Vastu Shastra: धन की कमी दूर करने और आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए लोग अनेक उपाय अपनाते हैं. वास्तु शास्त्र में भी ऐसे कई प्रभावी सिद्धांत बताए गए हैं, जिनका सही तरीके से पालन करने पर पैसों की कमी नहीं होती. यह उपाय ऐसे हैं जो गैरजरूरी खर्चों पर कंट्रोल करने में मदद करते हैं. बहुत से लोग पर्स में लाल कपड़ा, चावल या कुमकुम रखते हैं, जो समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार इससे भी ज्यादा जरूरी है घर में तिजोरी या धन रखने के स्थान का सही दिशा में होना. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में धन रखने की जगह जितनी स्थिर और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होगी, उतनी ही तेजी से आर्थिक प्रगति होती है. इसलिए तिजोरी किस दिशा में रखी गई है, उसके आसपास का वातावरण कैसा है, ये बातें सीधा असर डालती हैं. जानते हैं इसके बारे में
तिजोरी की दिशा
वास्तु के अनुसार तिजोरी को हमेशा दक्षिण दिशा में रखना चाहिए. तिजोरी से दीवार की दूरी कम से कम एक इंच होना चाहिए. तिजोरी की पीठ दक्षिण दिशा में होनी चाहिए. उसका दरवाजा उत्तर दिशा की ओर खुलना शुभ माना जाता है. उत्तर दिशा को धन, समृद्धि और कुबेर की दिशा कहा जाता है. इसके अलावा, तिजोरी को आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) और नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) कोण में रखना अशुभ माना जाता है.
रोशनी और हवा
वास्तु शास्त्र के अनुसार तिजोरी वाले कमरे की दिशा और उसकी संरचना घर की आर्थिक स्थिरता पर सीधा प्रभाव डालती है. माना जाता है कि यदि इस कमरे का मुख्य दरवाजा पूर्व या उत्तर दिशा में हो, तो यह दिशा घर में सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और धन आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इन दिशाओं को देवताओं और कुबेर की दिशा माना गया है. इसलिए इनकी ओर खुलने वाला कमरा आर्थिक रूप से बेहद शुभ माना जाता है. हालांकि, एक महत्वपूर्ण नियम यह भी है कि तिजोरी को कमरे के दरवाजे के बिल्कुल सामने नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से धन अस्थिर होता है. खर्च बढ़ सकते हैं. तिजोरी वाले कमरे में प्राकृतिक प्रकाश और वेंटिलेशन होना भी बेहद जरूरी है.
धन का लेन-देन
वास्तु शास्त्र के मुताबिक पैसों की लेनदेन में समय के नियमों का पालन करना भी बेहद जरूरी है. इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम है ब्रह्म मुहूर्त और शाम के समय धन का लेन-देन न करना. ब्रह्म मुहूर्त, यानी सूर्योदय से लगभग डेढ़ से दो घंटे पहले का समय, आध्यात्मिक ऊर्जा और साधना का समय माना गया है. इस समय किया गया धन का लेन-देन आर्थिक अस्थिरता, धन हानि या अनावश्यक खर्चों को बढ़ा सकता है. इसी तरह शाम का समय भी धन लेन-देन के लिए अशुभ माना गया है. शाम के समय जब सूर्य अस्त होने लगता है, इस अवधि में धन उधार देने से घर की सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि बाहर जाने लगती है.
गुरुवार और शुक्रवार को तिजोरी की पूजा करना वास्तु और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है. कहा जाता है कि इन दिनों में की गई पूजा विशेष रूप से धन में इजाफा करती है
पर्स में मोर पंख रखने से बचें
धन आकर्षित करने के लिए कई लोग पर्स में मोर पंख रखते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र इसे अशुभ मानता है. मोर पंख ऊर्जा से भरा हुआ माना जाता है. इसे खुले और पवित्र स्थान में रखने से शुभ प्रभाव बढ़ता है. वास्तु के अनुसार पर्स में मोर पंख रखने से अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं. धन रुकने के बजाय बाहर जा सकता है.
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