितेंद्र सिंह कहते हैं, "ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के हिस्से के रूप में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर सात स्पेशल इंडियन माइक्रोग्रैविटी एक्सपेरिमेंट का संचालन करेंगे.
मिशन लॉन्चिंग से पहले अभी तक सब कुछ परफेक्ट है. चीफ इंजीनियर ने इस वक्त कोई तकनीकी समस्या नहीं बताई है. प्रोपेलर सिस्टम की समीक्षा बाद में की जाएगी, लेकिन अभी के लिए, मौसम की स्थिति लॉन्च के लिए अनुकूल है.
मिशन की लॉन्चिंग से पहले पहली दो लीक जांचें सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं. साइड हैच अब सुरक्षित रूप से बंद है, जो लॉन्च की तैयारियों में एक और कदम आगे बढ़ाता है.
मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में मांसपेशियों का नुकसान होता है. यह लंबे मिशन और माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान को एक वास्तविक चुनौती बनाता है. उदाहरण के लिए नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम की अंतरिक्ष यात्रा को ही लें. आईएसएस पर 9.5 महीने के कार्यकाल के बाद, जब वह नीचे उतरीं तो उनके पैर और पीठ की मांसपेशिया काफी कमज़ोर हो गई थीं.
एक्सिओम-4 के साथ भारत के शोध मिशनों में से एक यह पहचान करना है कि माइक्रोग्रैविटी में मांसपेशियों में होने वाले नुकसाने के लिए क्या जिम्मेदार है और फिर उपचार-आधारित रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना है. स्टडी का मकसद लंबे अंतरिक्ष मिशनों के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों में मांसपेशियों के नुकसान को रोकने में मदद करना है.
जब NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) लॉन्च होगा, तो इतिहास रचा जाएगा. यह मिशन स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक विविध दल लेकर जाएगा. एक्स-4 मिशन चार देशों के अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लॉन्च होगा, जिसमें भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा शुरू करेंगे.
मिशन पर शुभांशु शुक्ला से जाने वाले साथियों के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें.
लॉन्चिंग से पहले शुभांशु शुक्ला ने कहा, "मैं भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि यह मिशन एक मील का पत्थर है और मैं भारत से इस मिशन की सफलता के लिए प्रेयर करने की गुजारिश करता हूं. यहां तक कि तारे भी हासिल किए जा सकते हैं."
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन के रूप में काम करते हैं. अंतरिक्ष में अपनी सबसे प्रतीक्षित और चुनौतीपूर्ण उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वहीं, पूरा देश लॉन्चिंग का इंतजार कर रहा है.
AX-4 स्पेश मिशन को कई देरी, तकनीकी खराबी और मौसम संबंधी मापदंडों से जूझना पड़ा है. इसका नेतृत्व अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन कर रही हैं, जो अंतरिक्ष में कई मिशनों पर जा चुकी हैं. वह उड़ान के संचालन, वैज्ञानिक अभियान का नेतृत्व करने और जुलाई में सुचारू लॉन्च, डॉकिंग और स्प्लैशडाउन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगी.
केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च के बाद, ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को फाल्कन-9 द्वारा अंतरिक्ष में पहुंचाया जाएगा. इसके बाद यान शून्य गुरुत्वाकर्षण में 28 घंटे से ज्यादा वक्त तक यात्रा करेगा, जिससे स्पेस स्टेशन से मिल सके, संरेखित हो सके और अंततः डॉक हो सके.
अगर फ्लोरिडा से लॉन्च वक्त पर होता है, तो डॉकिंग 26 जून को शाम 4:30 बजे IST पर निर्धारित है.
एक्सिओम-4 मिशन और शुभांशु शुक्ला के 7 एक्सपेरिमेंट भारत की स्पेस हिस्ट्री में एक बड़ा कदम हैं. इसरो और नासा इन नमूनों को सुरक्षित रखने और मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.
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भारत के लिए गर्व का पल आ रहा है, क्योंकि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं. वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान कार्यक्रम और ऐक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे.
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शुभांशु शुक्ला Axiom 4 मिशन की लॉन्चिंग के ऐतिहासिक पल को इंडिया टुडे पर कई प्लेटफ़ॉर्म्स पर लाइव देखा जा सकता है.
आज तक साइंस सुबह से ही सभी अपडेट्स लाइव दिखा रहा है.
इसके अलावा कई अन्य प्लेटफॉर्म्स पर लॉन्चिंग का लाइव इवेंट देखा जा सकता है.
U.S. Embassy India
Axiom Space
SpaceX
Ax-4 मिशन बुधवार, 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से लॉन्च होगा. लॉन्च में स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट और एक बिल्कुल नए क्रू ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल किया जाएगा, जो स्पेसएक्स द्वारा बनाया गया आखिरी नया ड्रैगन कैप्सूल होगा.
इस मिशन की कमान NASA की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के हाथों में है, जबकि शुभांशु शुक्ला के साथ पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू मिशन विशेषज्ञ के तौर पर शामिल हैं.
एक्सिओम-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है. यह भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष यान में 'वापसी' को साकार करेगा, जिसमें प्रत्येक देश की 40 से ज्यादा वर्षों में पहली उड़ान होगी. एक्सिओम के मुताबिक, यह मिशन इतिहास में इन देशों का दूसरा मानव अंतरिक्ष यान मिशन होगा, लेकिन यह पहली बार होगा जब तीनों देश आईएसएस पर एक मिशन को अंजाम देंगे.
मिशन का टारगेट भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप के देशों सहित 31 देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए करीब 60 साइंटिफिक स्टडीज और गतिविधियां संचालित करना है.